गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और नोएडा जैसे शहरों में भी प्रॉपर्टी के रिकार्ड्स खंघालने के काम तेज
गोल्ड डीलर्स, बैंकर्स, हवाला ऑपरेटर, सरकारी अधिकारी और राजनेताओं के यहां छापे की सूचि हो रही है तैयार
नई दिल्ली । पिछले दिनों केंद्र सरकार द्वारा बेनामी संपत्ति और काले धन की सूचना देने वालों के लिए इनाम की घोषणा का असर दिखने लगा है. मिडिया की खबर के अनुसार केन्द्रीय एजेंसियों ने देश में बड़े पैमाने पर बेनामी प्रॉपर्टी की धरपकड़ शुरू कर दी है। खबर में दावा किया गया है कि अब तक इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने पूरे देश में 4300 करोड़ रुपए की 1500 बेनामी प्रॉपर्टी जब्त की है। यह कार्रवाई नए बेनामी कानून लागू होने के बाद हुई है। इतने बड़े पैमाने पर बेनामी संपत्ति के खुलासे से एजेंसियों ने दिल्ली के पास गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और नोएडा जैसे शहरों में भी प्रॉपर्टी के रिकार्ड्स खंघालने के काम तेज कर दिए है। दक्षिण भारत के भी कई शहरों पर नजर है.
कहा जा रहा है कि इन शहरों में जांच एजेंसियों की नजर ख़ास कर गुरुग्राम और फरीदाबाद के बड़े प्रॉपर्टी डीलर्स पर है. गोल्ड डीलर्स, बैंकर्स (बैंक के बड़े अधिकारी और कर्मचारी ), हवाला ऑपरेटर, सरकारी अधिकारी और राजनेताओं के यहां सर्वे और छापे की कार्रवाई की सूचि तैयार की जा रही है। एजेंसी का मानना है कि लोग टैक्स बचाने के लिए अपने कालेधन को किसी और के नाम पर रखते हैं।
बताया गया है कि मुंबई और जयपुर दोनों शहरों में दो सौ -दो सौ प्रॉपर्टी जब्त की गयी है जबकि कोलकाता में 144, चंडीगढ़ में 110 और हैदराबाद में 100 बेनामी प्रॉपर्टी जब्त हुई है। जब्त संपत्ति की सूचि में भोपाल में 190 प्रॉपर्टी जब्त की गयी है। दिल्ली, बंगलौर, चेन्नई और पुणे में 90-90 प्रॉपर्टी जब्त की गई है। अहमदाबाद में भी 89 बेनामी प्रॉपर्टी जब्त होने की सूचना है। बिहार के पटना शहर में सबसे कम 30 बेनामी प्रॉपर्टी जब्त करने का खुलासा किया गया है।
चर्चा का विषय जबलपुर में एक ड्रायवर है जो बेनामीदार निकला। उसके पास 7.7 करोड़ रुपए की जमीन थी। जांच में खुलासा हुआ कि मध्यप्रदेश की एक लिस्टेड कंपनी के प्रमुख इसके असली मालिक थे। दूसरी तरफ मुंबई में एक व्यक्ति के पास डब्बा कंपनी के नाम पर कई प्रॉपर्टी थी। ये कंपनी सिर्फ पेपर पर चल रही थी।
इसी तरह की कहानी का खुलासा राजस्थान से भी हुई है . राज्य के सांगानेर में एक ज्वेलर ने अपने पूर्व कर्मचारी के नाम पर 9 प्रॉपर्टी करवा रखी थी। इनमें से कुछ प्रॉपर्टी डब्बा कंपनियों के नाम पर खरीदी गई थी।
गौरतलब है कि वर्तमान में बेनामी केस पी एम् एल ए के तहत एक अथॉरिटी देखती है। इस तरह के मामले में 1 साल के भीतर ऑर्डर पास करना होता है नहीं तो जब्त प्रॉपर्टी फिर से मालिक की हो जाती है।
उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने पिछले माह में ही बेनामी संपत्ति की जानकारी सबूत के साथ देने वालों को 1 करोड़ रुपए का ईनाम देने का प्रावधान बनाया है।