विधायक, उपायुक्त और एनी प्रसाशनिक अधिकारियों ने ली एकता के प्रति समर्पित रहने की शपथ
उपायुक्त ने पटेल जयंती पर ‘‘एकता दौड़’’ को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया
देवघर : देश के प्रथम गृहमंत्री और लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती के अवसर पर आज राष्ट्रीय एकता दिवस मनाया गया। इस मौके पर के0के0एन0 स्टेडियम में स्थानीय विधायक नारायण दास, उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा, उपविकास आयुक्त जन्मेजय ठाकुर, प्रभारी पुलिस अधीक्षक, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी सहित विभिन्न पदाधिकारीगण आदि उपस्थित थे। सर्वप्रथम उपायुक्त सहित वहाँ उपस्थित सभी लोगों ने राष्ट्रीय एकता के प्रति समर्पित रहने और स्वच्छता अपनाने संबंधी शपथ ली । तत्पश्चात् उपायुक्त द्वारा ‘‘एकता दौड़’’ को हरी झण्डी दिखाकर वहाँ से रवाना किया गया।
यह एकता दौड़ के०के०एन० स्टेडियम से शुरू होकर बजरंगी चैक, राॅय एण्ड कम्पनी चैक, टाॅवर चैक होते हुए पटेल चैक तक पहुँचा; जहाँ विधायक नारायण दास एवं उपायुक्त राहुल कुमार सिन्हा सहित कई गणमान्य लोगों द्वारा आधुनिक भारत के निर्माता सरदार वल्लभ भाई पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया गया।
इस अवसर पर विधायक ने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल एकता के प्रतीक थे, जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन राष्ट्र के लिए न्यौछावर किया। वे भारत के सच्चे सपूत थें और उन्हीं की जयन्ती को आज हम सभी एकता दिवस के रूप मना रहे हैं। सरदार वल्लभ भाई पटेल ने जिस सोच के साथ भारत का नेतृत्व किया और पूरे राष्ट्र को एकता के सूत्र में पिरोया, वह हम सभी के लिए अनुकरणीय है और आवश्यक है कि उनके इस संदेश को हम अपने जीवन में उतारें और एकता के महत्व को समझें।
उपायुक्त ने अपने संबोधन में कहा कि हमारे देश की एकता और अखण्डता अक्षुण्ण है। हमारे देश भारत की पहचान ‘‘अनेकता में एकता’’ है। शायद यही कारण है कि पूरे विश्व में भारत हीं एक मात्र ऐसा देश है, जहाँ विभिन्न धर्म, सम्प्रदाय, जाति के लोग आपसी प्यार और सद्भावना के साथ एक-दूसरे का सम्मान करते हुए रहते हैं और सभी अपने धर्मों का पालन करते हुए देश की अखण्डता को बनाये हुए हैं।
उन्होेंने कहा कि आजादी में अग्रणी भूमिका निभाने वाले लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्म दिवस को हम सभी राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मना रहे हैं, ताकि उनके कार्यों को याद कर हम उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर सकें। उन्होंने कहा कि किसी भी देश की वास्तविक ताकत उस देश की एकता में निहित होती है और यदि वहाँ के नागरिक आपस में मिलजुल कर रहे तो देश की अखण्डता को आसानी से बनाये रखा जा सकता है।
भारत को आजादी मिलने के पश्चात हमारे देश में 500 से अधिक रियासतें थी, जिन्हें आपस में मिलाकर एक देश का गठन करना मुश्किल था पर लौह पुरूष सरदार वल्लभ भाई पटेल की सूझ-बूझ, अथक प्रयास एवं इन रियासतों के प्रति स्पष्ट नीति के चलते इन सभी रियासतों का एकीकरण संभव हो सका। उन्होंने इन सभी रियासतों को एक साथ संगठित कर भारत को द्वारका से अरूणाचल प्रदेश एवं काश्मीर से कन्याकुमारी तक जोड़कर एक सूत्र में पिरोने का कार्य किया। इसके बिना शायद वर्तमान भारत की परिकल्पना भी नहीं की जा सकती थी।
वहीं उन्होंने कहा कि वर्तमान में आवश्यक है कि हम सभी इसी प्रकार आपस में एकता बनाये रखें; ताकि विश्व के अन्य देशों के समक्ष एक अच्छा उदाहरण प्रस्तुत कर सकें। ऐसे में हम सभी की यह जिम्मेवारी है कि जब भी एकता की बात आये तो हम सभी अपने धर्म, जाति से उपर उठकर एक सच्चे भारतीय की तरह कंधे से कंधा मिलाकर देश की अखण्डता के लिए अपनी भूमिका निभायें।