देश हित में कड़े फैसले निडर होकर लेती थीं इंदिरा गांधी : डा. मुकेश शर्मा 

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पूर्व प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की जयंती पर प्रदेश कांग्रेस सचिव की ओर से श्रद्धा सुमन 

कांग्रेस नेता ने कहा , इंदिरा जी में आपातकालीन स्थिति से बचाने की मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति थी 

परमाणु विस्फोट परीक्षण करना व बांग्लादेश को मुक्त कराने की उनकी असरदार रणनीति ऐतिहासिक 

संयुक्त राष्ट्र संघ को प्रभावी बनाने में भी अहम भूमिका अदा की 

 
देश हित में कड़े फैसले निडर होकर लेती थीं इंदिरा गांधी : डा. मुकेश शर्मा  2गुडग़ांव, 18 नवम्बर : पूर्व प्रधानमंत्री, भारत रत्न स्व. इंदिरा गांधी की जयंती पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए कांग्रेस हरियाणा के प्रदेश सचिव व वरिष्ठ अधिवक्ता डा. मुकेश शर्मा ने कहा कि इंदिरा गांधी ने अपने कार्यकाल में देश हित में कड़े फैसले लिए। उन्होंने देश को आतंकवाद से मुक्ति दिलाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए और इसके लिए उन्होंने युद्ध करने से भी परहेज नहीं किया। उनमें देश को आपातकालीन स्थिति से बचाने की मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति थी। जनहित में लिए गए कठोर निर्णयों के कारण उन्हें अपना बलिदान तक देना पड़ा।
 
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि यूएनओ के चेयरपर्सन के रूप में इंदिरा गांधी ने ऐसे ऐतिहासिक निर्णय लिए जिसकी सराहना पूरे विश्व ने की । उनके अनुसार उन्नीसवीं शताब्दी में यूरोपीय देशों में करीब चार वर्षों तक महायुद्ध चला। इसे विश्व का प्रथम महायुद्ध कहा जाता है। यूरोप के देशों को इससे भीषण क्षति हुई। युद्ध की इस विभीषिका से घबराकर भविष्य में युद्धों से बचने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना हुई और बाद में इंदिरा गांधी को इसका चेयरपर्सन नियुक्त किया गया। उनका कहना है कि यह भारत के लिए बहुत गौरव की बात थी कि आतंकवाद और विश्व महायुद्ध जैसी त्रासदी से विश्व के देशों को बचाने के लिए गठित किसी अन्तर्राष्ट्रीय संगठन का चेयरपर्सन बनने का अवसर आयरन लेडी के रूप में विख्यात इंदिरा गांधी को मिला और अपनी बेहतरीन सूझबूझ का परिचय देते हुए उन्होंने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाई। 
 
प्रदेश कांग्रेस सचिव ने बताया कि विश्व की 18 भाषाओं का ज्ञान रखने वाली इंदिरा गांधी जब विश्व कल्याण की दिशा में लिए गए निर्णयों के दौरान भारत की तरफ से अपना पक्ष रखतीं थीं तो उनके तर्क से दुनिया सहमत होती थी और उसका अनुसरण किया जाता था। इंदिरा गांधी स्वत्रंत्र भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री थीं और उन्होंने जब-जब प्रधानमंत्री का कार्यभार संभाला तब तब देश के विकास को एक नई दिशा मिली। इसके साथ ही उन्होंने आतंकवाद का डटकर मुकाबला किया। अंतर्राष्ट्रीय दबाव को नकारते हुए परमाणु विस्फोट परीक्षण करना और बांग्लादेश को पाकिस्तान से मुक्त कराने की उनकी असरदार रणनीति का आज भी कोई जवाब नहीं मिलता है. उनका कहना है कि राष्ट्र हित को सर्वोपरि मानते हुए इंदिरा गांधी ने देश के लिए जो बलिदान दिया, वह आधुनिक भरत के इतिहास में युगों तक याद किया जाएगा.
 
डा. शर्मा ने इस बात पर बल दिया कि आतंकवाद, अन्तर्राष्ट्रीय विरोधाभास और साम्प्रदायिकता जैसी त्रासदी से जूझ रहे भारत को एक बार पुन: इंदिरा गांधी जैसे कुशल और प्रभावी नेतृत्व की जरूरत है ताकि देश की एकता और अखंडता को अक्षुण्ण रखा जा सके। उन्होंने कहा कि इंदिरा जी के आदर्शों का अनुसरण करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री स्व. राजीव गांधी ने भी देश के विकास को नई दिशा दी. कंप्यूटर और टेलीफोन की क्षेत्र में आधुनिक तकनीक को बढ़ावा देने की उनकी दूरदर्शी नीति देश को तकनीकि रूप से समृद्ध बनाने में मील का पत्थर साबित हुई। इंदिरा जी के आदर्शों से परिपूर्ण सम्पूर्ण गांधी परिवार बलिदान की प्रतिमूर्ति है.  देश का एक-एक नागरिक जानता है कि इस परिवार ने हमेशा देश हित में बलिदान दिया है। इस अवसर पर डा. शर्मा ने युवाओं और राजनीतिज्ञों का आह्वान किया कि वे इंदिरा गांधी के आदर्शों से प्रेरणा लेकर देशहित में कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने के लिए काम करें।

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