चंडीगढ़ : माता-पिता को शायद यह पता भी नहीं होगा कि जिस बेटी को पढ़ा लिखाकर वह बड़ा बनाने का सपना देख रहे हैं वह चंद पैसों के लिए गलत रास्ते पर चल रही है। कम समय में अधिक पैसे कमाने के लिए डीएवी कॉलेज की एमएससी छात्रा एक युवक के साथ मिलकर नशा तस्करी कर रही थी। छात्रा मूलरूप से हिमाचल के सोलन की रहने वाली है और जीरकपुर में पेइंग गेस्ट में रहती है। वह बलटाना में ही रहने वाले युवक के साथ मिलकर नशा तस्करी करती थी। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के अफसरों को ये सूचना मिली थी कि कुछ लोग दिल्ली से ड्रग्स लाकर चंडीगढ़, पंचकूला, मोहाली और आस पास के इलाके में सप्लाई कर रहे हैं। इस सीक्रेट इन्फोर्मेशन के आधार पर रविवार को एनसीबी के अफसरों ने दप्पर टोल प्लाजा पर ट्रैप लगाकर चंडीगढ़ नंबर की इनोवा कार की जब चेकिंग की तो उसमें से हेरोइन की खेप बरामद हुई। कार में छात्रा व युवक इंद्रजीत सिंह सवार था। पूछताछ में दोनों ने तस्करी की बात स्वीकार की।
एनसीबी के अफसरों ने बताया कि दप्पर टोल प्लाजा पर दोपहर के समय ट्रैप लगाया गया था। तभी टोल प्लाजा से एक इनोवा (सीएच-04-के-3895) गुजर रही थी। पुलिस ने रोककर इनोवा की तलाशी ली। इस दौरान गाड़ी की डिक्की से 415 ग्राम का हेरोइन का पैकेट बरामद हुआ। ये एनसीबी की ओर से 45वीं रेड थी, जिसमें ट्रैप लगाकर ड्रग्स की तस्करी करते आरोपितों को पकड़ा गया है। इससे पहले भी कई बार दप्पर टोल, अंबाला-चंडीगढ़ टोल प्लाजा और चंडीगढ़-कालका टोल प्लाजा पर एनसीबी के अफसरों ने सीक्रेट इन्फोर्मेशन के आधार पर लाखों करोड़ों की ड्रग्स तस्करी करते हुए आरोपितों को दबोचा है।
दिल्ली से लाकर चंडीगढ़, जीरकपुर और मोहाली में हेरोइन करते थे सप्लाई
एनसीबी ने जब आरोपितों से पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि वे दिल्ली से हेरोइन लाकर चंडीगढ़, जीरकपुर और मोहाली व आस-पास के इलाकों में सप्लाई करते थे। आरोपितों से पूछताछ जारी है, ताकि दिल्ली में जहां से हेरोइन लाकर यहां सप्लाई की जा रही है उस पूरे गिरोह को दबोचा जा सके। अफसरों के मुताबिक युवती जीरकपुर में बतौर पेइंग गेस्ट रहती है। बताया जा रहा है पकड़े गए दोनों आरोपित पिछले कई सालों से ड्रग्स की तस्करी कर रहे हैं।