” मिशन माटी के दीप ” के तहत प्रजापति समाज ने जलाए 2100 मिटटी के दीये !

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भारतीय प्रजापति हीरोज ऑर्गेनाइजेशन सहित 4 प्रमुख सामजिक संस्थाओं ने किया विशेष आयोजन 

लोगों को दीपावली पर माटी के दीप जलाने के लिए प्रेरित किया 

सैकड़ों लोगों ने माता शीतला मंदिर के पास 2100माटी के दीप जलाए

पर्यावरण की दृष्टि से अनुकूल और रोजगार मूलक परम्परा : संजय प्रजापति

" मिशन माटी के दीप " के तहत प्रजापति समाज ने जलाए 2100 मिटटी के दीये ! 2गुरुग्राम :  भारतीय प्रजापति हीरोज ऑर्गेनाइजेशन सहित 4 प्रमुख सामजिक संस्थाओं ने मिलकर ” मिशन माटी के दीप ” रविवार को गुरुग्राम में लोगों को दीपावली पर माटी के दीप जलाने के लिए प्रेरित करने की दृष्टि से माता शीतला मंदिर के पास 2100 दीप जलाए. सभी संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने गुरुग्राम के लोगों से इस बार दीपावली पर केवल माटी के दीप ही जलाने का आह्वान किया. उन्होंने भारतीय संस्कृति को जीवित रखने और अपनी परंपराओं को बढ़ावा देने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया। इसके अलावा प्रजापति समाज के लोगों ने स्थानीय कटारिया चौक पर भी शहीदों के सम्मान में मिटटी के दीप जलाए. इस विशेष कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संजय प्रजापति, एडिशनल डायरेक्टर, पोस्टल डिपार्टमेंट, दिल्ली थे जबकि विशिष्ट अतिथियों में भारतीय प्रजापति हीरोज ऑर्गेनाइजेशन के प्रधान महासचिव रमेश टांक सहित दर्जनों गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे.

इस कार्यक्रम में जिले के कई क्षेत्रों से प्रजापति समाज के सैकड़ों प्रतिनिधियों ने भाग लिया और दीपावली पर मिट्टी के दीप जलाने की सौगंध खाई. साथ ही सामान्य जन को भी मिट्टी के दीप निशुल्क मुहैया कराने का आश्वासन दिया.

प्रति वर्ष की भांति इस बार भी भारतीय प्रजापति हीरोज ऑर्गेनाइजेशन के साथ कई सामाजिक संगठनों ने लोगों को मिट्टी के दीपक का उपयोग दीपावली के शुभ अवसर पर करने के लिए प्रेरित करने की दृष्टि से 2100 माटी के दीप जलाने के कार्यक्रम का आयोजन किया. इस बार यह कार्यक्रम का आयोजन गुरुग्राम के ऐतिहासिक एवं प्रसिद्ध धार्मिक स्थल माता शीतला मंदिर के पास किया गया . इसमें गुरुग्राम के शहरी क्षेत्र , सोहना, नाथूपुर, डूंडाहेड़ा, पलवल, पटोदी सहित दर्जनों ग्रामीण क्षेत्रों के सैकड़ों लोगों ने भाग लिया. सभी ने मिलकर सौहार्द पूर्ण वातावरण में माटी के 2100 दिए जलाए। बड़े पैमाने पर आयोजित इस कार्यक्रम को देखने के लिए सैकड़ों लोग एकत्रित हो गए." मिशन माटी के दीप " के तहत प्रजापति समाज ने जलाए 2100 मिटटी के दीये ! 3  

उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 में भी भारतीय प्रजापति हीरोज़ आर्गेनाईजेशन जिला गुरुग्राम ने मिशन माटी के दीप” स्वदेसी अपनाओं, मिट्टी के दीप जलाओ कार्यक्रम के तहत 1100 दीप प्रज्वलित कर समस्त देश वासियों को एक बहुत ही सुन्दर सन्देश दिया था । यह आयोजन शिव मूर्ति चौक, ओल्ड रेलवे रोड़ ,गुरुग्राम में आयोजित किया गया था । इसमें बड़ी संख्या में युवाओं व सभी बुद्धिजीवी समाज सेवी बंधुओं ने भाग लिया था. 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संजय प्रजापति ,असिस्टेंट डायरेक्टर, डिपार्टमेंट ऑफ पोस्टल, दिल्ली ने लोगों को संबोधित करते हुए भारतीय संस्कृति और पौराणिक परंपराओं की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि मिट्टी के दीप का धार्मिक महत्व है . साथ ही यह हमारे समाज व देश के अन्य समाज के लोगों को भी रोजगार प्रदान करने वाला साधन है. उन्होंने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि आज आधुनिक युग में दीपावली जैसे पवित्र त्यौहार पर भी हम विदेशी सामान का उपयोग धड़ल्ले से कर रहे हैं जो हमारे देश के आर्थिक स्वास्थ्य के लिए तो हानिकारक है ही साथ ही सामान्य लोगों के स्वास्थ्य की दृष्टि से भी प्रतिकूल है.

अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वजों व ऋषि मुनियों ने मिट्टी के दीप जलाने की परंपरा की शुरुआत की थी. इसके पीछे उनकी वर्षों का अनुसंधान था जिससे उन्हें इस बात का पूरा पूरा अनुभव था कि इससे पर्यावरण की दृष्टि से कोई नुकसान नहीं है. साथ ही अगर हम खर्च की बात भी करें तब भी तुलनात्मक दृष्टि से मिट्टी के दिए बहुत सस्ते उपलब्ध होते हैं. हमें इस बात का खयाल अवश्य रखना चाहिए कि यह पौराणिक रोजगार मूलक परंपरा है जिसे हमें आगे भी बनाए रखना चाहिए। आज हम इसके उत्पादन के लिए नई तकनीक का उपयोग कर सकते हैं. इस रोजगार को बढ़ावा देने के लिए सरकार की कई योजनायें भी चलाई गयी हैं. हमने उसका लाभ उठाना चाहिए. इसके आलावा मिटटी के लिए प्रत्येक गाँव में पंचायती जमीन आवंटित करने की जरूरत है.  

इस कार्यक्रम का समापन शीतला माता रोड स्थित प्रजापति धर्मशाला में किया गया. विशिष्ठ अतिथि रमेश टांक , प्रधान महासचिव भारतीय प्रजापति हीरोज आर्गेनाईजेशन ने भी समारोह को संबोधित किया. उन्होंने कहा की भारतीय परम्पराओं को जीवित रखने में सामाजिक संगठनों की भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है. हमें सक्रीय रूप से अपनी जिम्मेदारी को निभाना चाहिए. माटी के दीये जलाने का जो मिशन हमने शुरू किया है इसे पूरे देश में प्रोत्साहित करने का आन्दोलन चलाया जायेगा. उन्होंने लोगों से दीपावली के त्यौहार पर अपनी संस्कृति के अनुरूप मिटटी के दीप ही जला कर ख़ुशी का इजहार करना चाहिए.

प्रजापति समाज के लोगों ने शीतला माता मंदिर के अलावा कटारिया चौक पर भी शहीदों के सम्मान में माटी की दीप जलाए. इस कार्यक्रम में प्रजापति भारतीय प्रजापति हीरोज ऑर्गेनाइजेशन के साथ युवा प्रजापति संघ, प्रजापति शक्ति विकास संघ और इंटरनेशनल कुमार फाउंडेशन के पदाधिकारियों और सदस्यों ने भी सक्रिय रूप से भाग लिया.

प्रजापति हीरोज ग्रुप के सदस्य होशियार सिंह के अनुसार यह आयोजन लोगों को भारतीय परम्पराओं के प्रति जागरूक करने और विदेशी वस्तुओं से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान के प्रति सजग करने के लिये किया गया है। उन्होंने बताया कि माटी के दीये हमारी पौराणिक संस्कृति के प्रतीक ही नहीं बल्कि पर्यावरण के लिए भी अनुकूल हैं। हमारे पूर्वजों व ऋषि मुनियों ने बहुत रिसर्च कर इस परंपरा को अपनाया था।

उन्होंने कहा कि आज दुनिया ऐसे समान के उपयोग पर बल दे रही है जो रीसायकल हो सके और मिट्टी के दिये इस लिहाज से सबसे बेहतर विकल्प है। इसे उपयोग के बाद आसानी से डिस्पोज किया जा सकता है लेकिन चाइनिज वस्तुओं से पर्यावरण को नुकसान तो होता है साथ ही भारतीय घरेलू उद्योग को भी बड़ा नुकसान हो रहा है। माटी के बर्तन व दीप बनाने वाले आज हजारों लोग इस देश में बेरोजगार हो गए हैं।हमारी अर्थव्यवस्था को भी चाइनिज व्यवसाय से हानि हो रही है। हमे यह ध्यान रखना चाहिए कि माटी के दीप व बर्तनों को हमारे शास्त्र व वेद सर्वाधिक पवित्र और स्वास्थ्यवर्धक मानते हैं।

 

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