फरीदाबाद जिला बार एसोशिएशन के पूर्व प्रधान ने लगाए जजों पर भ्रष्टाचार के आरोप

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फरीदाबाद कोर्ट परिसर में जजों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए पोस्टर चिपकाए 

अपराधिक मामलों में न्याय के लिए अलग अलग पैकेज होने का लगाया आरोप 

फरीदाबाद कोर्ट में कुछ जज पैसे लेकर फैंसला करते हैं :  एल एन पराशर (एडवोकेट )

फरीदाबाद जिला बार एसोशिएशन के पूर्व प्रधान ने लगाए जजों पर भ्रष्टाचार के आरोप 2

धर्मेन्द्र यादव 

फरीदाबाद : फरीदाबाद कोर्ट परिसर में जजों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए पोस्टर चिपकाने की खबर से अदालत परिसर ही नहीं शहर में भी सनसनी है. पोस्टरों पर लिखा है ” कोर्ट में दलाल बन बैठें है जजों के ठेकेदार,, ये पोस्टर जिला बार एसोशिएशन के पूर्व प्रधान एल एन पराशर ने चिपकाये हैं. आश्चर्यजनक बात यह है कि इन पोस्टरों में कथित रूप से अलग अलग मामलों में जजों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाये गये हैं। इतना ही नहीं आरोप हैं कि कुछ जजों के ठेकेदारों ने कथित रूप से अलग अलग अपराधिक मामलों में अलग अलग पैकेज बना रखे हैं। पराशर ने दावा किया कि जजों के खिलाफ भ्रष्ट्राचार के पुख्ता सबूत है. जरूरत पडने पर पेश करेंगे। 

 

देश में भ्रष्ट्राचार नाम की दीमक हर विभाग के कोने कोने में लग चुकी है . अभी तक देश की  न्यायपालिका बची हुई थी मगर अब न्यायपालिका पर भी भ्रष्ट्राचार के आरोप लगने शुरू हो गए हैं जिसका बडा मामला फरीदाबाद के कोर्ट परिसर में सामने आया है. यहां जिला बार एशोशिएशन के पूर्व प्रधान एल एन पराशर ने फरीदाबाद कोर्ट के कुछ जजों पर कथित भ्रष्ट्राचार के आरोप लगाते हुए उनके पोस्टर भी कोर्ट परिसर में चिपका दिये हैं. पहली बार इस प्रकार की घटना को  देख कर लोग आश्चर्यचकित हैं। फरीदाबाद जिला बार एसोशिएशन के पूर्व प्रधान ने लगाए जजों पर भ्रष्टाचार के आरोप 3

इस बारे में जजों पर भ्रष्ट्राचार के आरोप लगाने के पोस्टर चिपकाने वाले जिला बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान एल एन पराशर ने आरोप लगाया है कि कोर्ट में कुछ जज अपना ईमान बेच रहे हैं जिनका सौदा दलाल करवाते हैं. उन्होंने दावा किया कि फरीदाबाद कोर्ट में कुछ जज पैसे लेकर फैंसला करते हैं. उनका कहना है कि यहां तक कि जजों के ठेकेदारों ने अलग अलग अपराधिक मामलों की अलग अलग फीस भी तय कर दी है.  

पराशर ने बल देते हुए कहा कि अगर किसी को मर्डर केस में बेल चाहिये तो अलग फीस है, अगर किसी को अग्रिम जमानत चाहिये तो अलग फीस है. इस तरह सभी अपराधिक मामलों की फीस तक कथित रूप से तय कर दी गई है। कोर्ट में अब उन्हीं लोगों को न्याय मिल रहा है जिसके पास पैसे हैं और दलालों से जानकारी है। इन आरोपों के उनके पास पुख्ता सबूत भी हैं जिन्हें वह जरूरत पडने पर दिखायेंगे। इतना ही नहीं पाराशर ने कहा है कि कुछ ऐसे भ्रष्ट्र जजों की वजह से पूरी न्यायपालिका पर सबाल उठता है। पराशर ने चेतावनी दी है की अगर जल्द ही कोर्ट में भ्रष्टाचार बंद नहीं हुआ तो वो उन भ्रष्ट्र जजों के नाम उजागर कर देंगे। 

 

वहीं पोस्टर को पढने वाले भ्रष्ट्राचार विरोधी मंच के पदाधिकारी एवं समाजसेवी बाबा रामकेवल ने कहा कि इस तरह न्यायमूर्ति पर भ्रष्ट्राचार के आरोप लगाते हुए उन्हें सार्वजिनक चिपकाना ठीक नहीं है. अगर पोस्टर लगाने वाले व्यक्ति के पास पुख्ता सबूत है तो जांच करवाये क्योंकि देश में अब सिर्फ न्यापालिका ही ऐसी बची है कि जहां लोग सब से पीडित होकर न्याय की उम्मीद लेकर आते हैं। अगर न्यायपालिका में भी भ्रष्ट्राचार ने अपनी जड़ें जमा लीं तो गरीब और पीड़ित  लोगों को फिर न्याय कैसे मिलेगा?  

 

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