कश्मीर में सुरक्षा बलों और सेना को रमजान माह में आक्रामक कार्रवाई न करने का आदेश

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नई दिल्ली : विविधता में एकता भारत की विशेषता है। सदियों से विश्व के सभी धर्मों और संप्रदायों को भारत में समुचित सम्मान मिला है। भारत का मूलभूत चिंतन हर पंथ और हर विचार का आदर करना है जौ मानव कल्याण और विश्व कल्याण की भावना से प्रेरित है।

कल से रमजान का पवित्र महीना आरंभ हो रहा है जिसे भारत और विश्व के सभी मुसलमान धार्मिकतापूर्वक मनाते हैं। यह दुख का विषय है कि पिछले कुछ सालों से रमजान के इस पवित्र माह में भी आतंकवादियों ने भारत मे ही नहीं विश्व के अन्य भागों में भी भारी रक्तपात किया है। इससे सच्चे इस्लाम के मार्ग पर चलने वाले शांतिप्रिय मुसलमान और अन्य समाजों को भारी यातनाएँ सहनी पड़ी है।

रमजान सच्चे अर्थों मे इबादत, पवित्रता और अमन का महीना है। इस्लाम को बदनाम करने वाली प्रवृत्तियो को अलग-थलग करना हम सबका संयुक्त प्रयास होना चाहिए। भारत सरकार चाहती है कि आगामी रमजान माह के दौरान समाज के सभी वर्गों, विशेषत: शान्तिप्रिय मुस्लिम समाज, को किसी संकट और कठिनाई का सामना न करना पड़े। इसके लिए यह आवश्यक है कि सभी शांतिप्रिय लोग मिलकर आतंकवादियों को अलग-थलग करें और हिंसा की राह पर गुमराह लोगों को शांति के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करें।

मुस्लिम भाइयों को शांतिप्रिय रूप से रमजान मनाने का समुचित वातावरण बने और आतंकवादी उनकी धार्मिक भावनाओं का शोषण न कर सकें इसको ध्यान में रखते हुए सरकार एक आतंक और हिंसा विहीन वातावरण बनाने का प्रयास कर रही है। इसी भावना से प्रेरित होकर हम अपने सुरक्षा बलों और सेना को रमजान माह में आक्रामक कार्रवाई न करने का आदेश दे रहे हैं। यह स्पष्ट करना भी आवश्यक है कि आवाम की शांति और सुरक्षा के लिए यदि आतंक के खिलाफ रक्षात्मक कार्रवाई की आवश्यकता हुई तो सुरक्षा बल उचित कार्रवाई करने के लिए बाध्य होंगे। हमें आशा है कि इस्लाम की सच्ची राह पर चलने वाले सभी मुस्लिम भाई-बहन शांति की इस प्रक्रिया में सहयोग देंगे।

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