चंडीगढ़ । एक आर्मी जनरल कोर्ट मार्शल (जीसीएम ) ने रविवार को एक मेजर जनरल को दो साल पुराने यौन उत्पीड़न मामले में सेवा से बर्खास्त करने की सिफारिश की। सूत्र ने कहा, ‘लेफ्टिनेंट जनरल-रैंक के अधिकारी की अध्यक्षता वाले जीसीएम ने आज सुबह 3.30 बजे अपना फैसला सुनाया, जिसमें अधिकारी पर IPC की धारा 354A और आर्मी एक्ट 45 के तहत आरोप लगाए गए हैं, जो बल में अधिकारियों के असहयोग से संबंधित है।
उन्होंने कहा, ‘उन पर पहले आईपीसी की धारा 354 के तहत आरोप लगाए थे, लेकिन अदालत ने विशेष निष्कर्ष दिए और उन्हें आईपीसी की धारा 354 ए के तहत दोषी ठहराया गया। सेना के नियमों के अनुसार, जीसीएम की सिफारिश को अब पुष्टि करने के लिए सेना के चीफ ऑफ स्टाफ सहित उच्च अधिकारियों के पास भेज दिया जाएगा। उच्च अधिकारियों के पास फैसला बदलने की भी शक्तियां होती हैं।
ट्रायल में मेजर जनरल का प्रतिनिधित्व कर रहे एडवोकेट आनंद कुमार ने एएनआई को बताया कि वे इस आदेश के खिलाफ अपील करेंगे क्योंकि कोर्ट ने रक्षा मामले पर बिल्कुल भी गौर नहीं किया है। साक्ष्य को ठीक से नहीं सराहा गया है और जल्दबाजी में निर्णय दिया गया है।
मेजर जनरल पूर्वोत्तर में तैनात थे जब ये कथित घटना 2016 के अंत में हुई। सूत्रों ने कहा कि अधिकारी ने कैप्टन रैंक की महिला अधिकारी द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन किया है। सशस्त्र बल न्यायाधिकरण के समक्ष दायर एक याचिका में अधिकारी ने दावा किया था कि वह सेना के भीतर गुटबाजी का शिकार हुआ, जो उस वर्ष सेना प्रमुख की नियुक्ति के कारण कथित रूप से उत्पन्न हुई थी।