डॉ श्याम लाल के नेतृत्व में एससी एसटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ सड़कों पर उतरा दलित समाज

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नेशनल हाई वे 8 का चक्का जाम करने की कोशिश की

हजारों की संख्या में दलित समाज के लोगों ने किया एकता का जोरदार प्रदर्शन 

शहर के मुख्य बाजार सदर बाजार सहित डीएलऍफ़ इलाके की दुकानें भी बंद रहीं

पुलिस की तैनाती बड़ी संख्या में रही , लेकिन प्रदर्शनकारियों व पुलिस के बीच बना रहा संतुलन 

प्रदर्शन करने वालों ने स्कूल बसों, एम्बुलेंस एवं आकस्मिक परिस्थिति वाले वाहनों को नहीं रोका

एक्ट में संशोधन के खिलाफ जिला उपयुक्त को दिया ज्ञापन 

 

सुभाष चौधरी/प्रधान संपादक 

डॉ श्याम लाल के नेतृत्व में एससी एसटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ सड़कों पर उतरा दलित समाज 2गुरुग्राम । एस सी एस टी एक्ट में संशोधन के खिलाफ भीम सेना और अम्बेडकर सभा के हजारों समर्थक आज गुरुग्राम की सड़कों पर उतर आये। बड़ी संख्या में दलित समाज के लोगों ने नेशनल हाई वे 8 का चक्का जाम करने की कोशिश की । शहर के मुख्य बाजार सदर बाजार सहित डीएलऍफ़ इलाके की दुकानें भी बंद रहीं जबकि दिल्ली जयपुर हाइवे लगभग दो घंटे तक आंशिक रूप से जाम रहा। प्रदर्शन करने वालों ने हालाकिं स्कूल बसों, एम्बुलेंस एवं आकस्मिक परिस्थिति वाले वाहनों को नहीं रोका जबकि सामान्य यातायात शहर के अन्दर व बाहर बाधित रहा क्योंकि सड़क पर उतरे लोगों की संख्या आपेक्षा से कहीं अधिक थी. इस पूरे प्रकरण में पुलिस इस कोशिश में जुटी रही कि विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण संपन्न हो जाए. इस प्रदर्शन का नेतृत्व अम्बेडकर सभा के अध्यक्ष डॉ श्याम लाल कर रहे थे ।डॉ श्याम लाल के नेतृत्व में एससी एसटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ सड़कों पर उतरा दलित समाज 3

दलित संगठनों द्वारा भारत बंद के आह्वान  पर एस सी एस टी एक्ट में उच्चतम न्यायालय के निर्णय के आलोक में हुए संशोधन के खिलाफ गुरुग्राम में भी दलितों ने डॉ श्याम लाल के नेतृत्व में जोरदार एकता का प्रदर्शन किया. संशोधन को लेकर विभिन्न संगठनों एवं राजनीतिक दलों के समर्थकों का गुस्सा सड़कों पर फूटा. प्रशासन के हाथ पाँव तब तक फूले रहे जब तक दलित समाज के विरोध का कारवां शांत नहीं हो गया. उन्हें इस बात को लेकर हैरानी थी कि इतनी बड़ी संख्या में आखिर लोग कैसे यहाँ जमा हो गए जबकि सोमवार का दिन वर्किंग डे था. इस विरोध प्रदर्शन की सफलता इस बात से आंकी गयी कि इनमें अधिकतर युवा थे जो अपने काम को छोड़ कर आज अपनी अस्मिता के सवाल पर इकट्ठे हुए और केंद्र सरकार की नाकामी एवं उच्चतम न्यायालय के निर्णय के खिलाफ घोर नाराजगी व्यक्त की.

डॉ श्याम लाल के नेतृत्व में एससी एसटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ सड़कों पर उतरा दलित समाज 4विरोध प्रदर्शन के आयोजक डॉ श्याम लाल का कहना था हमारा आम जनता को परेशान करने का कोई इरादा नहीं है लेकिन केंद्र सरकार ने जान बूझ कर यह स्थिति पैदा की है. अगर वे अदालत में ठीक से दलित समाज की भावना व उनके साथ वर्षों से हो रहे अन्याय के तथ्यों व तर्क को रखते तो स्थिति कुछ और होती. इस एक्ट में छेड़छाड़ कतई बर्दास्त नहीं किया जाएगा. हरियाणा सहित पूरे देश में आज दलित समाज के लोग आहत हैं और न्याय चाहते हैं. हमें इस एक्ट के प्रावधान में किसी भी प्रकार का संशोधन स्वीकार्य नहीं है.डॉ श्याम लाल के नेतृत्व में एससी एसटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ सड़कों पर उतरा दलित समाज 5

विरोध प्रदर्शन के बारे में डॉ श्याम लाल ने कहा कि यह हमारा संविधान प्रदत्त अधिकार है और यह हमें बाबा साहेब डॉ भीम राव आंबेडकर ने संविधान में दिया है. उन्होंने इस बात पर बल दिया आज तो हम शांतिपूर्ण विरोध जता रहे हैं लेकिन अगर इसे वापस नहीं लिया गया तो यह आन्दोलन उग्र भी हो सकता है. इसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी. उन्होंने दोहराया कि देश के हर राज्य में पिछले कई वर्षों से दलितों पर अत्याचार की घटनाएं बेतहाशा बढीं हैं. केंद्र सरकार व राज्य सरकारें मूक दर्शक बनी रहती हैं. उन्होंने आशंका जताई कि अगर इस एक्ट में बदलाव किया गया जैसी की कोशिश की गयी है तो उससे दलित उत्पीडन की घटनाएं और बढ़ जायेंगी.   

