कोलकाता। कोलकाता हाई कोर्ट से बीजेपी की लोकतंत्र बचाओ यात्रा को हरी झंडी मिल गई है। अदालत ने कड़ी टिप्पणी करते हुए ममता बनर्जी सरकार की दलीलों को मानने से इंकार कर दिया। अदालत ने कहा कि आप कल्पना के जरिए डर को वजह नहीं बना सकते हैं। आप कल्पना के जरिए या किसी दूसरे राज्य में क्या हो रहा है उस आधार पर सांप्रदायिक हिंसा के कयास नहीं लगा सकते हैं। लोकतंत्र में सभी राजनीतिक दलों को अपनी बात रखने और कहने का अधिकार होता है, ऐसे में कोई भी सरकार किसी पार्टी के बुनियादी अधिकारों पर हमला नहीं कर सकती है।
पिछले दिनों बीजेपी की रथ यात्रा पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने रोक लगा दी थी, जिसके बाद बीजेपी ने कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। दरअसल कुछ समय पहले ही पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी की रथ यात्रा को राज्य में प्रवेश करने से बैन कर दिया था। इसके बाद राज्य में विपक्ष बीजेपी पार्टी ने राज्य सरकार के इस फैसले को चुनौती देते हुए कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका दायर कर दिया था।
टीएमसी सरकार ने बुधवार को हाई कोर्ट से कहा था कि राज्य में रैली के कारण होने वाले सांप्रदायिक सौहार्द पर खतरों के चलते इसपर रोक लगाई गई थी। राज्य सरकार की तरफ से पेश हुए वकील जनरल किशोर दत्ता ने बंद रिपोर्ट में ये कहा था कि बीजेपी रैली के ब्रॉशर (पोस्टर) में सांप्रदायिक सामग्रियों का जिक्र है जो काफी संवेदनशील है और राज्य के लिए खतरा हो सकता है। उन्होंने ये दलील दी थी कि खुफिया सूत्रों के द्वारा ये जानकारी मिली है।