नई दिल्ली, 14 दिसंबर : वकीलों की तेज आवाज पर सुप्रीम कोर्ट एक बार फिर से नाराज हो गया। यहां तक कि सुनवाई कर रही बेंच ने मामले को फरवरी तक के लिए स्थगित कर दिया। हालांकि बाद में वकील दुहाई देते रहे कि वो फिर ऐसा नहीं करेंगे, लेकिन बेंच का कहना था कि अब सुनवाई फरवरी के दूसरे सप्ताह में की जाएगी।
गौरतलब है कि इससे पहले सात दिसंबर को चीफ जस्टिस दीपक मिश्र इसी तरह की हरकत से नाराज हुए थे। तब सुनवाई चल रही थी कि क्या पारसी महिला की दूसरे धर्म में शादी के बाद पहचान खत्म हो जाती है। तब सुनवाई संवैधानिक बेंच कर रही थी। खास बात है कि जस्टिस ए के सिकरी व अशोक भूषण पांच सदस्यों की उस बेंच का भी हिस्सा थे। चीफ जस्टिस ने कहा था कि वकीलों का इस तरह का आचरण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
एक हफ्ते के अंदर यह दूसरा मौका है जब सुप्रीम कोर्ट के किसी जज ने तेज आवाज में बहस करने को लेकर अपनी आपत्ति जताई है। जस्टिस ए के सिकरी और जस्टिस अशोक भूषण की पीठ के सामने यह मामला घटा। पीठ पर्ल एग्रोटेक कॉरपोरेशन लिमिटेड (पीएसीएल) के मामले की सुनवाई कर रही थी। पीएसीएल की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी दलील पेश कर रहे थे।
इसी दौरान प्रतिवादी की ओर से पेश एक महिला वकील तेज आवाज में बोलने लगी। इस पर जस्टिस सिकरी ने महिला वकील से कहा कि जब वरिष्ठ वकील बोल रहे हैं तो उनका शोर मचाने का कोई कारण नहीं बनता। उन्होंने कहा कि वह बहुत धैर्यवान व्यक्ति हैं लेकिन इस तरह की बहस से एलर्जी है। वह इसे बर्दाश्त नहीं कर सकते।
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