येदुरप्पा ने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से बात की
कांग्रेस के दो विधायक भी भाजपा खेमे से वापस कांग्रेस में लौटे
बेंगलुरु : पीछले चार दिनों से चल रहा कर्नाटक का सियासी घमासान विधान सभा में सीएम बी एस येदुरप्पा के बहुमत सिद्ध करने से पूर्व चरम पर है. विधानसभा में विश्वास मर हासिल करने के लिए जाने से पूर्व येदुरप्पा ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से बात की है. स्थिति लगातार बदल रही है. येदियुरप्पा सरकार को शाम चार बजे सदन में बहुमत साबित करना है।
सूत्रों का कहना है कि अमिता शाह से बात करने की खबर आने के बाद यह आशंका प्रबल हो चली है कि येदियुरप्पा बहुमत से पहले इस्तीफा दे सकते हैं। भाजपा खेमें में फिलहाल बैठकों का दौर जारी है और आगे की रणनीति बनाई जा रही है। इस बीच कांग्रेस के दो एम् एल ए भी भाजपा के खेमे से बहार निकल कर विधान सभा भवन पहुँच चुके हैं.
चर्चा जोरों पर है कि यदि येदियुरप्पा बहुमत साबित नहीं कर सके तो वो भाषण देने के दौरान अपने इस्तीफे की घोषणा कर सकते हैं. समझा जाता है कि अपनी इस रणनीति की जानकारी उन्होंने पार्टी पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को भी दे दी है।
चर्चा है कि येदियुरप्पा ने 13 पन्नों का भाषण तैयार कर लिया है और इस्तीफा देने से पहले वो एक भावुक भाषण दे सकते हैं। भाजपा अपने बचाव में कह सकती है कि उसने राज्य के भले के लिए हरसंभव कोशिश की लेकिन कांग्रेस और जेडीएस के अनैतिक गठबंधन के कारन वह सरकार नहीं बना सके और जनहित की योजनाओं पर अमल नहीं करवा सके. किसानों की ऋण माफी के निर्णय की बात करते हुए कह सकते हैं कि उन्होंने मुख्यमंत्री के रुप में यह पहला फैसला लिया और अपना वायदा निभाया लेकिन कांग्रेस ने उनके खिलाफ षड्यंत्र रचा और उन्हें सरकार चलाने का मौका नहीं मिला .
इधर कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि भाजपा उसके विधायकों को बंधक बनाए हुए है। लेकिन पूर्व मंत्री डी के शिवकुमार ने दावा किया कि दोनों विधायक उनके पास वापस आयेंगे और थोड़ी ही देर में दोनों कांग्रेस विधायक विधान सभा भवन पूरी सुरक्षा घेरे में पहुंचे.
उल्लेखनीय है कि शनिवार को सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस के प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति के विरोध की याचिका को खारिज कर दिया। कोर्ट ने ऑर्डर करते हुए कहा कि बौपेया ही प्रोटेम स्पीकर बने रहेंगे और बहुमत परीक्षण का स्थानीय चैनलों पर लाइव टेलीकास्ट किया जाएगा। कांग्रेस ने भाजपा एम् एल ए के जी बोपैया को प्रोटेम स्पीकर नियुक्त किए जाने के कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया.
विधान सभा भवन के बहार कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गयी है. कर्नाटक के डीजीपी स्वयं सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा संभाले हुए हैं.