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—–सात दिवसीय प्राथमिक संघ शिक्षण वर्ग के समापन पर बोल रहे थे जिंदल
—समाजिक समरसता का अनुठा उदाहरण रहा प्राथमिक संघ शिक्षा वर्ग
—सभी के लिए रोजाना 1000 रोटियां आसपास के क्षेत्र के लोग भेजते थे

सह संघचालक ने कहा कि स्वयं सेवकों से अपील की कि उन्हें देश व समाज को कुछ देने की भावना के साथ लोगों के बीच जाना होगा और प्रत्येक देशवासी में यही भावना भरनी होगी। संघ ने देश की आजादी के लिए कई साल लड़ाई लड़ी, लेकिन अब देश को दुनिया में सबसे ताकतवर बनाने की लड़ाई लड़ी जा रही है और यह लड़ाई स्वयं सेवकों के बल पर ही जीती जा सकती है। आजादी के बाद से चली आ रही शिक्षा पद्धति पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि अंग्रेजी शिक्षा पद्धति के कारण हमें अपने सही इतिहास की जानकारी नहीं मिली, लेकिन शिवाजी, वीरसांवरकर, गुरूगोबिंद सिंह जैसे महापुरुषों का इतिहास हमें बताता है कि हमारी हिंदू संस्कृति गौरवमयी और विश्व को रास्ता दिखाने वाली रही है। हिंदू संस्कृति केवल एक धर्म नहीं है, बल्कि एक जीवन जीने की पद्धति है।
हम भाज्यशाली हैं कि हमारा जन्म उस देश में हुआ है, जिसमें खुद भगवान ने विभिन्न रूपों में अवतार लिया। वर्तमान में देश को फिर से परमवैभव पर पहुंचाने का काम भगवान ने संघ के स्वयं सेवकों को सौंपा है। जिंदल ने कहा कि देश के महापुरुषों ने एक सपना देखा था कि संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूर्ण होते तक भारत विश्व गुरु बनेगा। अब वर्ष 2025 में संघ के सौ साल पूरे हो रहे हैं, इसलिए सघं के स्वयं सेवकों की चुनौती बढ़ गई है। देश को एक सूत्र में बांधते हुए देश के हर एक नागरिक को देशहित सर्वोपरि की भावना वाला स्वयं सेवक बनाना है।
कार्यक्रम मेें वर्ग कार्यवाह विमल कुमार, वर्ग पालक संजीव सैनी, मुख्य शिक्षक हर्ष, विभाग कार्यवाह श्याम सुंदर, महानगर कार्यवाह विजय कुमार, विभाग प्रचार प्रमुख अनिल कश्यप, विभाग पत्रकार संपर्क प्रमुख अरविंद, भाग प्रचार प्रमुख हरिश शर्मा, सोशल मीडिया प्रांत टोल सदस्य पार्थ सारथी, भारतीय मजदूर संघ के जिलाध्यक्ष पवन चौधरी, सायं कार्यवाह सुभाष, बादशाहपुर से मुकेश यादव आदि मौजूद रहे।
——समाजिक समरसता का अनुठा उदाहरण रहा प्राथमिक संघ शिक्षा वर्ग—-
आरएसएस का यह सात दिवसीय प्राथमिक शिक्षा वर्ग वास्वत में सामाजिक समरसता की एक अनूठी मिशाल पेश कर गया। वर्ग कार्यवाह विमल कुमार ने बताया कि 70 शिक्षार्थियों को शिक्षित करने के लिए 10 शिक्षकों के अलावा व्यवस्था के लिए 25 प्रबंधक सहित कुल 100 से अधिक लोगों के लिए समाज ने भी भोजन की व्यवस्था की। विमल कुमार के अनुसार सभी के लिए रोजाना 1000 रोटियां आसपास के क्षेत्र के लोग भेजते थे। पूरे वर्ग के दौरान सैकड़ों घरों से रोटियां वर्ग में मौजूद स्वयं सेवकों के लिए पहुंची, जो सामाजिक समरसता को एक अनुपम उदाहरण है। इसी तरह जब समापन अवसर की पूर्व संध्या पर पथ संचलन हुआ तो जिस जिस गली से स्वयं सेवक कदम से कदम मिलाकर निकले, लोगों ने उन पर फूल बरसा कर स्वागत किया।