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: पुलिस ने दो बदमाशों को काबू किया, बदमाशों को छुडाने के लिए महिलाओं ने पथराव किया
: 12 नामजद सहित एक दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ मामला दर्ज
एस टी एस गुरूग्राम प्रमुख सतीश बालान व पलवल पुलिस कप्तान वसीम अकरम ने किया गांव का दौरा।
यूनुस अलवी
मेवात
:
पुलिस कर्मी की हत्या में उम्र कैद का अपराधी एंव जेल से भगौडे नामी बदमाश मुस्ताक को पकडने गई पुन्हाना पुलिस पर बदमाश व उसके साथियों ने जमकर फायरिंग की। बदमाशों की फाईरिंग से पुलिस के दो जवान गोली लगने से गंभीर रूप से घायल हो गऐ। घायलों को मेडिकल कॉलेज नलहड में भर्ती कराया जहां से उनको गुरूग्राम की एक निजि अस्पताल में रफर किया गया है। एक जवान की हालत चिंताजनक बनी हुई है। हालांकि मुठभेड़ के बाद दो बदमाश पुलिस के हत्थे चढ गये। बाकी फरार हो गऐ। गिरफ्तार किए गऐ दोनों बदमाशों को भी चोटे आई है। जिन्हें पुन्हाना स्वास्थय केन्द्र में भर्ती कराया गया। पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ की सूचना मिलते ही एसटीएस गुरूग्राम प्रमुख सतीश बालान व पलवल पुलिस कप्तान वसीम अकरम सहित आलाअधिकारी मेडिकल पहुंचे जहां उन्होने घायल जवानों का हाल-चाल जाना। मेवात एसपी नाजनीन भसीन के छुटटी पर जाने के बाद पलवल के पुलिस कप्तान वसीम अकरम ने चार्ज संभाला। वहीं बाद में पुलिस कप्तान वसीम अकरम व एसटी स गुड्गांव प्रमुख बी सतीश बालान ने भारी पुलिस दल बल के साथ एक बार गांव बादली में रेड़ मारी, परंतु पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगा। सभी आरोपी अपने घरों को छोडकर भाग गऐ।
मेवात एंव पलवल के पुलिस कप्तान वसीम अकरम ने पत्रकारो को जानकारी देते हुऐ बताया कि मुस्ताक पुत्र मजीद जो वर्ष 2008 में उमर मोहम्मद सिपाही की हत्या के मामले में उम्र कैद का सजा काट रहा था। वह जैल से पैरोल पर आने के बाद वापिस जैल नहीं गया और फिर से अपराध की दुनियां में शामिल हो गया। जैल से छूटने के बाद भी मुस्ताक ने अपने पांच भाईयों और अन्य बदमाशों के साथ हरियाणा और राजस्थान के विभिन्न जिलों में करीब 20 से अधिक लूट, डकेती, आदि वारदातों को अंजाम दिया।
एसपी वसीम अकरम ने बताया कि पुन्हाना पुलिस को गुप्त सूचना मिली की बदमाश मुस्ताक अपने बदमाश भाईयों के साथ बादली गांव में अपने घर पर छिपे हुऐ है। जिनके पास काफी मात्रा में अवैध हथियार है जो किसी बडी वारदात को अंजाम देने के लिये इक्टठे हुये है। मंगलवार को पुन्हाना थाना और सीआईए पुन्हाना की टीम ने मिलकर गांव बादली में बदमाशों के ठिकाने पर छापा मारा। पुलिस टीम ने मौके पर पंहुच कर बदमाशों के मकान को घेर लिया गया। पुलिस की आवाज सुनकर बदमाश मुस्ताक उसके भाई हफीज, शाद, आदिल अबदुल्लाह तथा अन्य साथी एजाज उर्फ बुल्ली पुत्र कायम अज्जू पुत्र कायम, मोटा पुत्र कायम तथा निसार पुत्र जकरिया निवासी बादली सहित बदमाशों ने पुलिस पर तुरंत फायरिंग करनी शुरू कर दी।
