नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काठमांडू में अगले हफ्ते 30 एवं 31 अगस्त को होने वाले चौथे ‘बे ऑफ बंगाल इनिशिएटिव फॉर मल्टी-सेक्टोरल टेक्निकल एंड इकोनॉमिक को-ऑपरेशन’ (बिम्सटेक) सम्मेलन में शिरकत करेंगे। यह सम्मेलन आतंकवाद के खिलाफ सदस्य देशों को आपसी सहयोग बढ़ाने पर केंद्रित होगा।
भारतीय विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सम्मेलन में सदस्य देश पाकिस्तान पर आतंकवाद के खात्मे को लेकर दबाव बना सकते हैं। बैठक के महत्वपूर्ण बिंदुओं में क्षेत्रीय संपर्क और व्यापार में बढ़ोत्तरी भी शामिल है। इसके गरीबी निवारण, जलविद्युत और जलवायु परिवर्तन आदि के एजेंडे पर भी बातचीत होगी। नई दिल्ली स्थित विदेश मंत्रालय की सचिव (पूर्व) प्रीति सरन ने बताया कि बैठक में सदस्य देशों के बीच सैन्य अभ्यास के आयोजन को लेकर भी विचार विमर्श हो सकता है।
इसके अलावा मुक्त व्यापार समझौते पर विचारों का आदान-प्रदान होगा। बैठक में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना, थाईलैंड के प्रधानमंत्री प्रयुत चान-ओ-चा, म्यांमार के प्रधानमंत्री, भूटान के अंतरिम मंत्रिपरिषद के अध्यक्ष छिरिंग तोग्वे शामिल होंगे। सम्मेलन से इतर भारत और नेपाल के बीच अलग से दो महत्वपूर्ण समझौते होने वाले हैं।
नेपाल के विदेश मंत्री प्रदीप ज्ञवाली ने संवाददाताओं को बताया कि नरेंद्र मोदी और नेपाल के प्रधानमंत्री के. पी. शर्मा ओली की मौजूदगी में रक्सौल – काठमांडू रेल और बल्क कार्गो के मसले पर अहम समझौता होगा। बैठक में बिम्सटेक देशों के विदेश मंत्री और राज्य मंत्री भी शामिल होंगे।