रेल मंत्री पियूष गोयल ने की रेल में व्यापक सुधार की घोषणा

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नई दिल्ली : रेल मंत्री पीयूष गोयल ने भारतीय रेलवे में व्‍यापक बदलाव की पहल करते हुए कई महत्‍वपूर्ण निर्णयों की घोषणा की है. 
रेल मंत्री ने उनके मंत्रालय द्वारा लिए गए विभिन्‍न निर्णयों की घोषणा आज रेल भवन में की। इस अवसर पर संचार राज्‍य मंत्री (स्‍वतंत्र प्रभार) एवं रेल राज्‍य मंत्री मनोज सिन्‍हा भी उपस्थित थे। नये भारत की विकास यात्रा को नई गति प्रदान करने के लिहाज से उनके एक माह के कार्यकाल का यह अहम् कदम माना जा रहा है.  

इस अवसर पर रेल मंत्री श्री गोयल ने कहा कि ‘रेलवे भारतीय यात्रियों के लिए सुरक्षा, गति एवं सेवा के उच्‍च मानक सुनिश्चित करने के साथ-साथ राष्‍ट्र के विकास में अहम योगदान देने के लिए भी प्रतिबद्ध है। पिछले एक माह के दौरान भारतीय रेलवे ने ये लक्ष्‍य सुनिश्चित करने के लिए महत्‍वपूर्ण परिवर्तनकारी कदम उठाए हैं।’

रेल मंत्री द्वारा घोषित निर्णयों के मुख्य बिंदु : 

 

यात्री सुरक्षा को सर्वोच्‍च प्राथमिकता

सुरक्षा को उच्‍च एवं स्‍पष्‍ट प्राथमिकता
नई लाइनों/आमान परिवर्तन/पटरियों के आवंटन के मुकाबले पटरी नवीकरण को प्राथमिकता
अधिकारियों द्वारा क्षेत्रीय निरीक्षण पर विशेष जोर
रखरखाव ब्‍लॉकों को मंजूरी दिए जाने को उच्‍च प्राथमिकता
शेष 5,000 मानव रहित लेवल क्रॉंसिंग को समयबद्ध ढंग से हटाना
अगले साल से आईसीएफ कोच के बजाय एलएचबी कोचों को इस्‍तेमाल में लाया जाएगा
सुरक्षा व्‍यवस्‍था बेहतर करने के लिए रेल के डिब्‍बों और स्‍टेशनों पर सीसीटीवी कैमरे लगाने का प्रावधान है, जिससे विशेषकर महिलाएं एवं वरिष्‍ठ नागरिक लाभान्वित होंगे
मैनुअल इंटरलॉकिंग के स्‍थान पर इलेक्‍ट्रॉनिक सिग्‍नल इंटरलॉकिंग की संख्‍या बढ़ाई जाएगी
वर्तमान सिग्‍नल प्रणाली को बेहतर किया जाएगा – टीपीडब्‍ल्‍यूएस (रेल सुरक्षा एवं चेतावनी प्रणाली और एमटीआरसी (मोबाइल ट्रेन रेडियो संचार) का उपयोग किया जाएगा। उपनगरीय और लम्‍बी दूरी की रेलगा‍डि़यों में अत्‍या‍धुनिक सिग्‍नल प्रणाली लगाने पर विचार
खामियों इत्‍यादि का पता लगाने के लिए कैमरा, अल्‍ट्रासोनिक फ्रीक्‍वेंसी डिटेक्‍शन जैसी प्रौद्योगिकी का उपयोग
ड्यूटी के दौरान सभी आरपीएफ कर्मचारियों और टीटीई को उचित वर्दी में रहना होगा,ताकि पारदर्शिता लाई जा सके
आरपीएफ कर्मचारी टिकट चेकिंग नहीं करेंगे क्‍योंकि यह टीटीई का काम है। हालांकि वे टिकट चेकिंग दल की सहायता करेंगे

प्रौद्योगिकी के जरिये बदलाव

निगरानी एवं या‍त्री सेवाओं के लिए मोबाइल एप के विस्‍तृत उपयोग पर विशेष जोर
सभी स्‍टेशनों एवं रेलगाडि़यों में हाई स्‍पीड वाई-फाई कनेक्टिविटी होगी
1 नवंबर, 2017 से लगभग 700 रेलगाडि़यों की गति बढ़ाने का प्रस्‍ताव। 48 ट्रेनों को मेल एक्‍सप्रेस के बजाय सुपरफास्‍ट एक्‍सप्रेस में तब्‍दील किया जा रहा है।
ट्रेनों के आवागमन की जीपीएस आधारित रियल टाइम निगरानी से जुड़ी परियोजना में तेजी लाई जाएगी
इसरो के जरिये सभी रेल परिसंपत्तियों के उपग्रह आधारित मानचित्रण में तेजी लाई जाएगी

