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: भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड भारत सरकार के वरिष्ठ सदस्य मोहन सिंह अहलूवालिया ने राजस्थान सरकार को लिखा पत्र
: अलवर जिले के सुब्बा की गायों जैसी घटना फिर ना घटे, कार्रवाई से पहले इंस्पेक्टर करेगा छानबीन
यूनुस अलवी
मेवात :
कुछ दिन पहले अलवर जिले के साहुबास निवासी सुब्बा खान की पुलिस और गोरक्षकों द्वारा पकडी गई गायों के मामले में पुलिस पर उठे सवालों पर लगाम लगाने के मकसद को लेकर भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड ने अलवर और भरतपुर जिला में इंस्पेक्टर स्तर के अधिकारी नियुक्त करने के राजस्थान सरकार को पत्र लिखा है।
भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड भारत सरकार के वरिष्ठ सदस्य मोहन सिंह अहलूवालिया द्वारा राजस्थान के राज्यपाल, गृह सचिव और पीएसटू सीएम को भेजे पत्र में कहा गया है कि वह (मोहन सिंह अहलूवालिया केंद्रीय सदस्य भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड भारत सरकार) पिछले दिनों अलवर और भरतपुर जिलों में अलग-अलग समय पर प्रवास पर गया था। इस दौरान मैंने बड़ी संख्या में लोगों से और पुलिस प्रशासनिक अधिकारियों से मुलाकात की थी। मैंने यह पाया कि कई जगहों पर पशु क्रूरता, पशु वध, गोवध अधिनियम के संबंध में पुलिस की कार्यवाही विवेकहीन होती है तथा कई बार यह सब कार्यवाही धार्मिक उन्माद का कारण भी बनती है। कई बार सही पशु प्रेमियों और गौ रक्षकों को भी पुलिस के द्वारा प्रताडि़त किया जाता है और गोपालक भी परेशान होते हैं क्योंकि यह अत्यंत ध्यान देने योग्य विषय है कि गोपालक हिंदू या मुसलमान कोई भी हो सकता है जातीय धर्म विशेष पर कार्रवाई करते हुए बारीकी से ध्यान करना चाहिए। व्यक्ति गलत है या सही और उसी तरह से व्यवहार करना चाहिए। इसलिए एक समझदार अनुभवी पुलिस इंस्पेक्टर इन दोनों जिलों में तत्काल प्रभाव से नियुक्त कराने का कष्ट करें। जिससे सभी मुद्दों पर संबंधित थानों की पुलिस सलाह मशवरा करके और उसका निष्कर्ष निकाकर व्यवहारिक कानून सम्मत संवैधानिक कार्यवाही कर सके। क्योंकि थोड़ी सी गलती कई बार जानलेवा व पक्षपातपूर्ण कार्रवाई में बदल जाती है। हमें संवैधानिक मर्यादाओं का ध्यान रखते हुए विवेकपूर्ण व न्यायपूर्ण कार्यवाही सुनिश्चित करानी चाहिए।
गौरतलब है कि अलवर जिले के साउबास निवासी सुब्बा खान की कुछ गोरक्षकों ने पुलिस के साथ मिलकर जंगल में चरती हुई 51 गायों को जबरजस्ती गोशाला में भेज दिया था। जिसपर काफी बबाल होते-होते बचा था। हालाकिं बाद में सभी 51 गायों को भारतीय जीव जंतु कल्याण बोर्ड भारत सरकार के वरिष्ठ सदस्य मोहन सिंह अहलूवालिया के हस्तक्षेप के चलते छोडा गया था।