सिविल सर्जन ने सभी अस्पताल मालिकों को चेताया

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क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट को प्रभावी ढंग से लागू करने की दी हिदायत 

लापरवाही बरतने वाले के खिलाफ होगी कार्रवाई 

 
गुरूग्राम, 5 सितंबर। जिला में क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए आज जिला के सभी निजी अस्पताल प्रबंधको की उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में सिविल सर्जन डा़ गुलशन अरोड़ा ने सभी अस्पताल प्रबंधकों को एक्ट के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए उन्हें नियमानुसार इसका पालन करने के निर्देश दिए। 
 
उन्होंने कहा कि जो अस्पताल प्रबंधन इसे लागू करने में लापरवाही बरतेगा उसके खिलाफ एक्ट में दिए गए प्रावधानों अनुसार अधिकतम 50 हजार रूपये का जुर्माना लगाए जाने का प्रावधान है। डा. अरोड़ा ने बताया कि 50 बिस्तर या इससे अधिक वाले सभी अस्पतालों के लिए क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य है।वर्तमान में प्रोविजनल रजिस्ट्रेशन किया जा रहा है, जो अस्पताल आॅनलाइन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि ूूूण्बसपदपबंसमेजंइसपेीउमदजेण्हवअण्पद पर आॅनलाइन रजिस्ट्रेशन किया जा सकता है। 
 
डा. अरोड़ा ने बताया कि क्लीनिक एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत हरियाणा में रूल्स की नोटिफिकेशन जनवरी-2018 में हुई थी। नोटिफिकेशन की तिथि से 2 साल के भीतर प्रोविजनल रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है। यह प्रोविजनल रजिस्ट्रेशन एक वर्ष के लिए होगा और समयावधि समाप्त होने से एक महीने पहले अस्पताल प्रबंधन को परमानेंट रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करना होगा। 
उन्होंने बताया कि प्रोविजनल रजिस्ट्रेशन के लिए अस्पताल का किसी प्रकार का निरीक्षण नही किया जाएगा। सरकार के नियमानुसार उपायुक्त की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई जाएगी जिसमें सिविल सर्जन, आईएमए गुरूग्राम चैप्टर के प्रतिनिधि के अलावा अन्य स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े सदस्यों को शामिल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि फाइनल रजिस्ट्रेशन से पहले अस्पतालों की साइट इंस्पेक्शन होगी और जो नियमानुसार पाए जाएंगे उनका ही रजिस्टेªशन किया जाएगा।
 
इस अवसर पर उप-सिविल सर्जन डा. नीलम थापर, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डा. एम पी सिंह सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे। 

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