विवादों का निपटारा मीडिएशन और कन्सीलिएशन से कराने वालों को ट्रेनिंग

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गुरूग्राम । देश में विवादों का निपटारा मीडिएशन और कन्सीलिएशन(मध्यस्थता और सुलह) के प्रभावी क्रियान्वयन से सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उच्चतम न्यायालय की मीडिएशन एवं कन्सीलिएशन प्रौजेक्ट कमेटी(एमसीपीसी) द्वारा मीडिएशन विषय में लगे मास्टर trainers के कौशल में वृद्धि के लिए सघन प्रशिक्षण कार्यक्रम गुरूग्राम में करवाया जा रहा है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम गुरूग्राम के होटल अन्या में 20 नवंबर को शुरू हुआ था और यह 24 नवंबर तक चलेगा।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ गुरूग्राम के जिला एवं सत्र न्यायधीश रवि कुमार सोंधी ने किया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में देशभर से 26 मास्टर टेªनर भाग ले रहे हैं, जिन्हें अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त 9 मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण दे रहे हैं। इन 9 मास्टर ट्रेनरों में श्री राम पांचू तथा ए जे जावड़ भी हैं जो मास्टर ट्रेनरों के कौशल में वृद्धि करके उन्हें मीडिएशन में और भी निपुण बना रहे हैं।
शुभारंभ अवसर पर जिला एवं सत्र न्यायधीश श्री सोंधी ने कहा कि कमर्शियल कोर्ट्स एक्ट के अंतर्गत प्री-लिटिगेशन मीडिएशन को अनिवार्य कर दिया गया है। इससे पता चलता है कि मीडिएशन को हमारे देश में कितना महत्व दिया गया है ताकि भारत की ईज आॅफ डूइंग बिजनेस तथा ईज आॅफ डिस्प्यूट रेजोल्यूशन में रैंकिंग में सुधार हो। उन्होंने कहा कि कुशल और दक्ष मीडिएटर न्यायालयों में बनाए गए मीडिएशन सैंटरों में उपलब्ध हों, इसके लिए प्रशिक्षित और दक्ष मास्टर ट्रेनरों का होना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पहले मीडिएशन ट्रेनिंग देने के लिए हम बाहर विदेशों से ट्रेनर बुलाते थे लेकिन अब उच्चतम न्यायालय के न्यायमूर्ति मदन बी लोकुर के कुशल मार्गदर्शन में चल रही मीडिएशन एवं कंसीलिएशन प्रौजेक्ट कमेटी के प्रयासों से हम अपने यहां बहुत ही अच्छे और कुशल टेªनरों का समूह तैयार कर पाए हंै।
उन्होंने कहा कि गुरूग्राम में चलाए जा रहे पांच दिवसीय एडवांस्ड ट्रेनर ट्रेनिंग प्रोग्राम के माध्यम से यह प्रयास किए जा रहे हैं कि देश के हर राज्य में मीडिएशन के अपने ट्रेनर उपलब्ध हों। आज हमारे पास कुशल ट्रेनरों का एक बैच उपलब्ध है जो पहले भी विस्तृत ट्रेनिंग व सघन मूल्यांकन से गुजर चुका है और अब यह बैच पांच दिन के सघन ट्रेनिंग आॅफ ट्रेनर्स कार्यक्रम में हिस्सा ले रहा है। इससे हमारे ट्रेनरों के प्रतियोगी क्षमता और कौशल के स्तर में वृद्धि होगी जिसके लिए एमसीपीसी ने कोई कोर कसर नही छोड़ी है। उन्होंने बताया कि देश के विभिन्न भागों से 7 मास्टर ट्रेनर इस सघन प्रशिक्षण कार्यक्रम में एमसीपीसी द्वारा कड़े मूल्यांकन मापदंडों के बाद चयनित प्रशिक्षणार्थी रूपी हीरों को तराश रहे हैं।
इस पांच दिवसीय एडवांस्ड ट्रेनर ट्रेनिंग प्रोग्राम में रिसोर्स पर्सन के तौर पर एडवोकेट ट्रेनर श्रीराम पांचू, सुश्री उमा रमा नाथन, ए जे जावड़, सुश्री सुशीला एस, सुश्री शोभा पाटिल, जज ट्रेनर सुश्री शैलेन्द्र कौर, जज ट्रेनर हरीश डूडानी शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि न्यायालयों में भारी संख्या में लंबित विवादों की वजह से देश की न्यायपालिका विशेषकर उच्च स्तरीय न्यायिक अधिकारी विवादों का निपटारा करने के वैकल्पिक तंत्र की खोज में हैं। इस कड़ी में मीडिएशन अर्थात् मध्यस्थता को एक वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्र के रूप में देखा जा रहा है, जो भारत में तेजी से उभर रहा है। देश में विभिन्न उच्च न्यायालयों द्वारा मीडिएशन सैंटरों की शुरूआत करके इस वैकल्पिक विवाद निवारण तंत्र को मान्यता दी गई है और अब ऐसे सैंटर जिला तथा उप मंडल स्तर पर भी खोले जा रहे हैं। उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित मीडिएशन एवं कंसीलिएशन प्रौजेक्ट कमेटी द्वारा मीडिएशन पर बल दिया जा रहा है, जिसके माध्यम से देशभर में हजारों मीडिएटरों को सफलतापूर्वक प्रशिक्षण भी दिया गया है।

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