हरियाणा में पहली बार गुरुग्राम के सरकारी स्कूलों के लिए किया लांच
इसकी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेंगे
निजी स्कूलों में भी लागू करने की संभावना
गुरुग्राम। गुरुग्राम में स्कूली बच्चों को पढ़ाई के तनाव से मुक्त करने और उनमें मौजूद विभिन्न प्रकार की डिसएबिलिटी की पहचान कर उन्हें इससे बाहर आने में मदद करने की दृष्टि से जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने प्रोजेक्ट जिंदगी की शुरुआत की है। मानो चकित्सकक और सामाजिक संस्थाएं मिल कर ऐसे बच्चों की पहचान करेंगे जिनमे कुछ लर्निंग डिसेबिलिटी है। इसको जिले के सरकारी स्कूलों में लागू करने के लिए जिला शिक्षा विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है। यह पायलट प्रोजेक्ट है जिसे बाद में जिले के सभी निजी स्कूलों में भी लागू किया जाएगा । प्रदेश में यह पहली बार गुरुग्राम में ही लांच की गई है।
यह जानकारी जिला उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने दी। उन्होंने बताया कि मुख्यताया यह प्रोजेक्ट उन बच्चों को समर्पित है जिनमें लर्निंग डिसेबिलिटी है। उसका डिटेक्शन कर उनकी काउंसलिंग की जाएगी। अगर किसी भी तरह का करेक्टिव एक्शन लेने की जरूरत होगी तो इसकी भी व्यवस्था है। उनके आनुसार स्कूली बच्चों के लिए इस प्रोजेक्ट का इनिशिएटिव लिया गया है।
उपयुक्त ने कहा कि यह देखने में आया है कि इस प्रकार के बच्चे हमारे स्कूलों में होते हैं जिनके प्रति हम गंभीर नहीं रहते हैं। हम मानते हैं कि बच्चे कमजोर हैं लेकिन उन बच्चों में कुछ लर्निंग डिसेबिलिटी है और उन लर्निंग डिसेबिलिटी की पहचान कर उस पर काम करने की जरूरत है। अगर उसमें कोई कमियां है तो उसे हम पूरा करने की कोशिश करते हैं ।
एक सवाल के जवाब में उनका कहना था कि अभी फिलहाल यह जिला प्रशासन द्वारा लिया गया इनिशिएटिव है ।इसके जो भी एक्सपीरियंस होने उनकी एक रिपोर्ट बनाकर सरकार से शेयर करेंगे। फिलहाल यह प्रोजेक्ट सरकारी स्कूलों तक सीमित है बाद में इनकी स्थिति को देखते हुए अगले चरण में हम प्राइवेट स्कूलों में भी इसकी शुरुआत करेंगे । इस प्रोजेक्ट में बहुत सारे सामाजिक संस्थाओं को भी शामिल किया गया है। उन्होंने अपने कंसल्टेंसी फ्री ऑफ कॉस्ट देने का ऑफर किया है। स्वास्थ्य विभाग और सामाजिक संस्थाएं एवं शिक्षा विभाग मिला कर हमारे बच्चों के लिए काम करेंगे।
इससे पूर्व जिला उपायुक्त ने लघु सचिवालय के सभागार में सभी सरकारी स्कूलों के प्राचार्य, सामाजिक संस्थाओं और स्वास्थ्य कर्मियों को संबोधित करते हुए प्रोजेक्ट का प्रारूप समझाया गया। इस अवसर पर वरिष्ठ मनिचिकित्सक डॉक्टर ब्रम्हदीप सिंधु, जिला शिक्षा अधिकारी प्रेमलता सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।