सरकार का स्वास्थ्य मंत्री सरकारी सिस्टम में व्याप्त भ्रष्टाचार के आगे लाचार : सूर्यदेव

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आप नेता ने दिल्ली की तरह फोर्टिस अस्पताल का लाइसेंस तत्काल रद्द करने की मांग की 

अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ षड्यंत्र रचने एवं धोखाधड़ी करने सहित आपराधिक मुकदमा दर्ज करने की मांग 

कहा , वर्तमान हरियाणा सरकार कमजोर इच्छाशक्ति वाली सरकार

सरकार का स्वास्थ्य मंत्री सरकारी सिस्टम में व्याप्त भ्रष्टाचार के आगे लाचार : सूर्यदेव 2गुरुग्राम : हरियाणा प्रदेश के लोगों का स्वास्थ्य भगवान् भरोसे है। प्रदेश के निवासी यहाँ एक तरफ सरकारी अस्पताल में विशेषग्य डाक्टरों व आधुनिक सुविधाओं की भारी कमी तो दूसरी तरफ बड़े निजी अस्पतालों में इलाज के नाम पर लूट व अमानवीय कृत्य का शिकार हो रहे हैं। हरियाणा सरकार का स्वास्थ्य मंत्री सरकारी सिस्टम में व्याप्त भ्रष्टाचार के आगे लाचार हैं। इसका नायाब नमूना गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल की घटना है जिससे हरियाणा सरकार की जनविरोधी नीयत व अक्षमता पूरी तरह सिद्ध होती है। हरियाणा सरकार को दिल्ली सरकार की तरह सख्त कदम उठाते हुए फोर्टिस अस्पताल का लाइसेंस तत्काल रद्द कर आपराधिक कार्रवाई करनी चाहिए।

यह कहना है आम आदमी पार्टी के गुरुग्राम जिला अध्यक्ष सूर्यदेव यादव का। यहाँ जारी एक विज्ञप्ति के माध्यम से उन्होंने हरियाणा सरकार के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज पर पिछले दिनों फोर्टिस अस्पताल में 16 लाख के महंगे ईलाज के बावजूद बच्ची की मौत होने के मामले में जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि वर्तमान हरियाणा सरकार कमजोर इच्छाशक्ति वाली सरकार है जिन्हें आम लोगों से कुछ लेना देना नहीं बल्कि बड़े पूंजीपतियों के प्रति सहानुभूति रखने वाली है। इस मामले में अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं किया जाना मुख्यमंत्री मनोहर लाल और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की संवेदनहीनता को दर्शाता है। इन्हें प्रदेश की जनता की तनिक भी चिंता है तो सामान्य बीमारियों के ईलाज के नाम पर अमानवीय तरीके से लूट खसोट करने वाले गैर जिम्मेदार  गुरुग्राम फोर्टिस अस्पताल का लाइसेंस तत्काल रद्द करना चाहिए। अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ षड्यंत्र रचने एवं धोखाधड़ी करने सहित आपराधिक मुकदमा दर्ज कर इसकी सुनवाई स्पेशल कोर्ट में करवानी चाहिए। उन्होंने अफ़सोस जताया कि अब तक कोई ठोस कदम उठाने के संकेत नहीं मिले हैं।

अनाप शनाप बिल देकर लोगों को लूटने का गोरख धंधा वर्षों से जारी 

आप नेता ने ध्यान दिलाया कि ऐसे बड़े अस्पतालों को जनहित के नाम पर सस्ती दरों पर जमीनें दी गयी और सरकार की ओर से लाइसेंस देने के दौरान इन्हें अन्य सुविधाएं व छूट भी दी गयीं है लेकिन निजी अस्पाताल सारे नियमों को ताक पर रख कर चलते रहे हैं। इन अस्पतालों में एक तरफ इलाज में धोखाधड़ी तो दूसरी तरफ अनाप शनाप बिल देकर लोगों को लूटने का गोरख धंधा वर्षों से चल रहा है। पूर्व की सरकार के कार्यकाल में भी यही स्थिति थी और भाजपा के कार्यकाल में भी पूर्ववत हालात बने हुए हैं। लोग बेचारगी की स्थिति में ईलाज के नाम पर लुटने को मजबूर हैं।

 