ऊर्जा दक्षता

अगले 4-5 वर्षों में विद्युतीकरण का कार्य पूरा किया जाएगा। इससे ऊर्जा लागत में 10,000 करोड़ रुपये से भी ज्‍यादा की राशि की बचत होगी। इसके साथ ही प्रदूषण घटेगा और आयातित डीजल पर निर्भरता भी कम होगी।
रेलगाडि़यों, स्‍टेशनों, कार्यालय भवनों और आवासीय परिसरों में समयबद्ध ढंग से 100 फीसदी एलईडी लाइटिंग और कम ऊर्जा खपत वाले उपकरण जैसे कि पंखे, एसी इत्‍यादि लगाए जाएंगे।

स्‍टेशनों का तेजी से पुनर्विकास

दिसंबर 2018 तक लगभग 20 स्‍टेशनों का आधुनिकी‍करण काफी तेजी से पूरा हो जाएगा जहां बेहतर बुनियादी ढांचागत एवं यात्री सुविधाएं होंगी। इनमें होटल, भोजनालय, शॉपिंग, विकलांग यात्रियों के अनुकूल सुविधाएं, मल्टीमोडल ट्रांसपोर्ट हब, सुरक्षा इत्‍यादि की व्‍यवस्‍था होगी।
अतिरिक्‍त स्‍टेशनों की पहचान की जाएगी और स्‍व-वित्‍तपोषण वाला बिजनेस मॉडल सृजित करने के प्रयास किए जाएंगे, जैसे कि अनुबंध की अवधि का पुन:आकलन किया जाएगा, पहुंच नियंत्रण सनिश्चित किया जाएगा, उप-ठेका की आजादी होगी,इत्‍यादि।

बहुपयोगी केंद्रों के रूप में रेलवे स्‍टेशन

ऐसे अनेक स्‍टेशनों का इस्‍तेमाल योग सेंटर, कौशल प्रशिक्षण उद्देश्‍य, शैक्षणिक उद्देश्‍यों जैसी गतिविधियों के लिए बहुपयोगी केंद्रों के रूप में करने का प्रस्‍ताव है जहां दिनभर में कुछ ही ट्रेनें आती हैं।

स्‍वास्‍थ्‍य एवं शैक्षणिक सुविधाओं का उन्‍नयन

इसके अलावा, भारतीय रेलवे द्वारा संचालित विद्यालयों और अस्‍पतालों में बेहतर बुनियादी ढांचागत सुविधाएं उपलब्‍ध कराई जाएंगी जिससे न केवल रेल कर्मचारीगण, बल्कि अन्‍य लोग भी लाभन्वित होंगे।

मानव संसाधन

मानव संसाधन के कल्‍याण पर विशेष जोर दिया जा रहा है।
शिकायत निवारण शिविर नियमित रूप से लगाए जा रहे हैं। कर्मचारियों की शिकायतें सुनने के लिए प्रत्‍येक क्षेत्रीय/प्रभागीय मुख्‍यालय में शिकायत निवारण प्रकोष्‍ठ स्‍थापित किए जा रहे हैं।
बड़े पैमाने पर अधिकारों का विकेंद्रीकरण किया जा रहा है
प्रणाली की दक्षता बेहतर करने के लिए आक्रामक ढंग से प्रक्रियागत सुधार लागू किए जा रहे हैं
संगठनात्‍मक स्‍तरों की संख्‍या में कमी का विश्‍लेषण किया जा रहा है।
परिचालन में गतिशीलता सुनिश्चित करने के लिए ‘ए1’ श्रेणी के 75 स्‍टेशनों पर प्रतिभाशाली और उत्साही अधिकारियों को स्‍टेशन अधीक्षकों के रूप में तैनात किया जाएगा।
मुख्‍यालय से पुन: आवंटन के जरिये प्रभागीय कार्यकलाप मजबूत करने के लिए अतिरिक्‍त एडीआरएम की तैनाती की जाएगी

क्षेत्रीय कर्मचारियों के कल्‍याण पर ध्‍यान केंद्रित करना

ग्रुप डी श्रेणी के कर्मचारियों के कामकाज की स्थितियों को बेहतर करना। उदाहरण के लिए, गैंग-मैन को आरामदेह वर्दी और बेहतर गुणवत्‍ता वाले जूते दिए जाएंगे क्‍योंकि पटरियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की जिम्‍मेदारी इन्‍हीं पर होती है और उन्‍हें किसी विशेष दिन औसतन लगभग 15-16 किलोमीटर चलना पड़ जाता है। उनके आवासीय क्‍वार्टरों (गैंग हट) को भी बेहतर किया जाएगा।
लोको चालकों के रनिंग रूम को वातानुकूलित किया जा रहा है।

परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण के जरिए रेलवे के राजस्व में वृद्धि

रेल परिसंपत्तियों के मुद्रीकरण से वित्‍तीय स्थिति और परिचालन अनुपात बेहतर होगा। इसके अलावा, महत्‍वपूर्ण रेल परियोजनाओं के लिए संसाधन उपलब्‍ध होंगे। भूमि के मुद्रीकरण को आकर्षक बनाकर यह काम पूरा किया जाएगा, जिसके लिए विभिन्‍न नियमों में परिवर्तन किए जाएंगे।
इन सुधारों से हमारे राष्‍ट्र की जीवन रेखा को पनपने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, ये सुधार हमारे आर्थिक-सामाजिक विकास में भी अपेक्षाकृत अधिक योगदान करेंगे। भारतीय रेलवे में व्‍यापक परिवर्तन की प्रक्रिया जारी है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह सिर्फ लोगों की मजबूरी नहीं, बल्कि लोगों की पसंद है।

 

भारतीय रेल मुंबई क्षेत्र में 100 नई उपनगरीय रेल सेवाएं आरंभ करेगी 

मुंबई उपनगरीय रेल सेवाओं को एक बड़े प्रोत्‍साहन के रूप में, भारतीय रेल पश्चिमी रेलवे और मध्‍य रेलवे जोन के अपने मुंबई उपनगरीय नेटवर्क पर 100 अतिरिक्‍त स्‍थानीय रेल सेवाएं आरंभ कर रही है। इन अतिरिक्त सेवाओं के साथ पश्चिमी रेलवे और मध्य रेलवे के मुंबई में कुल उपनगरीय स्थानीय रेल सेवाएं वर्तमान 2983 सेवाओं से बढ़कर 3083 उपनगरीय सेवाओं तक पहुंच जाएगी।

ये सेवाएं कल अर्थात 29 सितंबर, 2017 को मुंबई में आयोजित एक भव्‍य कार्यक्रम में आरंभ की जाएंगी। इस अवसर पर केन्‍द्रीय रेल एवं कोयला मंत्री श्री पीयूष गोयल तथा अन्‍य गणमान्‍य व्‍यक्ति भी उपस्थित रहेंगे।

इन 100 सेवाओं में से, 32 नई सेवाएं पश्चिमी रेल में और 68 सेवाएं मध्‍य रेलवे में आरंभ की जाएंगी।

पश्चिमी रेलवे में 17 सेवाएं 1 अक्‍तूबर 2017 से ‘अप’ दिशा में आरंभ की जाएंगी, जबकि 15 सेवाएं 1 अक्‍तूबर 2017 से ‘डाउन’ दिशा में आरंभ की जाएंगी। कुल मिलाकर, पश्चिमी रेलवे में 32 नई सेवाएं आरंभ की जाएंगी। पश्चिमी रेलवे वर्तमान में 1323 उपनगरीय सेवाएं संचालित करती है। इन सेवाओं के जुड़ने के बाद पश्चिमी रेलवे में कुल उपनगरीय सेवाएं 1355 तक पहुंच जाएंगी।

मध्‍य रेलव में 14 उपनगरीय सेवाएं 2 अक्‍तूबर, 2017 से ‘हार्बर लाइन’ पर आरंभ की जाएंगी। 2 अक्‍टूबर, 2017 से ‘ट्रांस-हार्बर लाइन’ पर 14 उपनगरीय सेवाएं आरंभ की जाएंगी। ‘मेन लाइन’ पर 16 उपनगरीय सेवाएं 1 नवम्‍बर, 2017 से आरंभ की जाएंगी तथा ‘हार्बर’ एवं ‘ट्रांस-हार्बर लाइन’ पर 24 उपनगरीय सेवाएं 31 जनवरी, 2018 से आरंभ की जाएंगी। कुल मिलाकर मध्‍य रेलवे में 68 सेवाएं आंरभ की जाएंगी। मध्‍य रेलवे वर्तमान में 1660 उपनगरीय सेवाओं का संचालन करती है। इन सेवाओं के जुड़ने के बाद मध्‍य रेलवे में कुल उपनगरीय सेवाएं 1728 तक पहुंच जाएंगी।

इन नई उपनगरीय सेवाओं के लागू होने से मुंबई उपनगरीय नेटवर्क में भीड़भाड़ में कमी आएगी तथा परिवहन में तेजी आएगी। इससे मुंबई उपनगरीय नेटवर्क में रोजाना यात्रा करने वाले 77 लाख यात्रियों को लाभ पहुंचेगा।

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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