बांग्लादेश व भूटान ने भी किया सार्क का बायकाट

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बढ़ता जा रहा है भारत का कारवां

 

नई दिल्ली : भारत का कारवां अब बढ़ता ही जा रहा है. यह अलग बात है कि अब तक महात्मा गाँधी व रबिन्द्रनाथ टैगोर के एकला चलो के रस्ते पर ही चलता रहा है. एक दिन पूर्व भारत ने सार्क सम्मलेन में जाने से मन किया था लेकिन बुधवार को बांग्लादेश और भूटान ने भी इस्लामाबाद में होने वाले दक्षेस शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होने का फैसला कर लिया है.

 

बांग्लादेश ने लगाया अंदरूनी मामले में हस्तक्षेप का आरोप

बताया जाता है कि उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि इस सम्मलेन को अभी आयोजित करने के लिए माहौल अनुकूल नहीं है । इस सम्बन्ध में दोनों देशों की ओर से दक्षेस अध्यक्ष नेपाल को अवगत करा दिया गया. बांग्लादेश ने यहाँ तक कहा है कि उनके अंदरूनी मामलों में एक देश के बढ़ते हस्तक्षेप ने ऐसा माहौल उत्पन्न कर दिया है कि नवंबर में सार्क सम्मेलन का सफल आयोजन संभव नहीं है ।

 

भूटान ने कहा : आतंकवाद के कारण बिगडी स्थिति

दूसरी तरफ भूटान ने कहा है कि क्षेत्र में हाल में आतंकवादी घटनाओं में आई तेजी से वह चिंतित है. भूटान ने स्पष्ट कर दिया है कि भूटान की शाही सरकार एशिया क्षेत्र में आतंकवाद के कारण बिगड़ती स्थिति पर चिंतित हैं और सदस्य देशों से सह्मत हैं. इसलिए इस हालात में सार्क सम्मेलन में शामिल होने में असमर्थ हैं.

 

अफगानिस्तान का आतंकवाद थोपने का आरोप

उधर अफगानिस्तान ने अपने पत्र में कहा है कि उनके देश पर थोपे गए आतंकवाद के कारण वे अपनी जिम्मेदारियों में व्यस्त हैं, इसलिए वह सार्क सम्मेलन में नहीं जा पाएंगे.

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