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यूनुस अलवी
मेवात: हांसी के गांव भाटला में अनुसूचित जाति के लोगो पर हो रहे अत्याचारों को लेकर मंगलवार को डॉ अम्बेडकर मिशनरीज एम्प्लाइज स्टूडेंट्स एंड डेप्रिवेड पीपुल्स सोसाइटी, यूथ फ़ॉर सोशल जस्टिस दिल्ली, अम्बेडकर स्टूडेन्ट फ्रंट, पाटन संघर्ष समिति के सदस्यों ने एस.सी/एसटी आयोग के चेयरमैन डॉ रामशंकर कठेरिया से दिल्ली की खान मार्किट स्थित कार्यालय में गांव भाटला के पीड़ित लोगों के साथ मुलाक़ात की और पीड़ित व्यक्तियों को जातीय उत्पीड़न और सामाजिक बहिष्कार मामले में मदद करने की अपील की।
उन्होने चेयरमैन को बताया कि सामाजिक बिहष्कार के चलते उनके समाज के लोगों को गांव की दुकानों से रोजमर्रा का सामान नहीं दिया जा रहा है और अगर कोई सामान देता है तो उसके ऊपर 1100 रूपए का जुर्माना लगा दिया जाता है, दूध की दुकानों से दूध खरीदने पर बैन, बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं। क्योंकि उनको दबंग लोगों की गलियों से होकर स्कूल जाना पड़ता है, पानी की सप्लाई पर बैन, खेतों में कार्य करने पर बैन, दूसरे गांव के वाहन जो अनुसूचित जाति के लोगों को दूसरे गांव में काम पर ले जाने आते हैं तो उनको भाटला गांव की सीमा न पार करने पर बैन लगाया गया है जैसे प्रकरण से छुटकारा दिलवाने का अनुरोध किया गया। हांसी के एस. पी. का तबादला और और डी.एस.पी. नरेंद्र कादियान को ससपेंड करने की मांग की गयी और बताया गया कि इन अधिकारियो पर कार्यवाही किये बिना गांव भाटला में शांति होना नामुमकिन प्रतीत होता है।
आयोग के चेयरमैन कठेरिया से आग्रह किया कि गांव भाटला में एस. सी. आयोग की टीम का दौरा करवाया जाए ताकि हालात का जायजा लेते हुए लोगो को जातीय उत्पीड़न व सामाजिक बहिष्कार से छुटकारा मिल सके। सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम करवाये जाये और सामाजिक बहिष्कार करने वाले नरेश, बिजेंद्र, कुलदीप, चंद्र, रामचंद्र, साधू, जयकिशन, लीला, सुमेरु, पुनीत, हवा सिंह, कृष्ण आदि जो गांव का माहौल खराब कर रहे हैं उनके खिलाफ कड़ी कानूनी कर्रवाई की जाये ताकि अनुसूचित जाति के लोगो के साथ कोई अनहोनी घटित न हो।
इस मौके पर मुख्य रूप से राजकुमार,ललित, राममेहर, राजेश, अशोक, डॉ गुलशन, मनोज, धर्मवीर, महेश, रामबिलास, जयवीर, पृथि, बलबीर,बंसी, सुरेश आदि मौजूद थे।