आज का प्रदर्शन गुरुग्राम कमला नेहरु पार्क से शुरू हुआ और सदर बाजार होते हुए नेशनल हाई वे न. 8 के राजीव चौक पर जाकर समाप्त हुआ. सदर बाजार सहित शहर के अन्य भागों में बंद का असर दिखा. कहीं विरोध करने वालों ने दुकानें बंद करवाई तो कहीं लोगों ने स्वयं ही अपने प्रतिष्ठान बंद रखे.

डॉ श्याम लाल के नेतृत्व में एससी एसटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ सड़कों पर उतरा दलित समाज 6प्रदर्शनकारी हरियाणा सरकार और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते देखे गये जबकि इस एक्ट में संशोधन का विरोध तीव्र दिखा. हजारों की संख्या में सभी राजीव चौक पर जमा हो गए और जाम लगाने लगे लेकिन पुलिस व प्रशासन के हस्तक्षेप से हाई वे को पूर्ण बंद करना संभव नहीं हो सका. कुछ देर के लिए यातायात अवश्य बाधित रहा लेकिन ए सी पी राजीव यादव के सूझबूझ भरे फैसले से स्थिति लगातार नियंत्रण में रही. पुलिस सूत्रों का कहना है कि प्रदर्शन की स्थिति की पल पल की जानकारी स्वयं गुरुग्राम पुलिस आयुक्त संदीप खिरवार ले रहे थे और मौके पर मौजूद पुलिस अधिकारियों को निर्देशित कर रहे थे. 

मौके पर मौजूद ट्रेफिक हाई वे एस एच ओ जय प्रकास ने मोर्चा संभाला हुआ था. इससे प्रदर्शन कारियों को समझा बुझा कर उन्हें जय पुर हाई वे की एक लेन को फ्री रखने में कामयाबी मिली और ट्रेफिक को सुचारू बनाया जा सका.

विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों और ए सी पी राजीव यादव के बीच जाम खुलवाने को लेकर लगातार वार्ता चलती रही. अंततः जिला उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने स्वयं नेशनल हाई वे पर आकर ही उनका ज्ञापन लिया.डॉ श्याम लाल के नेतृत्व में एससी एसटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ सड़कों पर उतरा दलित समाज 7

कुल मिला कर यह कहना बेहतर होगा कि भारत के अन्य शहरों की अपेक्षा गुरुग्राम में दलित समाज का विरोध प्रदर्शन दमदार तो रहा लेकिन उग्र नहीं था जो पुलिस व प्रशासन के साथ साथ आम लोगों के लिए भी संतोषजनक रहा. पुलिस की तैनाती तो बड़ी संख्या में की गयी थी लेकिन लगातार एहतियात बरतते देखा गया क्योंकि प्रशासन किसी भी प्रकार की गलती करने से बचना चाहता था. विरोध कर रहे लोगों के हाथों में झंडे व सामान्य डंडे तो थे लेकिन वे अपने नारेबाजी तक ही सीमित थे. किसी प्रकार की जोर जबरदस्ती करते नहीं देखे गया, अगर किसी सिरफिरे जवान ने माहौल बिगड़ने की कोशिश की भी तो उसे नेतृत्व कर रहे लोग उग्र होने से रोकते रहे. इसलिए पुलिस को ऐसा मौका नहीं मिला कि वे कहीं भी बल का प्रयोग करते. यह स्थिति विरोध प्रदर्शन कर रहे लोगों व प्रशासन दोनों के लिए सुखद रही. ऐसा लग रहा था कि पुलिस मूक दर्शक बनी हुई है लेकिन एक पुलिस अधिकारी का कहना था कि जब तक विरोध शांतिपूर्ण है तब तक किसी भी प्रकार की कारवाई का औचित्य नहीं है. आन्दोलनकारी आगे आगे चल रहे थे और पुलिस पीछे पीछे। सुरक्षा के नाम पर रिज़र्व बटालियन यहाँ तक कि महिला दंगा निरोधी दस्ता भी लगाया गया था.

डॉ श्याम लाल के नेतृत्व में एससी एसटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ सड़कों पर उतरा दलित समाज 8ख़ास बात यह रही कि दोपहर होते होते देश के अन्य भागों से जिस परकार लाठी चार्ज होने, उपद्रव होने, गोलियां चलने, पुलिस की कार्रवाई में कई लोगों के मारे जाने और आगजनी जैसी घटनाओं की ख़बरें आने लगी थी गुरुग्राम में ऐसा कुछ भी देखने को नहीं मिला. अब इसका कारन प्रदर्शन करने वालों के संतुलित व्यवहार रहे हों या फिर इस अवसर पर तैनात पुलिस अधिकारियों का सूझबूझ भरा रवैया.

प्रदर्शन कर रहा कारवां जब पुरानी तहसील परिसर के पास पहुंचा तो कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व मंत्री कप्तान अजय यादव अचानक आ धमके और अपने समर्थन का ऐलान करते हुए लोगों को संबोधित करने लगे लेकिन लोगों ने उनकी बातों को अपेक्षित तवज्जो नहीं दी और सभी नारेबाजी करते आगे बढ़ते रहे. कारण स्पष्ट था कि एस सी एस टी एक्ट में संशोधन के विरोध का दलित समाज के अधिकतर लोग राजनीतिकरण होते नहीं देखना चाहते थे. क्योंकि इसमें विभिन्न दलित संगठनों के समर्थक शामिले थे और सभी की अलग अलग राजनीतिक संगठनों के साथ प्रतिबद्धता है.डॉ श्याम लाल के नेतृत्व में एससी एसटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ सड़कों पर उतरा दलित समाज 9

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