मारुती कम्पनी में अग्निशमन गाड़ियों द्वारा पानी की बौछारों से प्रदूषण से राहत दिलाने की कोशिश

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मारुती कम्पनी के सरंक्षा विभाग एवं पर्यावरण विभाग का सराहनीय प्रयास 

शहर का प्रदूषण शुक्रवार को भी सामान्य से कई गुना ज्यादा दर्ज किया गया

मारुती कम्पनी में अग्निशमन गाड़ियों द्वारा पानी की बौछारों से प्रदूषण से राहत दिलाने की कोशिश 2गुरुग्राम। सेक्टर 18 स्थित मारुती सुजुकी इंडिया लिमिटेड कंपनी ने अग्निशमन गाड़ियों की मदद से पानी की बौछारें करके प्रदूषण को कम करने की कोशिशें करके सराहनीय कदम उठाया। मारुती कम्पनी के कर्मचारियों ने कम्पनी परिसर तथा बाहर सड़कों के किनारे पेड़ों की पानी से धुलाई की। इससे आस पास के वातावरण में पर्दूषण का स्तर अपेक्षाकृत कम हुआ है. हालांकि साइबर सिटी में प्रदूषण स्तर एक बार फिर खतरनाक स्तर पर पहुंच गया। बताया जाता है कि शहर का प्रदूषण शुक्रवार को सामान्य से कई गुना ज्यादा दर्ज किया गया। पिछले दो माह में प्रदूषण स्तर में दोगुना से ज्यादा की वृद्धि हुई है।

मारुती उद्योग कामगार यूनियन के महासचिव कुलदीप जांघू ने बताया कि पेड़ों की पत्तियों पर जमें दूषित कण व मिट्टी साफ हो गई, इसके साथ कई जगह हवा में कृत्रिम बारिश भी कराई गई ताकि हवा में फैला हुआ स्मॉग तथा मिट्टी नीचे आ सके तथा वायु में प्रदूषण का स्तर कम हो सके।

कम्पनी की अग्निशमन टीम पानी की बौछारें बनाकर दो दिन से इस काम में जुटे हुए हैं. उम्मीद है कि इससे प्रदूषण की मात्रा को और कम करना संभव हो सकेगा। कम्पनी के इस सराहनीय कार्य में सरंक्षा विभाग एवं पर्यावरण विभाग से अधिकारियों में जोगेश्वर साहू, सूर्यकांत पटेल, अंकित शर्मा, अनिल धनखड़ सहित यूनियन के पदाधिकारी भी शामील हैं।

 
उल्लेखनीय है कि दीपावली के बाद से ही गुरुग्राम का वायू प्रदूषण स्तर कम होने के बजाय लगातार बढ़ रहा है। वायु में 2.5 माइक्रोन कणों की मौजूदगी सामान्य से 7 गुना अधिक तक पहुंच गई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से मिले आंकड़ों के मुताबिक शुक्रवार को पीएम 2.5 प्रति क्यूबिक मीटर 395 दर्ज किया गया, जबकि अधिकतम स्तर 500 क्यूबिक दर्ज किया गया। बोर्ड के अनुसार पूरे दिन में सबसे कम प्रदूषण स्तर का सुबह के वक्त 344 क्यूबिक मीटर आंका गया।

पर्यावरण विशेषग्य मानते हैं कि प्रदूषण बढ़ने की प्रमुख वजह वाहनों की संख्या में लगातार वृद्धि होना है। वाहनों से निकलने वाला धुआं और उनके चलने से उड़ने वाली धूल पीएम 2.5 की मात्रा को लगातार बढ़ा रही है।  शहर में चल रहे निर्माण कार्यों से भी काफी हद तक प्रदूषण  में वृद्धि हो रही है। यही स्थिति जनवरी माह में भी देखने को मिली थी .

आंकड़े बताते हैं कि पिछले 2 माह में प्रदूषण स्तर में दोगुना वृद्धि हो गयी है। 

प्रदूषण बढ़ने के प्रमुख कारण : 

-वाहनों की बढ़ती संख्या
-निर्माण कार्य
-कूड़ा और फसल का जलाना
-सड़कों पर फैल रही धूल
-सर्दी बढ़ने से धूल के कणों का वातावरण में नीचे रहना
-प्रदूषण बढ़ने के कारण श्वास के रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इसके अतिरिक्त श्वास से जुड़ी एलर्जी के मरीज भी काफी ज्यादा संख्या में आ रहे हैं। प्रदूषण का स्तर लगातार यही रहा तो भविष्य में गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।

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