बदमाशा आदिल द्वारा की गई फायरिंग की गोली हवालदार चन्द्रपाल के पेट में लगी वहीं बदमाश हफीज द्वारा चलाई गई गोली हवालदार कृष्ण के सिर में लगी। पुलिस की ओर से जवाबी हवाई फायरिंग की गई। जिसके बाद बदमाश भागने लगे। भागते समय आदिल व हफीज के पैरो में छत के कूदने के दौरान चोट आ गई जिन्हें पुलिस ने पकड लिया। बदमाश आदिल और हफीज के पकडे जाने से बदमाशों के परिवार की महिलाओं ने भी पुलिस पर पथराव कर उनको छुडाने का प्रयास किया।
एसपी ने बताया कि पुलिस के घायल जवानों को तुरंत मेडिकल कॉलेज नल्हड भेजा जहां से उनको गुरूग्राम के एक प्राईवेट अस्पताल में रेफर किया गया है। वहीं दोनों आरोपियों के कब्जे से एक देशी कट्टा, एक देशी बंदूक व दो कारतूस बरामद किये गये।
इनके खिलाफ हुआ मामला दर्ज
एसपी वसीम अकरम ने बताया कि गांव बादली निवासी मुस्ताक पुत्र मजीद , हफीज, शाद, आदिल, एजाज उर्फ बुल्ली पुत्र कायम अज्जू पुत्र कायम, मोटा पुत्र कायम तथा निसार पुत्र जकरिया, अतरी पत्नि मजीद, आईशा पत्नि अब्दुल्ला, सकमू पत्नि मुस्ताक सहित कई अन्यों के खिलाफ भा.द.स. की धारा 332, 353, 307, 186 आई पी सी 25-54-59 आम्र्ज एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
बदमाश मुस्ताक पहले भी कर चुका है पुलिसकर्मी की हत्या:-
पुलिस कर्मी उमर मोहम्मद की हत्या के मामले में मुस्ताक पिछले करीब दस साल से उमर कैद की सजा काट रहा है। जो फिलहाल पैरोल पर अपने गांव आया हुआ है। एसपी ने बताया कि वर्ष 2008 में सीआईए सोहना में तैनात पुलिस कर्मी उटावड निवासी उमर मोहम्मद की उस समय गोली मारकर हत्या कर दी जब पुलिस मुस्ताक का पीछा कर रही थी। अपराध की दुनिया में मुस्ताक का नाम काफी प्रचलित है। मुस्ताक पर लूट, डकेती, हत्या आदि के करीब 20 मामलेदर्ज हैं।
खाकी के टोटे के सामने बदमाशो के हौंसले बुलंद:-
पुन्हाना उपमंडल में सरकार पुन्हाना, बिछौर और पिनगवां सहित तीन थाने तो बना दिये गये लेकिन उनमें पर्याप्त पुलिस कर्मचारियों की नियुक्ति ना होने से अपराधियों के हौंसले बुलंद हैं। पुन्हाना उपमंडल करीब 120 गावों के लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी चंद ही पुलिस कर्मचारियों के कंधे पर है। पुलिस बल कम होने के कारण ही अपराधियो के हौंसले बुलंद है। किसी बडे अपराधी को पकडने के लिये तीन थानो की पुलिस भी कम पड़ जाती है। जिसके कारण पुलिस को विरोध के साथ साथ पथराव का भी सामना करना पड़ता है। पिछलें दिनों जखोपुर गांव में भी खनन माफियाओ ने पुलिस पर हमला कर एक जवान को घायल कर दिया था। इतना ही नहीं वांछित बदमाश इकराम को पकडने के लिये बीसरू गांव गई पुलिस पर फायरिंग कर बदमाशों को छुडा लिया।