नितीश सरकार पर बड़ा सवाल
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने बाहुबली राजद नेता शहाबुद्दीन की जमानत रद्द करते हुए उसे ततकाल जेल भेजने का आदेश दिया है. कोर्ट ने चंदा बाबु और बिहार सरकार दोनों कि अपील को स्वीकार कर लिया. स्पष्ट कर दिय कि उसे जेल भेजा जाये. कोर्ट ने यह भी कहा है कि पत्रकार हत्या कांड का ट्रायल शीघ्र पूरा किया जाये. इस मामले में बिहार सरकार की बड़ी किरकिरी हुई है. क्योंकि अदालत ने सुनवाई के दौरान बिहार सरकार के पिछले कदम को लेकर फटकार लगाई थी.
इस निर्णय से बिहार सरकार के पिछले कदम जिसमें शहाबुद्दीन की जमानत का हाई कोर्ट में विरोध नहीं किया गया था के लिए सुप्रीम कोर्ट सवाल खड़ा किया था. जाहिर है बिहार सरकार से यह पुछा जाना कि तब विरोध सरकार कहाँ सोई हुई थी उनकी विश्वसनीयत पर सवाल खडा करता है.
सुप्रीम कोर्ट के निर्णय आने के साथ ही सभी राजनितिक दलों कि प्रतिक्रिया भी आने लगी. एक तरफ राजद नेता मनोज झा ने इसे बिहार सरकार कि जित बताया है. उन्होंने कहा कि बिहार सरकार ही सुप्रीम कोर्ट गयी और जमानत रद्द करने कि याचिका दायर की. दूसरी तरफ भजपा नेता सुशील मोदी ने इसे बिहार सरकार कि नियत पर सवाल बताया . उनका कहना है कि बिहार सरकार ने समय रहते इसका विरोध नहीं किया और जमानत होने दिया जबकि उन पर दूसरे केस का ट्रायल तक शुरू नहीं किया. जदयू नेता के सी त्यागी ने माना कि इसमें बिहार सरकार कि ओर से थोड़ी चूक हुई है लेकिन देर आयद दुरुस्त आयद कि बात कि. उन्होंने दावा किया कि पिछले मामले में नितीश कुमार सरकार के ज़माने में ही उसे उम्र कैद की सजा हुई थी.
उल्लेखनीय है कि शहाबुद्दीन को पटना हाई कोर्ट कि ओर से मिली जमानत के खिलाफ तिन बेटे गवा चुके सीवान निवासी चंदा बाबु और बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कि थी. सुप्रीम ने लगातार इस मामले की सुनवाई कि ओर उसकी जमानत को रद्द करते हुए उसे तत्काल जेल भेजने का आदेश दिया. इस निर्णय पर चंदा बाबु और पत्रकार राजन कि पत्नी ने संस्तोश जाहिर किया है और मांग की है उसे पुनः भागलपुर जेल में ही रखा जाये.