गुरुग्राम के उपायुक्त विनय प्रताप ने जिला के निजी विद्यालय संचालकों की बैठक की

Font Size
गुरुग्राम, 16 सितंबर। विद्यालयों में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आज गुरुग्राम के उपायुक्त विनय प्रताप सिंह ने जिला के सभी निजी विद्यालय संचालकों की बैठक ली और उन्हें बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बारे में आवश्यक हिदायतें दी। 
 
उन्होंने कहा कि स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सीबीएसई तथा राज्य सरकार ने मानदंड निर्धारित किए हैं जिनकी पालना करना सभी स्कूलों के लिए अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि बच्चों की सुरक्षा संबंधी मामले में किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि बच्चे स्वयं को सुरक्षित महसूस करें इसके लिए जिला प्रशासन व स्कूल प्रबंधन को एक साथ मिलकर काम करना होगा। बैठक में उपायुक्त ने कहा कि अब तक बच्चों की सुरक्षा के लिए हमने जो भी प्रबंध किए है उन्हें पहले से अधिक बेहतर बनाए जाने की आवश्कता है।
 
उन्होंने कहा कि सीबीएसई बोर्ड ने 12 सितंबर को बच्चों की सुरक्षा संबंधी नए दिशानिर्देश जारी किए हैं जिसकी पालना प्रत्येक स्कूल को करनी होगी। बैठक में उपायुक्त ने हरियाणा स्कूल एजुकेशन एक्ट के बारे मे भी विस्तार से बताया। उपायुक्त ने कहा कि स्कूल संचालक सीबीएसई तथा हरियाणा स्कूल एजुकेशन एक्ट के तहत तथा स्कूल संबंधी अधिनियमों के तहत जारी दिशा निर्देशों की पालना 15 से 20 दिन के भीतर करना सुनिश्चित करें और इसका सेल्फ सर्टिफिकेशन कर इसकी रिपोर्ट उपायुक्त कार्यालय तथा जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में भिजवाना सुनिश्चित करें। इसके बाद स्कूल का सैफ्टी ऑडिट किया जाएगा। 
 
 उपायुक्त ने बैठक में विद्यालय में बच्चों की सुरक्षा, ,आपदा प्रबंधन ट्रांसपोर्टेशन , खाद्य पदार्थों की हाइजीन संबंधी विषयों पर विस्तार से चर्चा की।  उन्होंने कहा कि विद्यालयों में उच्च गुणवत्ता के सीसीटीवी कैमरे होने अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि विद्यालय में टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ दोनों का पुलिस वेरिफिकेशन होना अनिवार्य है। उपायुक्त ने स्कूल संचालकों को निर्देश देते हुए कहा कि वे जे जे एक्ट, पोक्सो एक्ट तथा प्रिवेंशन ऑफ सेक्सुअल हरासमेंट एक्ट के तहत अपने यहां कमेटी का गठन सुनिश्चित करें। उन्होंने बैठक में उपस्थित सभी स्कूल संचालकों को सुरक्षित स्कूल वाहन पॉलिसी के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी।
 
उन्होंने कहा कि बैठक का उद्देश्य स्कूल प्रबंधन में कमियां निकालना नहीं है बल्कि उन्हें नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित करना है ताकि भविष्य में बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा कि बच्चों को स्कूल में सुरक्षित वातावरण देना स्कूलों की जिम्मेदारी है ताकि स्कूलों में आने वाले बच्चों के साथ साथ उनके अभिभावक भी चिंता मुक्त रहें। आज आयोजित बैठक में चार मुख्य बिंदुओं जैसे स्कूल में बच्चों की  सुरक्षा के लिए किए गए प्रबंध , ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी आपदा प्रबंधन तथा हेल्थ व हाइजीन संबंधी बनाए गए नियमों के बारे में जानकारी दी गई। उन्होंने स्कूल प्रबंधन से कहा कि वह अपने विद्यालय के टीचिंग व नॉन टीचिंग स्टाफ की ट्रेनिंग के लिए एक मकैनिज्मतैयार करें, जिसमें उन्हें बच्चों को सुरक्षित रखने संबंधी उपायों के बारे में विस्तार से बताया जाए।
 
उन्होंने कहा कि स्कूल परिसर में बनाए गए वाटर टैंक कवर्ड होनी चाहिए इसके साथ-साथ साइनेज की व्यवस्था होनी चाहिए। इसके अलावा स्कूल परिसर में बाहरी व्यक्ति का प्रवेश कम से कम होना चाहिए और यदि वह स्कूल में आए भी तो उसकी मॉनिटरिंग होनी चाहिए। स्कूल में इमरजेंसी अलार्म लगा होना चाहिए। इसके अलावा बैठक में मेडिकल चेकअप रूम ड्राइवर व कंडकटर के लिए अलग शौचालय, पैरेंट्स टीचर्स स्टूडेंट्स फीडबैक मीटिंग आदि विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई। 
 
उपायुक्त ने कहा कि पिछले दिनों गुरुग्राम के रेयान स्कूल में हुआ दुर्घटना बहुत ही दुखद है। बच्चों को स्कूल में सुरक्षित महसूस हो और अभिभावक भी अपने बच्चों को लेकर चिंतित ना हो इसके लिए इंतजाम किए जाने आवश्यक है। उन्होंने बैठक शुरू होने से जिला प्रशासन के अधिकारियों व स्कूल प्रबंधकों ने प्रद्युम्र की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए दो मिनट का मौन भी रखा।
 
बैठक में हिपा से आए अभय श्रीवास्तव ने स्कूल प्रबंधकों को आपदा प्रबंधन के तहत मानदंडो व नियमों की जानकारी दी। इसके साथ ही, बैठक में उपस्थित उप-सिविल सर्जन डा. सुनीता राठी ने विद्यालय परिसर में साफ-सफाई रखनें संबंधी नियमों की विस्तार से जानकारी दी। 
 
आज आयोजित बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त प्रदीप दहिया, गुरुग्राम उत्तरी के एसडीएम भारत भूषण गोगिया, गुरुग्राम दक्षिण के एसडीएम सतीश यादव, पटौदी के एसडीएम रविन्द्र यादव, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी रामकुमार फलसवाल, डीपीसी मुकेश यादव, खंड शिक्षा अधिकारी इंदु बोकन सहित कई अधिकारीगण मौजूद थे। 

You cannot copy content of this page