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गुरुग्राम, 24 मार्च। शहीदी दिवस के अवसर पर गुरुग्राम के सैक्टर 10ए में कवि सम्मेलन-एक शाम शहीदों के नाम आयोजित किया गया जिसमें हरियाणा के लोक निर्माण तथा वन मंत्री राव नरबीर सिंह मुख्य अतिथि थे।
यह कवि सम्मेलन सैक्टर-10 ए की योग एवं व्यायाम प्रचार समिति द्वारा शुक्रवार को देर सांय आयोजित किया गया था। इस सम्मेलन में उपस्थित श्रोताओं को संबोधित करते हुए राव नरबीर सिंह ने सर्वप्रथम देश के सभी शहीदों को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए नमन किया। उन्होंने कहा कि शहीदों की वजह से ही आज हम आजादी की खुली हवा में सांस ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि शहीद भगत सिंह, राजगुरु तथा सुखदेव, जिनको 23 मार्च 1931 को अंग्रेज सरकार द्वारा सांय 7:33 पर एक दिन पहले ही फांसी दी गई थी। राव नरबीर सिंह ने कहा कि इन देशभक्तों के जज्बे से अंगे्रज सरकार इतनी भयभीत थी कि उसने सुबह होने तक का इंतजार नहीं किया। उन्होंने कहा कि अगर ये शहीद अपनी युवा अवस्था देश के लिए कुर्बान नहीं करते तो आज तक हम गुलामी में ही जी रहे होते। उन्होंने कहा कि भारत को यह आजादी सैंकड़ो शूरवीरों के बलिदान के फलस्वरूप मिली है, जिसे सहेज कर रखना और हमारे उन महान देशभक्तों के सपनों को साकार करना हर भारतवासी का कर्तव्य है। हर व्यक्ति को अपने-अपने तरीके से देश के निर्माण में योगदान देना चाहिए, उसके लिए किसी को कहने की जरूरत ना पड़े।
इस कवि सम्मेलन में विनय शुक्ल विनम्र, सुनील शर्मा, अनिल श्रीवास्तव, हरेंद्र यादव, अंजना अंजुम तथा सत्यम उपाध्याय ने अपनी वीर रस की कविताओं तथा देशभक्ति से ओतप्रोत गीतों से सारे वातावरण को देशभक्तिमय बना दिया। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को इन कवियों ने ‘जयहिंद’, ‘भारतमाता की जय’, ‘वंदे मातरम्’ के नारे लगाने के लिए विवश कर दिया। सभी श्रोताओं में इन कवियों ने अपनी रचनाओं से जोश भर दिया। कवि जब अपनी रचनाएं सुना रहे थे तो लोग बीच-बीच में मंच पर जाकर उन्हें मालाएं पहनाकर उनका सम्मान कर रहे थे। बाल कलाकार 13 वर्षीय सत्यम उपाध्याय ने देशभक्ति से ओतप्रोत गीतों से समा बांधा तो दर्शक दीर्घा से लोग उन्हें फूलमालाओं तथा रूपए भेंट करके सम्मानित करने लगे।
दिल्ली से आए विनय शुक्ल विनम्र ने अपनी जोशीली कविताओं से श्रोताओं को अभिभूत कर दिया। उन्होंने शहीद भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, सुभाष चंद्र बोस, राम प्रसाद बिश्मिल सरीखे क्रांतिकारियों की वीरगाथाओं का चित्रण इस प्रकार से किया कि श्रोता जैसे कि उस युग में पहुंच गए थे और इन क्रांतिकारियों को अपने बीच महसूस कर रहे थे। उन्होंने भगत सिंह के बालपन का उल्लेख करते हुए बताया कि जब भगत सिंह के पिता ने उन्हें बताया कि एक दाना अनाज का बीजने से कई दाने उत्पन्न होते हैं तो बालक भगत सिंह ने खेतों में बंदुके बोई थी , यह सोचकर कि उससे बहुत सारी बंदुके उत्पन्न होंगी और वे उनका प्रयोग देश को आजाद करने मे करेंगे। उनकी ‘मातृभूमि भारत माता की आंखे जब-जब रोई हैं, हमने तब-तब छुपकर खेतों में बंदुके ही बोई हैं’ को दर्शको द्वारा खूब सराहा गया। इसके अलावा उनकी ‘तनमन सारा रंगा था बसंती रंग में, रक्त से नहाकर रंग और गहरा गया…गोरों ने जब उठाया तो लगा कि लंदन की छाती पर तिरंगा फहराया गया’ को भी खूब वाह-वाही मिली।
13 वर्षीय बाल कवि सत्यम उपाध्याय ने ‘मेरे देश की धरती सोना उगले, उगले हीरे मोती’ तथा ‘एै मेरे प्यारे वतन, एै मेरे बिछड़े चमन, तुझपे दिल कुर्बान’ और ‘एै मेरे वतन के लोगो जरा आंख में भर लो पानी, जो शहीद हुए हैं उनकी जरा याद करों कुर्बानी’ सुनाकर श्रोताओं का मन मोह लिया। उनके साथ कई श्रोताओं ने फोटो भी खिंचवाएं।
समोद सिंह कमांडो ने अपनी कविताओं के माध्यम से भारतीय सैनिको के जज्बे का चित्रण किया। उन्होंने ‘सरहदो के पार मौत हो या जिंदगी, जीत हिंदुस्तान की हर बार होनी चाहिए’ सुनाकर दर्शकों की तालियां बटोरी। उन्होंने सैनिक की आवाज रखते हुए सुनाया कि ‘हिंद का जाबाज हूं मैं, हिंद का मैं हूं सिपाही, हिंद की आवाज हूं मैं’। कमांडो ने चार बार भारत-पाक युद्ध में भारत की जीत के बाद भी दोनो देशों की सीमाओं पर तनाव की स्थिति पर टीस व्यक्त करते हुए कविता पढ़ी ‘दुश्मन को जब जीत लिया था, कुछ तो भान करा देते, सरहद पार सभी झण्डो पर हिंदुस्तान लिखा देते, कश्मीर से सभी धाराएं हटा देते’ को भी श्रोताओं की खूब वाह-वाही मिली। इसी प्रकार उनकी ‘जल्दी शस्त्र उठा लो, नहीं तो घर में मारे जाओगे, आओ मिलकर आग लगा दें, आग लगाने वालो में’ कविता को भी श्रोताओं ने खूब सराहा।
इस कवि सम्मेलन में सैक्टर-10ए के योग एवं व्यायाम प्रचार समिति के सदस्यों के अलावा, इको-ग्रीन कंपनी के सीईओ अंकित अग्रवाल, होंडा ब्रश मैनुफैक्चरिंग कंपनी के निदेशक आर एल चुग, नगर निगम के पार्षद अश्विनी शर्मा, नवीन गर्ग आदि सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।