चैक बाऊंस के मामले में अदालत के फैसले को पलटते हुए आरोपी को आरोपमुक्त कर किया बरी

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गुरुग्राम, 13 सितंबर (अशोक): चैक बाऊंस मामले में आरोपी को मिली 6 माह की सजा की अपील पर सुनवाई करते हुए अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राजेश कुमार मेहता की अदालत ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए आरोपी को आरोपमुक्त कर बरी कर दिया है।
 
आरोपी के वरिष्ठ अधिवक्ता आरएस यादव से प्राप्त जानकारी के अनुसार मदनपुरी के पवन ने वर्ष 2011 की 3 जनवरी को सैक्टर 4 के राजेश अरोड़ा से 50 हजार रुपए का ऋण लिया था और इसकी एवज में 50 हजार रुपए का सिक्योरिटी चैक भी दे दिया था।
 
आरोपी को पवन ने 50 हजार रुपए का भुगतान तो कर ही दिया था, साथ ही साथ आरोपी उसकी हार्डवेयर की दुकान से हजारों रुपए का सामान भी ले गया था। जब पवन ने आरोपी से 50 हजार रुपए का सिक्योरिटी चैक वापिस मांगा तो वह टालमटोल करता रहा और उसने चैक वापिस नहीं किया। आरोपी ने 50 हजार रुपए वाले सिक्योरिटी चैक में जालसाजी कर उसे अढाई लाख रुपए का बना लिया और अदालत में चैक बाऊंस का मामला दायर करा दिया।
 
जिस पर ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट कुणाल गर्ग की अदालत ने वर्ष 2015 की 29 सितंबर को आरोपी को चैक बाऊंस का दोषी मानते हुए 6 माह की कैद व अढ़ाई लाख रुपए भरने का फैसला सुनाया था। पीडि़त पवन ने ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट के फैसले को जिला एवं सत्र न्यायालय में चुनौती दी थी और गुहार लगाई थी कि उसे निचली अदालत से न्याय नहीं मिला है।
 
अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत ने निचली अदालत के फैसले पर दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुनी और अदालत ने माना कि जो चैक राजेश अरोड़ा को दिया गया था वह सिक्योरिटी चैक था। राजेश ने चैक का दुरुपयोग किया है।
 
इसलिए चैक बाऊंस का मामला बनता ही नहीं है।अदालत ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए आरोपी पवन को आरोपमुक्त करते हुए बरी कर दिया है।

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