नई दिल्ली। पूर्व प्रधानमंत्री एवं कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता डॉ मनमोहन सिंह ने नोटबंदी के निर्णय को ‘विनाशकारी आर्थिक नीति’ की संज्ञा दी है । उन्होंने कहा है कि इससे आर्थिक असमानता बढ़ने की प्रबल आशंका है । उनके अनुसार भारत जैसे विविधतापूर् में यह ‘अब तक की सबसे बड़ी सामाजिक विपत्ति’ वाली नीति साबित होगी । उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आगाह किया है कि इस ‘बड़ी गलती’ को स्वीकार कर अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण के लिए आम सहमति बनाए ।
पूर्व प्रधान मंत्री ने एक न्यूज वेब पोर्टल ब्लूमबर्गक्विंट डॉट कॉम से बातचीत में कहा कि नोटबंदी एक विनाशकारी आर्थिक नीति साबित होने जा रही है। इसके कारण कई तरह की आर्थिक, सामाजिक और संस्थागत क्षति हुई है। उन्होंने दावा किया कि जीडीपी का गिरना आर्थिक नुकसान का एक संकेत है। उनका मानना है कि इसका हमारे समाज के गरीब तबकों पर तथा छोटे व्यापार पर जिस प्रकार का बुरा असर हुआ है, वह आर्थिक सूचक की तुलना में बेहद हानिकारक है।
डॉ सिंह के अनुसार नोट्बंदी का त्वरित प्रभाव नौकरियों की संभावनाओं पर पड़ा है। जिस देश की तीन चौथाई गैर-कृषि रोजगार छोटे और मझोले उद्यमों के क्षेत्र पर निर्भर है उसक लिए यह ठीक नहीं है । उन्होंने तर्क दिया कि इस निर्णय का इस क्षेत्र को सबसे अधिक नुकसान भुगतना पडा है।
उन्होंने नोटबंदी से होने वाले दीर्घकालिक प्रभाव के प्रति चिंता व्यक्त की। उनके अनुसार जीडीपी में कुछ सुधार है लेकिन हमारे आर्थिक असमानता बढ़ने का बड़ा खतरा आने से इनकार नहीं किया जा सकता । उन्होंने दावा किया कि इसे आने वाले समय में सुधारना बेहद कठिन होगा।