एनएचएम् व सरकार आमने-सामने , 53 बर्खास्त

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अनिल विज ने दिए बर्खास्तगी के साथ भर्ती के भी आदेश

 

चंडीगढ़ :  हरियाणा सरकार और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के बीच अब पूरी तरह तलवार खिंच गई है। एक तरफ अपनी मांगों को लेकर कर्मचारी यूनियनें अड़ी हुई है, वहीँ सरकार ने भी साफ़ कर दिया है कि किसी भी सूरत में वह झुकने वाली नहीं है। इस बीच सरकार ने हडताल का नेतृत्व करने वाले एनएचएम के 53 और भी कर्मचारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। बर्खास्त कर्मचारियों पर भडकाने, काम करने से रोकने तथा मरीजों के लिए परेशानी उत्पन्न करने का आरोप लगाया गया है। बर्खास्त कर्मचारियों की संख्या बढ़कर 65 के करीब हो गया है।

 

 बर्खास्तगी वाले जिले

हडताल का नेतृत्व करने वालों में जिला भिवानी से 3, फरीदाबाद से 4, हिसार से 2, सोनीपत से 6, रेवाड़ी से 3, गुरूग्राम से 9, करनाल से 2, पंचकूला से 5, पलवल से 6, जीन्द से 4 तथा सिरसा से 9 कर्मचारियों को बर्खास्त किया गया है। ये कर्मचारी, काम करने की चाह रखने वाले अन्य कर्मचारियों के सामने बाधा डाल रहे थे। इससे पहले भी सरकार ने ऐसे 12 कर्मचारी नेताओं को बर्खास्त कर दिया है।

 

23 हजार से अधिक कर्मचारी हड़ताल पर

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल के साथ गत बुधवार को राज्य के 10 नगर निगमों, 17 नगर परिषदों व 53 नगर पालिकाओं के लगभग 23500 कर्मचारी हड़ताल पर चले गए हैं। प्रदर्शनों में सर्व कर्मचारी संघ हरियाणा से संबंधित विभिन्न विभागों के कर्मचारियों ने शामिल होकर एकजुटता दिखाई।

 

यूनियन पर कर्मचारी विरोधी होने के आरोप

नगरपालिका कर्मचारी संघ हरियाणा के प्रधान नरेश कुमार शास्त्री व महासचिव जरनैल सिंह चिंडालिया ने कहा कि 27 अक्टूबर तक उनकी मांगों पर सरकार ने यदि कोई ठोस कार्रवाई नहीं की तो 28 अक्टूबर को राज्य कार्यकारिणी की बैठक आयोजित होगी। हरियाणा कर्मचारी महासंघ के प्रांतीय महासचिव वीरेंद्र सिंह धनखड़ ने कहा कि सरकार का कर्मचारी वर्ग के प्रति रवैया सही नहीं है। यही वजह है कि कर्मचारियों में सरकार के प्रति गहरा रोष रहा है।

 

मंत्री ने मांग को अनुचित कहा

स्वस्थ्य मंत्री अनिल विज ने बर्खास्तगी की पुष्टि करते हुए कहा कि प्रदेश के सभी सिविल सर्जनस को हडताल पर जाने वाले रैफरल ट्रांस्पोर्ट के चालकों के स्थान पर नये चालकों की भर्ती करने के आदेश दिये हैं ताकि मरीजों के लाने-लेजाने में किसी प्रकार की कोई दिक्कत न हो। उन्होंने कहा कि एनएचएम के कर्मचारी भी यह मानते हैं कि वे नियमित नही हो सकते है, फिर भी वे अपनी अनुचित मांग पर अड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेन्द्र सिंह हुड्डï ने अपने कार्यकाल के दौरान नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए अपने ही कार्यकर्ताओं को एनएचएम में भर्ती करवाया था, जोकि आज दूसरे कर्मचारियों को हडताल करने को मजबूर कर रहे हैं। मंत्री ने कहा कि हमारी सरकार कर्मचारियों के हितों में हैं और उन्होंने स्वयं पहल करके एनएचम कर्मचारियों को अधिकतम 8 वर्षों के अनुभव के 8 अंक तथा आयु सीमा में 5 वर्ष तक का रियायत प्रदान करवाई है।

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