बीपीएल परिवारों का निःशुल्क इलाज कागजों में 

सूर्यदेव नखरौला ने दावा किया कि निजी अस्पतालों को सस्ती जमीन देने के एवज में गरीब बीपीएल परिवारों का इलाज निःशुल्क करने की शर्त होती है लेकिन इस पर किसी भी निजी अस्पातल में  अमल नहीं होता है। उन्होंने आरोप लगाया कि यह केवल कागजों में खाना पूर्ति होती है। आज तक इस प्रावधान का मात्र कुछ मुट्ठीभर गरीबों को ही लाभ मिला है और हरियाणा सरकार इसको ठीक से लागू कराने को इच्छुक नहीं दिखती है। बड़े औद्योगिक व व्यावसायिक घारानों के हित में काम करने वाली भाजपा सरकार को दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार से सीख लेनी चाहिए। दिल्ली में अरविन्द केजरीवाल सरकार ने ऐसे एक मामले में त्वरित गति से कारवाई करते हुए मैक्स अस्पताल का लाइसेंस रद्द करने का निर्णय लिया और आगे की कार्रवाई के लिए  मेडिकल कौंसिल ऑफ़ इंडिया को भी लिखा गया।

 

गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल मामले में खानापूर्ति 

 

आप नेता ने इस बात पर आश्चर्य व्यक्त किया कि गुरुग्राम के फोर्टिस अस्पताल मामले में हरियाणा सरकार के स्वास्थ्य मंत्री ने कार्रवाई के नाम पर पहले तो खानापूर्ति करने के लिए जांच समिति बना दी और फिर जांच समिति की रिपोर्ट के आधर पर कार्रवाई के लिए गेंद पुलिस व अन्य अधिकारियों के पाले में डाल दिया। यह सरकार की असंवेदनशीलता को दर्शाता है। अब हालत यह है की स्वास्थ्य मंत्री कारवाई नहीं होने के लिए कभी विभाग के अधिकारी को जिम्मेदार ठहराते है तो कभी पुलिस अधिकारी को। कार्रवाई की जिम्मेदारी एक दूसरे के कंधे पर फेंक कर जनता की आँखों में धूल झोंक रहे हैं।

स्वास्थ्य मंत्री को सस्ती लोकप्रियता हासिल करने की आदत

आप जिला अध्यक्ष सूर्य देव ने स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज की आलोचना करते हुए कहा कि प्रदेश के बडबोले स्वास्थ्य मंत्री को सस्ती लोकप्रियता हासिल करने की आदत लग गयी है। उन्हें जनता के हित से कुछ लेना देना नहीं है। उन्हें जनता के स्वास्थ्य से अधिक अपने राजनीतिक स्वास्थ्य की चिंता अधिक है। अक्सर अनर्गल राजनीतिक बयानबाजी में उलझे रहने वाले मंत्री जी आज तक निजी अस्पतालों के गैरकानूनी तौर तरीके पर तो क्या अंकुश लगायेंगे बल्कि सरकारी अस्पातलों की हालत भी नहीं सुधार पाए हैं। तीन साल हुए अभी तक इन अस्पतालों पर नकेल कसने के लिए हरियाणा सरकार के पास कोई रेगुलेटरी बॉडी तक भी नहीं है। प्रदेश का स्वास्थय  विभाग, निजी अस्पतालों के मामले में दन्त हीन संस्था बन कर रहा गया है।

निजी अस्पतालों में हेराफेरी के कई तरीके

आप नेता ने खुलासा किया कि निजी अस्पतालों में हेराफेरी के कई तरीके अपनाए जाते हैं। यहाँ आम आदमी और सरकारी सुविधा प्राप्त रोगियों के साथ जांच का शुल्क वसूलने में भी जबरदस्त भेदभाव किया जाता है। उनके अनुसार एक ही प्रकार की जाँच के लिए दो अलग अलग पहचान वाले रोगी से अलग-अलग शुल्क चार्ज किये जाते हैं। उनके अनुसार समान जांच के सीजीएचएस कार्ड धारक रोगी से काफी कम शुल्क लिए जाते हैं जबकि आम आदमी/सामान्य रोगियों से मनमाना शुल्क वसूले जाते है। यहाँ आधुनिक ईलाज के नाम पर आम आदमी की जेब पर डाका डालने का धंधा धड़ल्ले से जारी है और सरकार का पूरा अमला आँखें मूंदे बैठा है।

प्राइवेट अस्पतालों में सभी प्रकार के ईलाज व जाँच शुल्क निर्धारण के लिए कमिटी का गठन

सूर्य देव ने हरियाणा सरकार से मांग की है कि फोर्टिस अस्पताल का लाइसेंस तत्काल रद्द कर आपराधिक मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाये। उन्होंने यह भी मांग की है कि निजी अस्पतालों पर अंकुश लगाने के लिए एक राज्यस्तरीय स्वायत्त रेगुलेटरी बॉडी का गठन किया जाए। इसके अलावा एक कमिटी का गठन कर सभी प्राइवेट अस्पतालों में सभी प्रकार के ईलाज व जाँच शुल्क निर्धारण कर अस्पताल प्रबंधन को उसका अनुपालन करने को बाध्य किया जाए।

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