दिल्ली में बीएस-VI ग्रेड ईंधन 1 अप्रैल 2018 से ही होगा लागू

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पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में बीएस-VI ग्रेड ईंधन को 1 अप्रैल 2019 से शुरू करने की योजना 

सुभाष चौधरी/ प्रधान संपादक 

नई दिल्ली : सीओपी-21 के संबंध में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की प्रतिबद्धता के अनुरूप भारत सरकार वाहनों से होने वाले उत्सर्जन को कम करने और ईंधन कुशलता बढ़ाने के मद्देनजर पूरी कोशिश में लगी हुई है। इसका उद्देश्य कार्बन को कम करना और स्वस्थ पर्यावरण को कायम रखना है। भारत ईंधन की गुणवत्ता में इजाफा करने और वाहन उत्सर्जन मानकों यानी भारत स्टेज (बीएस) के नियमों को लागू कर रहा है। दिल्ली और आस-पास के इलाकों में प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए पेट्रोलियम मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों से परामर्श करके यह फैसला किया है कि अब राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में बीएस-VI ग्रेड ईंधन को 1 अप्रैल 2020 के बजाय 1 अप्रैल 2018 से ही लागू कर दिया जाये। 

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने पूरे देश में यातायात ईंधन बीएस-IV को 1 अप्रैल 2017 से लागू किया है। बीएस-IV ग्रेड ईंधन के जारी करने से स्वच्छ ईंधन का एक नया युग शुरू हुआ है और उससे पर्यवरण में सुधार होगा। माना जा रहा है कि इसके कारण प्रदूषण स्तर में बहुत कमी आएगी। बीएस-IV ग्रेड ईंधन की शुरूआत करने से भारत की प्रतिबद्धता साबित होती है कि वह उत्सर्जन में कमी लाने के लिए बहुत गंभीर है।

सरकार ने हितधारकों के साथ परामर्श करने के बाद इस दिशा में अगला कदम उठा लिया है। अब बीएस-IV से सीधे उछाल मारकर अंतर्राष्ट्रीय स्तर के बीएस-VI ग्रेड को 1 अप्रैल 2020 से लागू करने का फैसला किया गया। इस तरह बीएस-V ग्रेड को बीच में स्थगित कर दिया गया। तेल शोधन कंपनियां बीएस-VI ग्रेड ईंधन की उत्पादन के लिए भारी निवेश कर रही हैं।

दिल्ली और आस-पास के इलाकों में प्रदूषण के खतरनाक स्तर को देखते हुए पेट्रोलियम मंत्रालय ने सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों से परामर्श करके यह फैसला किया है कि अब राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में बीएस-VI ग्रेड ईंधन को 1 अप्रैल 2020 के बजाय 1 अप्रैल 2018 से ही लागू कर दिया जाये। तेल कंपनियों से भी आग्रह किया गया है कि वे पूरे राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में बीएस-VI ग्रेड ईंधन को 1 अप्रैल 2019 से शुरू करने की संभावनाएं तलाश करें।

आशा की जाती है कि इस उपाय से दिल्ली और आस-पास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण की समस्या को कम करने में सहायता होगी।

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