नैशनल डी-वोर्मिंग डे व एमआर कैम्पेन की तैयारियों का स्वास्थ्य सचिव ने लिया जायजा

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गुरुग्राम, 07 फरवरी। आगामी 10 फरवरी को मनाया जाने वाले नैशनल डी-वोर्मिंग डे तथा एमआर कैम्पेन की तैयारियों को लेकर आज स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव अमित झा ने वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा की। इस वीडियो कान्फें्रसिंग में गुरुग्राम जिला की तरफ से अतिरिक्त उपायुक्त प्रदीप दहिया तथा सिविल सर्जन डा. बी के राजौरा ने तैयारियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
जिला में 10 फरवरी को 1 से 19 वर्ष के लगभग 4 लाख 20 हजार बच्चों को पेट के कीड़े मारने की दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। श्री झा ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि बच्चों को भूखे पेट गोली  ना दी जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि बच्चे घर से खाना खाके आएं। साथ उन्होंने यह भी कहा कि जो बच्चे खाना खाकर नहीं आएंगे उन्हें स्कूलों तथा आंगनबाड़ी केंद्रों में खाना दिया जाए। उसके बाद बच्चों से कहा जाए कि वे गोली को पहले चबाएं, फिर उपर से पानी पीएं। गोली को पानी के साथ निगलना नही है। उन्होंने बताया कि साल में दो बार बच्चों को पेट के कीड़े मारने की गोली दी जाती है। एक बार अब फरवरी में तथा दूसरी बार अगस्त माह में गोली दी जाएगी।
 
श्री झा ने सभी स्वास्थ्य केंद्रों में मूलभूत सुविधाएं जुटाने की मुहिम की भी शुरूआत की और कहा कि प्रत्येक स्वास्थ्य केंद्र में पर्याप्त मात्रा में दवा, उपकरण तथा इन्फ्रास्ट्रक्चर होना चाहिए। पैरामैडिकल स्टाफ तथा अन्य स्वास्थ्य कर्मियों की हाजिरी समय पर लगे और उनके कार्य का सही से मूल्याकंन किया जाए। उन्होंने कहा कि उपायुक्त स्वास्थ्य केंद्रों में देखेंगे कि इन हिदायतों को पालन सही ढंग से रहा है कि नहीं। 
 
उन्होंने कहा कि अपै्रल माह में हरियाणा प्रदेश में मीजल्स अर्थात् खसरा तथा रूबेला बिमारियों से बचाव के लिए एमआर कैम्पेन चलाई जाएगी जिसके अंतर्गत 9 माह से लेकर 15 साल तक के बच्चों को एक इंजैक्शन लगाया जाएगा। इसमें सभी सरकारी तथा प्राईवेट स्कूलों, आंगनबाड़ी केंद्रों तथा स्कूल नहीं जाने वाले बच्चों को कवर किया जाएगा। इस कैम्पेन में एक एएनएम एक दिन में 200 बच्चों को टीका लगाएगी। गुरुग्राम जिला में लगभग 200 एएनएम हैं जिनकी सेवाएं इस अभियान में ली जाएंगी। इसके अलावा, राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत काम करने वाली टीमों से भी सहयोग लिया जाएगा। 
बैठक में बताया गया कि रूबेला बीमारी से ग्रस्त महिला के बच्चा जन्म से मंद बुद्धि या शारीरिक रूप से विकृत पैदा होता है। भारत सरकार के आंकड़ो के अनुसार हर वर्ष लगभग 50 हजार ऐसे बच्चों का रजिस्ट्रेशन हो रहा है। इनकी संख्या इससे भी ज्यादा हो सकती है। सिविल सर्जन डा. बी के राजौरा ने बताया कि अब एक महीने में सभी बच्चों को यह टीका लगाने के प्रयास किए जाएंगे। उसके बाद इस टीके को बच्चे के टीकाकरण चार्ट में शामिल कर दिया जाएगा। 
इस अवसर पर अतिरिक्त उपायुक्त प्रदीप दहिया ने श्री झा को आश्वस्त किया कि गुरुग्राम जिला में नेशनल डी-वोर्मिंग डे पर सभी बच्चों को पेट के कीड़े मारने की गोली खिलाने के प्रयास किए जाएंगे। इसी प्रकार, एम आर कैम्पेन में भी सभी पात्र बच्चों को कवर किया जाएगा ताकि गुरुग्राम जिला को स्वस्थ जिला बनाया जा सके।
इस मौके पर सिविल सर्जन डा. बी के राजौरा, नगर निगम के सिविल सर्जन डा. असरूद्दीन, उप सिविल सर्जन डा. नीलम थापर, जिला परियोजना अधिकारी सुनीता शर्मा भी उपस्थित थे।

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