जिला उपायुक्त को दिया एस सी एस टी एक्ट में संशोधन के खिलाफ ज्ञापन
ए सी पी राजीव कुमार और ट्रैफिक हाइवे एस एच ओ ने संभाली स्थिति
हाइवे जाम करने पर तुले थे भीम सेन के समर्थक
डॉ श्याम लाल कर रहे थे विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व
बड़ी संख्या में तैनात थी पुलिस
गुरुग्राम। एस सी एस टी एक्ट में संशोधन के खिलाफ भारत बंद के राष्ट्रव्यापी आह्वान के बीच गुरुग्राम में दलित समाज का विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा। जिला प्रशासन व पुलिस महकमे को इस बात की आशंका सता रही थी कि यह प्रदर्शन कहीं उग्र रूप न ले ले लेकिन कुछ पुलिस अधिकारियों की सक्रियता और समझदारी भरे फैसले से सब कुछ शांति से निपट गया और कोई अप्रिय घटना भी नहीं हुई। भीम सेना और अम्बेडकर समाज के साथ साथ कई राजनीतिक दलों के समर्थन से आयोजित आज का आंदोलन कमला नेहरू पार्क से शुरू होकर राजीव चौक पर धरना व थोड़ी देर की जाम के बाद समाप्त हो गया । दलित समाज ने से संशोधन के खिलाफ डीसी को ज्ञापन भी सौंपा ।
यह हरियाणा सरकार और गुरुग्राम पुलिस आयुक्त संदीप खिरवार एवं जिला उपयुक्त विनय प्रताप सिंह के लिए सुखद बात है कि भारत बंद के आयोजन में साइबर सिटी में आज कोई अप्रिय घटना नही हुई जबकि देश के अन्य शहरों में संघर्ष होने और गोलियां तक चलने की घटनाएं हुईं।
आज सुबह 9 बजे से ही दलित समाज के लोग कमला नेहरू पार्क में जमा होने लगे थे। उनके पास अपने झंडे के अलावा लाठियां व डंडे भी थे। सभी केंद्र सरकार व राज्य सरकार विरोधी नारे लगा रहे थे। उनका गुस्सा केंद्र सरकार के खिलाफ आसमान पर था । एस सी एस टी एक्ट में संशोधन के खिलाफ उनका कहना था कि केंद्र सरकार ने अदालत में ठीक से पैरवी नहीं कि इसलिए फैसला एक्ट के खिलाफ आया। उनका कहना था यह ठीक नहीं है।
प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे डॉ श्याम लाल का कहना था कि हम केंद्र सरकार की नीतियों से नाखुश हैं। उन्होंने जानबूझ कर इस एक्ट को कमजोर करने की साजिश रची है। यह दलित समाज के खिलाफ षड्यंत्र है। इसलिए आज दलित समाज के लोग सड़कों पर आंदोलनरत है। विरोध का यह क्रम आगे भी तब तक जारी रहेगा जब तक इस संशोधन को वापस नहीं ले लिया जाता।
आंदोलनकारी लोगों की भीड़ देख कर ऐसा लग रहा था कि आज फिर गुरुग्राम किसी बड़ी घटना का शिकार हो जाएगा। प्रदर्शनकारियों ने अचानक सदर बाजार का रुख कर लिया और दुकाने बंद कराने की कोशिश की। दुकानदारों में एकबारगी दहशत देखने को मिली लेकिन पुलिस की टीम ने उसे तत्काल संभाल लिया। दलित संगठन के लोगों ने दुकानदारों से दुकाने बंद कर उनका साथ व समर्थन देने का आग्रह किया और कई दुकानदार जय भीम के नारे भी लगते देखे गए।
आंदोलन शांतिपूर्ण समपन्न हो इसलिए ए सी पी राजीव यादव के नेतृत्व में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात थे। इनमें महिला रैपिड एक्शन फ़ोर्स को भी लगाया गया था। यह ए सी पी राजीव यादव की सूझबूझ थी जिससे पुलिस ने प्रदर्शनकारियों की लंबी कतार को दोनों किनारे से अपने कब्जे में ले रखा था। सदर बाजार से बाहर आकर सभी राजीव चौक की तरफ बढ़ चले। पुलिस को आशंका थी कि वे लघु सचिवालय की ओर कूच करेंगे लेकिन यहां भी ए सी पी ने समझा बुझा कर उन्हें आगे जाने से रोका और शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन के लिए सहमत कर लिया। आंदोलनकारियों का कहना था कि वे राजीव चौक पर हाई वे जाम करेंगे लेकिन यहाँ ट्रैफिक एस एच ओ जय प्रकास की समझदारी ने उनके इस मनसूबे पर पानी फेर दिया।
राजीव चौक से आगे बढ़ते ही ट्रैफिक एस एच ओ जयप्रकास ने खुद ही मोर्चा संभाल लिया और लोगों को जाम लगाने से रोका। कुछ युवाओं की जिद के कारण कुछ समय तक जयपुर से दिल्ली जाने वाली लेन में अवरोध जरूर पैदा हुआ लेकिन मौके पर मौजूद एस एच ओ ट्रैफिक हाइवे को स्वयं ही लोगों को समझाने के लिए लाउड स्पीकर लेकर बारम्बार समझाते देखा गया। ए सी पी राजीव कुमार ने अंततः जयपुर दिल्ली की एक लेंन को रिजर्व पुलिस की बटालियन की कतार बना कर हाइवे पर खड़े वाहनों को निकालने का रास्ता बना दिया और कुछ ही समय में वाहनों की कतार समाप्त हो गयी। अगर थोड़ी सी भी पुलिस की ओर से चूक होती तो बड़ी घटना हो सकती थी।
हालांकि कुछ लोगों ने स्कूल बसों को भी रोकने की कोशिश की लेकिन ट्रैफिक एस एच ओ जयप्रकास की टीम ने मुस्तैदी से इस स्थिति को नियंत्रित किया और स्कूल की बसों को निकलवाया।
सदर बाजर से राजीव चौक तक पुलिस बल बड़ी संख्या में तैनात किए गए थे। दंगा निरोधक दस्ता भी मौजूद था जबकि महिला पुलिस भी अच्छी संख्या में ड्यूटी पर थी।
दलित समाज के लोगों की मांग थी कि जिला उपायुक्त स्वयं यहां आकर उनका ज्ञापन लें। जब स्थिति नियंत्रित दिखी तभी जिला उपायुक्त विनय प्रताप सिंह हाई वे पर पहुंचे और उनका ज्ञापन लिया जिसमें एस सी एस टी एक्ट में संशोधन को वापस लेने की मांग की गई है।