इस्लामपुर गांव का नाम हसलापुर ही रखे जाने की मांग, उपायुक्त से मिले ग्रामीण 

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–डीसी ने मांग को सरकार के पास भेजने का आश्वासन दिया

इस्लामपुर गांव का नाम हसलापुर ही रखे जाने की मांग, उपायुक्त से मिले ग्रामीण  2

गुरुग्राम ।

वर्तमान में गुरुग्राम के गांव इस्लामपुर का नाम हसलापुर करने की मांग को लेकर गांव के सैंकड़ों लोग आज लघु सचिवालय पहुंचे और जिला उपायुक्त से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री मनोहरलाल को भी यह मांगपत्र भेजकर इस मामले में तुरंत कार्रवाई करने की मांग की है। मांगपत्र लेते हुए डीसी विनय प्रताप ने इसे अगली कार्रवाई के लिए आगे भेजने का आश्वासन दिया।
ग्रामीणों की मांग है कि गांव की पहचान सैकड़ों वर्षों से हसलापुर के नाम से ही है, लेकिन सरकारी कागजों में इस्लामपुर लिखा जाता है। इसके कारण पत्राचार में भी परेशानी हो रही है , क्योंकि गांव के लोग पत्रव्यवहार व् बोलचाल में हसलापुर ही प्रयोग करते हैं। ग्रामवासियों की मांग है कि जो हसलापुर नाम ग्रामीणों की बोलचाल में प्रचलित है, उसी नाम को सरकारी मान्यता भी मिले। मांग पत्र में ये भी मांग की गयी है कि जल्दी से जल्दी सरकारी कागजों में भी गांव का नाम इस्लामपुर से बदलकर हसलापुर किया जाए और वहां लगे इस्लामपुर के साइन बोर्ड आदि को भी हटाकर हसलापुर के बोर्ड लगाए जाएं ताकि नाम के कारण हो रही परेशानियों से ग्रामीणों को राहत मिल सके।
ग्रामीणों की अगुआई कर रहे प्रतिनिधि मंडल के महासिंह ठाकरान, राकेश नम्बरदार, रामानंद, शेरसिंह, सरदार सिंह, हरिसिंह , बलवंत सिंह , रतिभान, सतप्रकाश , बल्ले सिंह , जयसिंह, गुलाबसिंह , भारत सिंह , कारण सिंह , पालेराम , पंडित रमेश शर्मा , सन्देश , ज्ञानीराम , रजनीश भरद्वाज के आलावा ३०० से भी अधिक लोगों के नाम और हस्ताक्षर ज्ञापन में कए गए। महा सिंह ठाकरान ने बताया कि इतिहासिक नाम हसलापुर की जगह एक साजिश के तहत इस्लामपुर किया गया, जबकि इस गांव में वर्तमान में एक भी मुस्लिम परिवार नहीं है। इसलिए इसका नाम ग्रामीणों की सुविधानुसार हसलापुर ही किया जाना चाहिए।

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