दक्षिण-पश्चिम एवं बंगाल की खाड़ी से सटे पश्चिम-मध्य क्षेत्र के ऊपर चक्रवाती तूफान ‘फेठई’ के तेज होने की आशंका

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नई दिल्ली। बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम में चक्रवाती तूफान ‘फेठई’ पिछले 6 घंटे के दौरान 16 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उत्‍तर-उत्‍तर-पश्चिम की ओर बढ़ गया है और 16दिसम्‍बर, 2018 को भारतीय समय के अनुसार सुबह 08.30 बजे 11.8 डिग्री उत्‍तर अक्षांश और 84 डिग्री पूर्व देशांतर, ट्रिंकोमाली (श्रीलंका) से लगभग 460 किलोमीटर उत्तर-पूर्व, चेन्‍नई (तमिलनाडु) से 430 किलोमीटर पूर्व-दक्षिणपूर्व, एवं मछलीपट्टनम (आंध्र प्रदेश) से 560किलोमीटर दक्षिण- दक्षिणपूर्व में केन्द्रित हो गया है। इसके अगले 24 घंटों के दौरान बेहद तेज होकर उग्र चक्रवाती तूफान में परिवर्तित होने की संभावना है। 17 दिसम्‍बर की दोपहर में इसके उत्‍तर- उत्‍तरपश्चिम की ओर बढ़ने और मछलीपट्टनम तथा काकीनाड़ा के बीच आंध्र प्रदेश के समुद्र तट को पार करने की काफी संभावना है। तथापि, प्रतिकूल पर्यावरणगत स्थितियों के कारण इनके जमीन पर बरसने से पूर्व मामूली रूप से कमजोर पड़ने तथा एक चक्रवाती तूफान के रूप में तट को पार करने की संभावना है।

चेतावनियां :

  1. भारी वर्षा की चेतावनी :
  • 16 एवं 17 दिसम्‍बर को तटीय आंध्र प्रदेश के कुछ स्थानों पर बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है। 17 दिसम्बर को आंध्र प्रदेश के उत्तरी तटीय क्षेत्रों में भी कुछ स्थानों पर बेहद भारी (≥ 20 सेमी) वर्षा होने की संभावना है। 16 दिसम्बर को उत्तरी तमिलनाडु के सटे हुए जिलों में कुछ स्थानों पर भारी वर्षा तथा कुछ स्थानों पर सामान्य वर्षा की उम्मीद है।
  • 16 दिसम्‍बर को कुछ स्थानों पर वर्षा तथा कुछ छिटपुट स्थानों पर भारी वर्षा तथा 17 दिसम्‍बर को ओडिशा के अधिकांश स्थानों पर वर्षा तथा छिटपुट स्थानों पर भारी से बहुत भारी वर्षा एवं 16 व 17 दिसम्बर को दक्षिणी छत्तीसगढ़ के कुछ स्थानों पर बहुत भारी वर्षा होने की उम्मीद है। 17 दिसम्बर को झारखण्ड में कई स्थानों पर वर्षा तथा कुछ छिटपुट स्थानों पर भारी वर्षा होने की उम्मीद है।
  • 17 दिसम्बर को पश्चिमी बंगाल के गंगा के मैदानी क्षेत्रों में अधिकांश स्थानों पर वर्षा और छिटपुट स्थानों पर भारी वर्षा होने की उम्मीद है।
  1. आंध्र प्रदेश, उत्‍तरी तमिलनाडु, पुदुच्‍चेरी एवं दक्षिण ओडिशा तटों में तेज हवा की चेतावनी :
  • दक्षिणी आंध्र प्रदेश, उत्‍तरी तमिलनाडु और पुदुच्‍चेरी में और उससे दूर समुद्र तट पर 45-55 से लेकर 65 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज़ हवाएं चलने की संभावना है। मध्य आंध्र प्रदेश के तट एवं पुदुच्चेरी के यनम जिले में 17 दिसम्‍बर को उसकी रफ्तार बढ़कर 80-90 किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर 100 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच सकती है। 17 दिसम्बर को आंध्र प्रदेश के शेष हिस्सों में झंझावात वाली हवा की गति 60-70 किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर 80 किलोमीटर प्रति घंटे तक तथा उत्तरी तमिलनाडु और पुदुच्चेरी के तटीय क्षेत्रों में 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर 60 किलोमीटर प्रतिघंटे तक की तूफानी हवा चलने की संभावना है।
  • 17 दिसम्बर को दक्षिण ओडिशा तट के आसपास 30-40 किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर 50 किलोमीटर तक की तेज हवा चलने की उम्मीद है।
  1. समुद्री क्षेत्रों के लिए हवा की चेतावनी :
  • बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम और आसपास के पश्चिम-मध्य क्षेत्र में 80-90 किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तूफानी हवाएं चल रही हैं। इनके 17 दिसम्‍बर तक 80-100 किलोमीटर प्रति घंटे से लेकर 110 किलोमीटर प्रति घंटे तक पहुंच जाने की संभावना है।
  • 17 दिसम्बर को बंगाल की खाड़ी के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में 30-40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे तक की तेज हवा चलने की उम्मीद है।
  1. समुद्र की स्थिति

बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिम और नजदीकी पश्चिम-मध्य में समुद्र में ऊंची लहरें उठेंगी। 16 से 17दिसम्‍बर तक बंगाल की खाड़ी के पश्चिम-मध्य और नजदीकी दक्षिण-पश्चिम में इनके और अधिक ऊंचा होने की आशंका है। इनके दक्षिणी आंध्र प्रदेश, उत्तरी तमिलनाडु एवं पुदुच्चेरी में और अधिक उग्र होने की संभावना है तथा 16 से 17 दिसम्बर की शाम तक मध्य आंध्र प्रदेश के तटों एवं पुदुच्चेरी के यनम जिले के आसपास इनके और उग्र हो जाने की संभावना है।

  1. तूफानी हवाओं को लेकर चेतावनी:

तूफानी हवाओं के साथ लगभग 0.5 मीटर से 1.0 मीटर बेहद ऊंची लहरों के कारण तटीय आंध्र प्रदेश (पूर्वी एवं पश्चिमी गोदावरी, विशाखापट्टनम, कृष्णा एवं गुंटूर जिले) और पुदुच्चेरी के यनम जिले के निचले स्थानों के जलमग्न हो जाने की संभावना है।

  1. तटीय आंध्र प्रदेश (पूर्वी एवं पश्चिमी गोदावरी, विशाखापट्टनम, कृष्णा एवं गुंटूर जिले) और पुदुच्चेरी के यनम जिले में संभावित नुकसान
  • पेड़ों की डालियों के टूटने के कारण छप्पर वाली झोपड़ियों एवं बिजली तथा संचार लाइनों को नुकसान हो सकता है। कच्ची एवं पक्की सड़कों को बड़ा नुकसान हो सकता है। छोटे पेड़ उखड़ सकते हैं तथा धान की फसलों, केला, पपीते के पेड़ों एवं बगीचों को भी नुकसान हो सकता है। कच्चे बांधों के क्षरण के बाद निचले क्षेत्रों में समुद्र का पानी घुस सकता है।
  1. सुझाए गए कदम
  • 16 एवं 17 दिसम्बर को आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्रों में मछली पकड़ने की गतिविधियों को पूरी तरह स्थगित किया गया।
  • मछुआरों को 17 दिसम्बर तक बंगाल की खाड़ी एवं आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्रों, उत्तर-तमिलनाडु एवं पुदुच्चेरी तटों के दक्षिण-पश्चिम एवं पश्चिम-मध्य में न जाने की सलाह दी गई है।
  • मछुआरों को 17 दिसम्बर को ओडिशा के दक्षिणी तटों के समीप न जाने की सलाह दी गई है।

जो गहरे समुद्री क्षेत्रों में हैं उन्हें तटों पर लौट आने का सुझाव दिया गया है।

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