छत्तीसगढ़ किसान सभा ने धान समर्थन मूल्य की घोषणा को किसानों के साथ धोखाधड़ी बताया

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छत्तीसगढ़ की भाजपा सरकार पर वायदे से मुकरने का आरोप लाग्या

न्यूनतम समर्थन मूल्य लागत का डेढ़ गुना करने की मांग की

रायपुर। छत्तीसगढ़ किसान सभा ने भाजपा राज्य सरकार द्वारा धान के समर्थन मूल्य की घोषणा को किसानों के साथ धोखाधड़ी करार दिया है। प्रदेश में उत्पादित सभी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार लागत का डेढ़ गुना घोषित करने और फसल का एक-एक दाना खरीदने की व्यवस्था करने की मांग की है.

आज यहां जारी एक बयान में किसान सभा के प्रांतीय महासचिव ऋषि गुप्ता ने कहा है कि वर्ष 2013 में भाजपा ने घोषणा की थी कि वह बोनस सहित किसानों का धान 2400 रूपये प्रति क्विंटल की दर पर खरीदेगी. कृषि मजदूरों के लिए उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में औसत वृद्धि दर 8% के लगभग रही है. इसे ही गणना में लिया जाए, तो पांच साल बाद धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3500 रूपये प्रति क्विंटल पड़ेगा.

छग किसान सभा ने यह भी याद दिलाया है कि रमन सरकार ने ही पिछले वर्ष केंद्र सरकार से धान का समर्थन मूल्य 2800 रूपये प्रति क्विंटल घोषित करने की सिफारिश की थी. ऐसी स्थिति में बोनस सहित केवल 2050 रूपये में धान खरीदी की घोषणा किसानों के साथ धोखाधड़ी ही है और वह अपने चुनावी वादे से ही मुकर रही है.

किसान सभा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश के किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य को लागत का डेढ़ गुना घोषित करने, उनके फसल की सरकारी स्तर पर खरीदी सुनिश्चित करने और किसानों को बैंकिंग और महाजनी क़र्ज़ से मुक्ति दिलाने और इस हेतु किसान संगठनों से बातचीत कर प्रभावशाली कानून बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं. सरकार की इस धोखाधड़ी के बाद किसान सभा सभी किसान संगठनों के साथ मिलकर साझा संघर्ष विकसित करेगी।

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