पीएम नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्व में भारत विश्‍व की शीर्ष अर्थव्‍यवस्‍थाओं में एक : राजनाथ सिंह

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केन्‍द्रीय गृह मंत्री ने राष्‍ट्रीय व्‍यापारी महाधिवेशन का उद्घाटन किया

सुभाष चौधरी/प्रधान संपादक 

नई दिल्ली : केन्‍द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि पिछले चार वर्षों के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी के नेतृत्‍व में सरकार द्वारा लागू किए गए आर्थिक सुधार भारत को भी विश्‍व की शीर्ष अर्थव्‍यवस्‍थाओं में शुमार कर देंगे। अखिल भारतीय व्‍यापारी संघ द्वारा आज यहां आयोजित राष्‍ट्रीय व्‍यापारी महाधिवेशन का उद्घाटन करते हुए श्री सिंह ने कहा कि एक प्रख्‍यात परामर्श एजेंसी द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार वर्ष 2014 में भारत विश्‍व की शीर्ष 10 अर्थव्यवस्‍थाओं में नौवें पायदान पर था, जबकि आज हमारा देश फ्रांस को भी पीछे छोड़कर दुनिया की छठी सबसे बड़ी अर्थव्‍यवस्‍था बन गया है।

श्री  सिंह ने कहा, ‘मुझे भरोसा है, जैसा कि अर्थशास्त्रियों ने पूर्वानुमान व्‍यक्‍त किया है, कि अगले दो-तीन वर्षों में भारत की गिनती विश्‍व की शीर्ष पांच अर्थव्‍यवस्‍थाओं में होने लगेगा। जीडीपी वृद्धि की मौजूदा गति के साथ भारत वर्ष 2030 तक विश्‍व की शीर्ष तीन अर्थव्‍यवस्‍थाओं में शुमार होने लगेगा।’

उन्‍होंने कहा, ”भारत विदेशी निवेशकों के लिए सर्वाधिक आकर्षक गंतव्‍य है और भारत में पिछले चार वर्षों के दौरान 150 अरब डॉलर से भी अधिक एफडीआई (प्रत्‍यक्ष विदेशी निवेश) का प्रवाह हुआ है। ‘कारोबार में सुगमता’ सूचकांक में भारत की रैंकिंग 142वीं से बेहतर होकर 100वीं हो गई है। इसके अलावा ‘मेक इन इंडिया’ कार्यक्रम से विनिर्माण क्षेत्र को काफी बढ़ावा मिला है। जहां एक ओर वर्ष 2014 में भारत में केवल दो ही मोबाइल फोन फैक्‍टरियां थीं, वहीं अब हमारे देश में 120 मोबाइल हैंडसेट निर्माता इकाइयां हैं।”

 राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने अर्थव्‍यवस्‍था में महत्‍वपूर्ण ढांचागत एवं प्रक्रियागत सुधार लागू किए हैं। उन्‍होंने कहा, ‘देश को आगे ले जाने के लिए आपको किसी अर्थशास्‍त्री की जरूरत नहीं है; आपको हमारी अर्थव्‍यवस्‍था की क्षमताओं के पूर्ण उपयोग के लिए केवल एक यथार्थवादी दूरदर्शी नेतृत्‍व की जरूरत है।’

प्रत्‍यक्ष लाभ हस्‍तांतरण (डीबीटी), वस्‍तु एवं सेवा कर (जीएसटी), दिवाला एवं दिवालियापन संहिता में संशोधन और ऐतिहासिक विमुद्रीकरण का उल्‍लेख करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले चार वर्षों से निरंतर भारत की जीडीपी (सकल घरेलू उत्‍पाद) वृद्धि दर वर्ष 2014 से ही हर वर्ष महंगाई दर को पीछे छोड़ रही है। उन्‍होंने कहा, ‘सरकार ने हाल ही में खाद्यान्‍नों के न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य (एमएसपी) में उल्‍लेखनीय वृद्धि की है। इससे किसान लाभान्वित होंगे एवं ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले खर्च में वृद्धि होगी जिससे खुदरा (रिटेल) व्‍यापार को काफी बढ़ावा मिलेगा। डीबीटी के तहत बिचौलियों की भूमिका समाप्‍त हो गई है। 431 योजनाओं के तहत 3,65,000 करोड़ रुपये की सब्सिडी सीधे लाभार्थियों के खातों में डाल दी गई है। विमुद्रीकरण के दौरान हुई आरंभिक कठिनाइयों से उबरते हुए व्‍यापारियों ने देश के दीर्घकालिक हित में इस ऐतिहासिक निर्णय का खुलकर समर्थन किया।’

केन्‍द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हाल ही में कई वस्‍तुओं पर जीएसटी दरों में कमी की गई है और अनेक वस्‍तुओं को शून्‍य एवं 5 प्रतिशत जीएसटी दर वाले स्‍लैबों में ला दिया गया है। उन्‍होंने कहा कि सरकार ने इन स्‍लैबों की समीक्षा आगे भी करने का विकल्‍प खुला रखा है। राजनाथ सिंह ने कहा, ‘6.5 करोड़ व्‍यापारियों और दुकानदारों में से लगभग 1.25 करोड़ ने जीएसटी के तहत अपना पंजीकरण करा लिया है। जीएसटी हमारे देश में लागू किया गया एक प्रमुख कराधान सुधार है जहां की 130 करोड़ से भी अधिक की आबादी में से केवल 6.10 करोड़ लोग ही कराधान व्‍यवस्‍था के दायरे में हैं।

व्‍यापारियों को देश की अर्थव्‍यवस्‍था में एक प्रमुख स्‍तम्‍भ के रूप में रेखांकित करते हुए गृहमंत्री ने वर्ष 2022 तक भारत की अर्थव्‍यवस्‍था दोगुनी करने संबं‍धी प्रधानमंत्री के सपने को साकार करने के लिए व्‍यापारी समुदाय से सहयोग देने का अनुरोध किया। राजनाथ सिंह ने कहा, ‘देश में 6.5 करोड़ खुदरा (रिटेल) कारोबारी हैं। सरकार व्‍यापार प्रणाली को मजबूत करना चाहती है।

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