नवजात लावारिश बच्ची पचडे में : पंचायत समिति पुन्हाना के चेयरमैन इरशाद ने उसे अपनाया

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: पुन्हाना से विधायक रहीश खान बोले बच्ची का सारा खर्च वक्फ बोर्ड उठाऐगा

: जिला बाल संरक्षण इकाई ने कहा बिना कानूनी प्रक्रिया के बच्ची को अपने पास नहीं रख सकते

 यूनुस अलवी

 
मेवात : सोमवार को पुन्हाना खंड के गांव फरदडी के पास एक नवजात लावारिश बच्ची मिलने पर उसकी परवरिश करने के लिए पुन्हाना विधायक रहीश खान और पुन्हाना पंचायत समिति के चेयरमैन इरशाद रावली समाने आऐ हैं वहीं वहीं बाल संरक्षण इकाई इसमें एक अडंगा बनकर सामने खडी हो गई है। अब देखना होगा की बच्चे की परवरिश कौन करेगा या फिर उस बच्ची को अनाथ आश्रम भेज दिया जाऐगा।
   
पंचायत समिति पुन्हाना चेयरमैन इरशाद खान ने बताया कि वह पिछले 8 दिन से मलेरिया, टायफाइड से पीडि़त है। वह पुन्हाना की एक निजि हॉस्पिटल में ऐडमिट था। उसके पास एक दोस्त को फोन आया कि पुन्हाना कस्बे से करीब 6 किलोमीटर दूर गांव फरदडी के पास कोई रात के समय एक नवजात बच्ची को पॉलिथीन में भरकर सडक़ के किनारे फेंक गया है। लडकी फिलहाल जिंदा है। वहां पर करीब सो लोगों की भीड़ खडी है कोई भी बच्ची को अपनाना तो दूर उसे छू तक नहीं रहा है। मैंने बच्ची को अपने पास बुलवाया उसका इलाज करवाया अब मैं उसे अपनी बेटी की तरह अपनाकर घर रख रहा हूं। उसके दो बेटे और एक बेटी पहले से ही हैं वह भी इस लावारिश को अपना नाम देकर उसे भी पढा लिखाकर उसकी शादी करना चहाता हूं। लेकिन बाल संरक्षण इकाई के अधिकारी उनकी इस मुहिम में रोडा बन रहे हैं।
   वहीं पुन्हाना से विधायक एंव हरियाणा वक्फ बोर्ड के चेयरमैन रहीश खान ने प्रेस नोट जारी कर उस बच्ची का पूरा खर्चा वक्फ बोर्ड की ओर से उठाने की बात कही है। विधायक कहा कि हरियाणा वक़्फ़ बोर्ड नवजात शिशु के लिए उनकी पूरी शिक्षा का प्रबंध करेगा,जो भी जरुरत होगी वो मुहैया कराई जायगी। बच्ची के जो भी बेहतर भविष्य के लिए होगा उसकी हर मुमकिन प्रयास करेगा।
 
उधर महिला एंव बाल विकास विभाग द्वारा संचालित जिला बाल संरक्षण इकाई के जिला अधिकारी आबिद खान ने बताया कि लावारिश अवस्था में पाऐ जाने वाले बच्चे को ऐसे कोई भी अपने पास नहीं रख सकता है। उसे एक कानूनी प्रक्रिया के तहत की अडोप किया जा सकता है। उन्होने बताया कि चेयरमैन इरशाद खान को पहले लावारिश बच्ची को उन्हें हवाले करना होगा। बाद में ऑन लाईन आवेदन कर एक प्रक्रिया के तहत बच्ची को अडोप किया जा सकता है। आबिद खान ने बताया कि बिना कानूनी प्रक्रिया के बच्चे को रखना कानूनन अपराध है। उन्होने कहा कि वैसे इरशाद चेयरमैन की भावनाओं को देखते हुऐ वह बच्ची को उन्हीं को अडोप करने के लिए जिला की तरफ से शिफारिश कर देगें।  

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