अदालत के स्टे के चलते ठेके के कर्मचारियों को नियमित करना सम्भव नहीं

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: पालिकाओं में कार्यरत अनुबंधित सफाई कर्मचारी, अग्निश्मन कर्मियों की मांग का औचित्य नहीं
: सरकार ने किया आगाह ,काम पर लौटें कर्मचारी, आवश्यक सेवाओं में बाधा डालने पर होगी कार्रवाई

चंडीगढ़ :  हरियाणा के शहरी क्षेत्रों में सफाई सेवाओं और अग्निश्मन सेवाओं को बाधित कर रहे पालिका के कर्मचारियों द्वारा अनुबंधित कर्मचारियों को नियमित किए जाने की मांग पूरी किया जाना संभव नहीं है, क्योंकि अदालत द्वारा 2016 से ही विभिन्न नीतियों के तहत अनुबंधित कर्मचारियों को नियमित करने पर रोक लगा दी गई थी। ऐसे में हड़ताल करना तथा आपातकालीन सेवाओं में बाधा डालना अनुचित है।

 शहरी स्थानीय निकाय विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश में पालिकाओं में हड़ताल कर रहे कर्मचारी अनुबंधित कर्मचारियों को नियमित कराने पर अड़े हुए हैं तथा आपातकालीन सेवाओं में बाधा डाल रहे हैं। प्रवक्ता ने कहा कि धरना, प्रदर्शन कर रहे इन कर्मचारियों की मांग अनुचित है, क्योंकि 16 जून, 2014 तथा इसके उपरांत जारी की गई नियमित करने की सभी नीतियों पर योगेश त्यागी एवं अन्य द्वारा उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई थी, जिस पर न्यायालय की डबल बैंच द्वारा 2 सितम्बर 2016 को नियमतिकरण की सभी नीतियों को स्थगित कर दिया गया था। इसके उपरांत मुख्य सचिव हरियाणा द्वारा सभी विभागाध्यक्षों को जारी पत्र में न्यायालय के निर्देशों की अनुपालना सुनिश्चित करने के दिशा-निर्देश जारी किए गए। ऐसे में वर्तमान में अनुबंध आधार पर तथा ठेके पर काम कर रहे कर्मचारियों को नियमित किया जाना संभव नहीं है, चूंकि पूरी वस्तुस्तिथि से अवगत होने के बाद भी कर्मचारी आंदोलनरत है, जो अनुचित है।

प्रवक्ता ने बताया कि सरकार द्वारा सफाई सेवाओं और अग्निश्मन सेवाओं को दुरुस्त करने की दिशा में लगातार प्रबंध किए जा रहे हैं।हरियाणा सफाई कर्मचारी आयोग का गठन किया जा चुका है। जबकि सफाई कर्मचारियों को 8100 रुपए मासिक से 11500 रुपए करने को मुख्यमंत्री मनोहर लाल मंजूरी दे चुके हैं। सीवर को सफाई करने वाले कर्मचारियों को एक्सग्रेसिया के तहत मृत्यु होने पर 10 लाख रुपए तथा अनुबंधित कर्मचारी की मृत्यु की स्तिथि में 3 लाख रुपए अनुकम्पा राशि भुगतान का निर्णय, हर महीने सीवर सफाई करने वाले कर्मचारियों को 2 हजार रुपए रिस्क भत्ता दिया जा रहा है।

प्रवक्ता ने बताया कि प्रदेश में अग्निश्मन सेवाओं को एकीकृत करने के लिए अग्निश्मन निदेशालय की स्थापना की गई है। अग्निश्मन सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए 38 दमकल गाडिय़ां खरीद करके जिलों में भेजी जा रही है, जबकि सरकार की उच्च स्तरीय खरीद समिति द्वारा 56 दमकल गाडिय़ां तथा 102 मोटरसाइकिल अग्निश्मन यंत्र से लैस करने की मंजूरी प्रदान की जा चुकी है। उन्होंने बताया कि 1 अप्रैल 2017 से प्रदेश सरकार अग्निश्मन सेवाओं को एक छत के नीचे लाने के लिए फंड की व्यवस्था कर रही है। इसके साथ-साथ अग्निश्मन क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों को नए नियमों के अनुसार योग्यता और अनुभव अपने स्तर पर दिलाने की व्यवस्था की गई है।

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