नयी दिल्ली । दिल्ली उच्च न्यायालय ने विमान नियमों के कथित उल्लंघन और सबूतों से छेड़छाड़ करने के मामले में एयर इंडिया के पायलट कैप्टन अरविंद कठपालिया की अग्रिम जमानत याचिका पर बृहस्पतिवार को पुलिस से जवाब मांगा।
न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने एयर इंडिया के कार्यकारी निदेशक (ऑपरेशन्स) रहे कठपालिया की याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया और मामले पर अगली सुनवाई के लिए 20 दिसंबर की तारीख तय की।
पुलिस के अनुसार, कठपालिया ने विमान उड़ाने से पहले पायलट के शराब पीने की अनिवार्य जांच कराए बिना नई दिल्ली से बेंगलुरू तक विमान उड़ाया था।
दिल्ली पुलिस ने यह कहते हुए कठपालिया की याचिका का विरोध किया कि यह धोखाधड़ी का सामान्य मामला नहीं है और इसके गंभीर नतीजे हो सकते थे।
इससे पहले एक निचली अदालत ने पुलिस को जनवरी 2017 में विमान नियमों के उल्लंघन, सबूतों से छेड़छाड़ और एयर इंडिया के साथ काम कर रहे एक डॉक्टर को डराने धमकाने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश दिए थे।
अदालत ने कठपालिया के कृत्यों पर कथित तौर पर पर्दा डालने के लिए प्राथमिकी में संयुक्त नागरिक उड्डयन महानिदेशक ललित गुप्ता को आरोपी के तौर पर नामजद करने के भी निर्देश दिए थे।
अदालत ने दिल्ली पुलिस द्वारा दायर की गई कार्रवाई रिपोर्ट को रिकॉर्ड में लिया और कहा कि ‘प्रथम दृष्टया’ यह संज्ञेय अपराध है जिसमें विस्तृत जांच करने और सबूत एकत्रित करने की जरुरत है।
भारतीय पायलट संघ द्वारा 19 जनवरी 2017 को दर्ज कराई गई एक शिकायत के अनुसार, कठपालिया को नई दिल्ली से बेंगलुरू तक एक विमान उड़ाना था और उन्होंने उड़ान से पहले पायलट के शराब पीने की अनिवार्य जांच कराए बिना ही विमान उड़ाया। यहां तक कि बेंगलुरू में भी उन्होंने ऐसी ही जांच कराने से इनकार कर दिया।
बाद में नई दिल्ली पहुंचने पर वह कथित तौर पर विमान उड़ाने से पूर्व चिकित्सा जांच कक्ष (प्री फ्लाइट मेडिकल एग्जामिनेशन रूम) में गए और जिस विमान को उन्होंने उड़ाया था उसके लिए जांच रजिस्टर में झूठी एंट्री कर दी।
कठपालिया ने डीजीसीए के ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर नितिन सेठ को भी डराया-धमकाया और उनके साथ डीजीसीए की जांच में दिए अपने बयान को वापस लेने के लिए जोर जबरदस्ती की। सेठ ने आरोप लगाया कि कैप्टन ने रजिस्टर में रिकॉर्ड से छेड़छाड़ की थी।
ऐसा भी आरोप है कि सबूतों से छेड़छाड़ करने और डराने-धमकाने के साथ साथ विमान नियमों का भी उल्लंघन किया गया।