गुरुग्राम में 24 घंटे बिजली के लिए स्मार्ट ग्रिड प्रौजेक्ट पर काम शुरू

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डीजल जनरेटर मुक्त शहर बनेगा गुरुग्राम 

 
गुरूग्राम  04 जनवरी। स्मार्ट सिटी गुरुग्राम में लोगों को 24 घंटे बिजली उपलब्ध करवाने के उद्द्ेश्य से स्मार्ट ग्रिड प्रौजेक्ट पर काम शुरू हो चुका है। इस प्रौजेक्ट के पूरा होने पर गुरुग्राम जिला की तकदीर और तस्वीर दोनो के बदलने की कल्पना साकार हो जाएगी। इस प्रौजेक्ट के लिए मल्टीनेशनल टैंडर आमंत्रित किए गए थे और दो टैंडर किए भी जा चुके हैं। इस परियोजना के प्रथम चरण के तहत निर्माण कार्य इसी माह में शुरू होने जा रहा है। 
 
स्मार्ट ग्रिड प्रौजेक्ट के बारे में जानकारी देते हुए उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने बताया कि स्मार्ट ग्रिड प्रौजेक्ट अपनी ही तरह का अनूठा प्रौजेक्ट है जिसके तहत गुरुग्राम शहर के सैक्टर-1 से 57 तक बिजली व्यवस्था का सुधारीकरण करने के साथ साथ लोगों को 24 घंटे बिजली आपूर्ति की सुविधा प्रदान की जाएगी और गुरुग्राम को डीजल जनरेटर मुक्त शहर बनाया जाएगा। ये सैक्टर दिल्ली-जयपुर नेशनल हाईवे के दोनो तरफ स्थित हैं और दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम (डीएचबीवीएन) में राजस्व का बहुत बड़ा स्त्रोत हैं। 
स्मार्ट ग्रिड प्रौजेक्ट के क्रियान्वयन को देख रहे डीएचबीवीएन के मुख्य अभियंता संजीव चोपड़ा ने बताया कि यह प्रौजेक्ट चार चरणो में लागू किया जाएगा जिस पर लगभग 1600 करोड़ रूपये की राशि खर्च होगी। स्मार्ट ग्रिड प्रौजेक्ट के शुरू होने से लोगों को बड़े पैमाने पर लाभ मिलेगा और उन्हें बिजली कटौती से निजात मिलेगी। 
 
इस परियोजना को लेकर दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा शहर में स्मार्ट ग्रिड प्रौजेक्ट पर काम करने के लिए सर्वे भी किया गया है। परियोजना के प्रथम चरण के अंतर्गत दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम ने टाटा प्रौजेक्ट्स लि. तथा विंधया टैलीलिंकस नामक अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों को क्रमश: 239.52 करोड़ रूपये तथा 255.80 करोड़ रूपये के टैंडर अलॉट किये हैं। दोनो कंपनियां शहर में इस प्रौजेक्ट पर जल्द काम शुरू करने जा रही हैं जो मारूति, आईडीसी तथा डीएलएफ सब डिवीजन क्षेत्रों को कवर करेंगी। 
 
श्री चोपड़ा ने बताया कि इस प्रौजेक्ट के प्रथम चरण के तहत ओवरहैड 11 केवी की डिस्ट्रीब्यूशन लाइनों को अंडरग्राऊंड किया जाएगा और लो ट्रांसमिशन लाइनों पर कंडक्टर लगाकर विभाजित करके या फिर उनके स्थान पर एबी केबल लगाकर उनका भी सुधार किया जाएगा। यही नहीं, 11केवी हाईट्रांसमिशन लाइनों के साथ साथ ऑप्टीकल फाइबर भी बिछाई जाएंगी जो कम्युनिकेशन नेटवर्क में प्रयोग होंगी। इस चरण को लागू करने के लिए सैक्टर-1 से 57 के संपूर्ण क्षेत्र को 8 अलग-2 जोन में बांटा गया है जिसमें लगभग 2-2 सब-डिवीजन के क्षेत्र शामिल हैं। उन्होंने बताया कि कादीपुर तथा साऊथ सिटी सब डिवीजन पर भी काम जल्द शुरू हो जाएगा। 
 
उन्होंने बताया कि इस परियोजना के दूसरे चरण मे सुपरवाइजरी कंट्रोल एंड डाटा एक्युजिशन सिस्टम (स्काडा) बनाया जाएगा, जो कि एक कंट्रोल रूम की तरह काम करेगा। यहां से बिजली चोरी करने वाले लोगों तथा बिजली का बिल ना भरने वाले डिफाल्टरों पर नज़र रखी जा सकेगी। इस सिस्टम के माध्यम से बिजली निगम तथा उपभोक्ता के बीच में एक तरह का कम्युनिकेशन हो सकेगा। इसके साथ ही निगम द्वारा उपभोक्ता को लोड रिडक्शन का मैसेज भी इस कंट्रोल रूम के माध्यम से दिया जा सकेगा। श्री चोपड़ा ने बताया कि जो लोग अपने बिजली बिलों का भुगतान समय पर नही करेंगे उनका कनेक्शन कंट्रोल रूम से काटे जाने का भी प्रावधान होगा। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि  परियोजना के तहत जिन 11 केवी लाइनों में रिंग-मेन युनिट लगाए जाएंगे जिनके माध्यम से बिजली गुल होने पर उस क्षेत्र की बिजली सप्लाई कंट्रोल रूम के माध्यम से दूसरी लाइन पर डाली जा सके गी। उन्होंने बताया कि लोड कम ज्यादा होने की समस्या वाले फीडरों का लोड भी कंट्रोल रूम के माध्यम से बैलेंस किया जा सकेगा। 
 
स्मार्ट ग्रिड प्रौजेक्ट के तीसरे चरण में एडवांस मीटरिंग इंफ्रास्ट्रक्च र(एएमआई) विकसित किया जाएगा। एएमआई से अभिप्राय स्मार्ट मीटर इंस्लॉट करने से है ताकि बिजली चोरी पर प्रभावी ढंग से अंकुश लग सके।
 श्री चोपड़ा ने बताया कि चौथे चरण में एलटी लाइनों को अंडरग्राऊंड किया जाएगा जिससे कंज्यूमर सैटिसफेकशन बढ़ेगा। इससे लोगों को ओवरहैड लाइने देखने को नही मिलेंगी और बिजली की लटकती तारों से भी उपभोक्ताओं को निजात मिलेगी। 

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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