– इस बार मास्टर प्लान के आधार पर निर्धारित किए गए हैं नए कलेक्टर रेट
गुरूग्राम, 19 दिसंबर- हरियाणा सरकार द्वारा अचल संपत्ति के मार्केट रेट में उतार-चढ़ाव को देखते हुए वित्त वर्ष में दो बार कलेक्टर रेट रिवाइज करने के निर्णय के अनुरूप गुरुग्राम जिला में चालू वित्त वर्ष के दूसरे फेज के लिए कलेक्टर रेट रिवाइज कर दिए गए हैं और रिवीजन के बाद नए कलेक्टर रेट 20 दिसंबर से पूरे गुरुग्राम जिला में लागू होंगे।
गुरुग्राम जिला प्रशासन के प्रवक्ता ने बताया कि इस बार नए कलेक्टर रेट जिला में स्थित अचल संपत्ति की विशेष समीक्षा के बाद निर्धारित किए गए हैं। इसमें जिला की मास्टर प्लान को आधार बनाया गया है और जो एरिया जिस श्रेणी में था जैसे रिहायशी, कमर्शियल, इंडस्ट्रियल या इंस्ट्यूशनल अथवा अन्य कोई आरक्षित श्रेणी, उन सभी के लिए अलग- अलग कलेक्टर रेट की दरें निर्धारित की गई है ।
उन्होंने बताया कि गुरुग्राम जिला में इस बार मास्टर प्लान के हिसाब से जमीन अथवा प्लॉट के कलेक्टर रेट तय किए गए हैं क्योंकि मास्टर प्लान में दर्शाई गई अलग-अलग श्रेणी के लिए आरक्षित भूमि के मार्केट रेट भी उपयोगिता के हिसाब से अलग अलग होते हैं। इसी अनुरूप नए कलेक्टर रेट तय किए गए हैं ताकि मार्केट रेट के साथ सामंजस्य बना रहे। इस प्रकार का प्रयोग शायद हरियाणा में पहली बार गुरुग्राम में किया गया है।
इसके अलावा, कलेक्टर रेट निर्धारित करते समय विशेष कमर्शियल प्रॉपर्टी तथा ऊंची दरों वाली रिहायशी प्रॉपर्टी का भी ध्यान रखा गया है और ऐसे सेक्टरों को चिन्हित करके उनके अलग रेट निर्धारित किए गए हैं। ऐसी ऊंची दरों वाली कमर्शियल तथा रिहायशी प्रॉपर्टी के क्षेत्र वार अलग अलग रेट तय किए गए हैं। ऐसे विशेष क्षेत्रों की मार्केट में मांग तथा रेट के अनुसार ही कलेक्टर रेट भी अलग तय किए गए हैं तथा ऐसी ऊंची दरों वाली प्रॉपर्टी को चिन्हित करके उनके नाम के साथ रेट भी अलग ही होंगे।
उपायुक्त विनय प्रताप सिंह का कहना है कि गुरुग्राम जिला में नए कलेक्टर रेट का निर्धारण करने की पूरी कार्यवाही जिला वासियों से दावे व आपत्तियां आमंत्रित करके सुनवाई करने के बाद ही निर्धारित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि ये नए कलेक्टर रेट 20 दिसंबर से लागू हो जाएंगे और जिला प्रशासन की वेबसाइट पर बुधवार मध्य रात्रि के बाद डाल दिए जाएंगे ताकि वीरवार को जमीन अथवा प्लॉट की रजिस्ट्री करवाने के लिए आने वाले लोगों को किसी प्रकार की असुविधा ना हो।