Font Size
गुरुग्राम, 7 मार्च। राज्य सरकार ने जो पढ़ी-लिखी पंचायतें चुनने पर गांव को लाभ मिलने का सपना संजोया था, उस दिशा में अब प्रयास शुरू हो गए हैं। पंचायत के सरपंच सहित सभी चुने हुए प्रतिनिधि अब गांव में चल रहे विकास कार्यों का ब्यौरा ना केवल विकास एवं पंचायत विभाग के पोर्टल पर डालेंगे बल्कि समय समय पर उसका स्टेटस भी अपडेट करेंगे और यहां तक की विकास कार्य पूर्ण होने पर ठेकेदार को अदायगी भी बैंक के माध्यम से ऑनलाइन की जाएगी। अब गुरुग्राम जिला की पंचायतों ने उपायुक्त विनय प्रताप सिंह के मार्गदर्शन में ई-पंचायतों का रूप लेना शुरू कर दिया है और अब ये ई-पंचायतेें एक अप्रैल से नया वित्त वर्ष शुरू होने पर बैंको से लिंक की जाएंगी। इसके बाद गांव में होने वाले विकास कार्यों में और अधिक पारदर्शिता आएगी।
गुरुग्राम जिला में अब तक 67 ग्राम पंचायते ई-पंचायत में तबदील हो गई हैं और ये पंचायतें अपने गांव में चल रहे विकास कार्यों का लेखा-जोखा और स्टेटस विभागीय पोर्टल पर अपलोड कर रही हैं।
इस संबंध में जानकारी आज गुरुग्राम के उपायुक्त विनय प्रताप सिंह की अध्यक्षता में लघु सचिवालय में ग्राम सचिवों तथा सरपंचो सहित संबंधित अधिकारियों की बैठक में दी गई।
उपायुक्त ने सभी पंचायतों तथा विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे इस दिशा में तत्परता से काम करें। उपायुक्त ने कहा कि गुरुग्राम की अन्य ग्राम पंचायतों को भी उन ग्राम पंचायतों से प्रेरणा लेनी चाहिए जो ई-पंचायत की दिशा में अच्छा काम कर रही है। उन्होंने कहा कि 1 अप्रैल के बाद ई-पंचायतों को सीधे बैंक से ङ्क्षलक करने के बाद आम आदमी भी अपने गांव में चल रहे विकास कार्यों के स्टेटस को विभागीय पोर्टल पर देख सकेगा। विकास कार्य के लिए जिस एजेंसी को भी ठेका दिया जाएगा उसे भुगतान तभी किया जाएगा, जब पोर्टल पर उसके काम का स्टेटस कंप्लीट होगा तथा उसे अदायगी बैंक द्वारा ही की जाएगी।
बैठक में डीपीएम अनिल ने उपायुक्त को बताया कि जब जिला में ई-पंचायत का काम शुरू किया गया था उस समय जिला स्तर पर एक लैब बनाई गई थी। इस लैब में ई-पंचायत को लेकर की जाने वाली कार्यवाही की ट्रेनिंग दी गई थी ताकि भविष्य में पंचायतों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो। हर ब्लॉक से दो-तीन ग्राम सचिवों तथा विलेज लेवल एंटरप्रैन्योर(वीएलई) को बुलाकर ट्रैनिंग दी गई थी ताकि टे्रंड किए गए ग्राम सचिव बाद में अपने ब्लॉक में जाकर अन्य संबंधित कर्मियों को ट्रैनिंग दे सकें। उन्होंने बताया कि यदि किसी को प्रोफार्मा अपडेट करने में किसी प्रकार की परेशानी आती है तो वह जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी कार्यालय में आकर भी अपने संशयों को दूर कर सकता है।
उपायुक्त ने कहा कि जिन ब्लॉक में ग्राम सचिवों व अटल सेवा केन्द्रों के वीएलई को ट्रैनिंग दी गई है, वे अन्य कर्मियों को भी प्रशिक्षित करें और इस काम को पूरा करवाने में पंचायतों की मदद करें। उन्होंने कहा कि ग्राम सचिव व वीएलई इस काम के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखें और इसे समयबद्ध तरीके से पूरा करें। इस काम को पूरा करने में अपना सहयोग दें।
इस अवसर पर गुरुग्राम उत्तरी के एसडीएम भारत भूषण गोगिया, गुरुग्राम दक्षिणी के एसडीएम सतीश यादव, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी नरेन्द्र सारवान, मानेसर की तहसीलदार मीतू धनखड़, ग्राम सचिव तथा वीएलई उपस्थित थे।