नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा में देश के पूर्व प्रधानमंत्री रहे राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने का प्रस्ताव पेश किया गया है। पार्टी के एक विधायक की ओर से पेश किए गए इस प्रस्ताव में कहा गया है कि राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लिया जाना चाहिए।
दिल्ली विधानसभा में पेश किए गए इस प्रस्ताव पर कांग्रेस ने जमकर हमला बोला है। दिल्ली कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन ने कहा कि राजीव गांधी ने देश के लिए अपना जीवन कुर्बान किया है, लेकिन इस प्रस्ताव से आम आदमी पार्टी का असली रंग खुलकर सामने आ गया है। माकन ने कहा कि हम हमेशा से यह बात कहते रहे हैं कि आम आदमी पार्टी भारतीय जनता पार्टी की बी टीम है।
आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने ट्वीट करके मामले पर सफाई दी। उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव पास नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि यह व्यक्तिगत तौर पर पेश किया गया प्रस्ताव था, जिसपर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है।
उन्होंने कहा है कि विधानसभा में पेश किए गए प्रस्ताव में स्वर्गीय राजीव गांधी के बारे में कुछ नहीं लिखा था। एक विधायक ने इस पर अपने हाथ से कुछ लिखकर दिया था। राजीव गांधी के बारे में लिखी गई लाइन मूल प्रस्ताव का हिस्सा नहीं था। उन्होंने आगे बताया कि उक्त विधायक ने इस प्रस्ताव में अपने हस्तलिखित संशोधन को शामिल करने की प्रार्थना की थी। किसी भी संशोधन को इस तरह शामिल नहीं किया जाता है।
बता दें कि हाल ही में 1984 के सिख विरोधी दंगे के एक मामले में कांग्रेस के पूर्व नेता सज्जन कुमार के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट ने उम्रकैद की सजा सुनाई थी और 31 दिसंबर तक सरेंडर करने को कहा था। कोर्ट के इस फैसले के बाद सिख समुदाय ने एक सुर में कांग्रेस पार्टी की आलोचना की थी।
कोर्ट के इस फैसले के बाद देश भर में जगह-जगह कांग्रेस के खिलाफ प्रदर्शन देखने को मिला था। दरअसल, राजीव गांधी के प्रधानमंत्री रहते हुए देश ने सिख दंगों का सामना किया था। इसमें बड़ी संख्या में लोगों की जान गई थीं।