इसरो अध्यक्ष डॉक्टर के. सिवन ने की डॉ जितेन्द्र सिंह से मुलाक़ात

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चन्द्रमा मिशन ‘चंद्रयान-2’ के बारे में केन्द्रीय मंत्री को दी जानकारी 

चंद्रयान-2 मिशन पर लगभग 800 करोड़ होंगे खर्च 

लांच करने की लागत 200 करोड़ जबकि सेटेलाइट की लागत 600 करोड़

विदेशी धरती से इस मिशन को लांच करने पर होता 1500 करोड़ खर्च 

नई दिल्ली : भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग के सचिव डॉक्टर के. सिवन ने आज यहां केन्द्रीय पूर्वोत्तर विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), प्रधानमंत्री कार्यालय, लोकशिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा तथा अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ जितेंद्र सिंह से भेंट की। बैठक के दौरान डॉक्टर के. सिवन ने उन्हें आगामी चंद्रमा मिशन ‘चंद्रयान-2’ के बारे में जानकारी दी। इसे इस वर्ष अक्टूबर-नवंबर के दौरान श्रीहरिकोटा से लांच किये जाने की संभावना है।

आगामी चंद्रयान-2 मिशन के बारे में जानकारी देते हुए डॉक्टर सिवन ने कहा कि इस मिशन की कुल लागत लगभग 800 करोड़ रुपए है। इसमें लांच करने की लागत 200 करोड़ रुपये तथा सेटेलाइट की लागत 600 करोड़ रुपये शामिल है। यह लागत 1500 करोड़ की आधी है जो विदेशी धरती से इस मिशन को लांच करने पर आती।

चंद्रयान-2 एक लैंड रोवर और जांच (प्रोव) से सुसज्जित होगा, जो चंद्रमा की सतह पर उतरेगा। यहां वे मिट्टी, पानी आदि के नमूने एकत्र करेंगे और इसके विस्तृत विश्लेषण और अनुसंधान के लिए वापस लाएंगे। इस अर्थ में यह अपनी तरह का पहला चन्द्रमा मिशन होगा।

डॉक्टर जितेन्द्र सिंह ने कम लागत वाली चंद्रयान-2 मिशन की सराहना की। उन्होंने इसकी विशेषज्ञता, निर्माण और उपयोग की गयी सामग्री के पूरी तरह स्वदेशी होने के लिए भी सराहना की। उन्होंने कहा कि इस कारण यह प्रधान मंत्री  नरेन्द्र मोदी के “मेक इन इंडिया” मंत्र का एक उपयुक्त उदाहरण है।

इस साल जून-जुलाई के लिए निर्धारित एक अन्य इसरो मिशन, जीएसएलवी एमके तृतीय-डी 2 पर भी चर्चा हुई।

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