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पटना : खौफ ऐसा कि अब पुलिसवाले भी डर गए हैं। मारने का तरीका बिलकुल प्रोफेशनल। नालंदा और पटना में तीन वारदातें हुईं और सभी को एक ही अंदाज में अंजाम दिया गया। अकेले बाइक सवार पुलिसवाले ही किलर के टारगेट पर थे। सभी पुलिसवालों की सरकारी पिस्टल छीन ली गई। वारदात भी बाढ़, फतुहा और हिलसा यानी आसपास ही सभी पुलिसवालों पर जानलेवा हमले कर अंजाम दिए गए। पुलिस महकमे के लिए परेशानी की बात यह है कि अब भी किलर पकड़ा नहीं गया और वह खुलेआम घूम रहा है।
रेकी कर वार करता है अपराधी
अपराधी अकेले जाने वाले पुलिसवालों की रेकी कर उन पर वार करता है। गोली मारने के लिए ऐसे इलाके चुने जाते हैं जहां अधिक भीड़-भाड़ न हो। तीनों ही वारदातों में ऐसा ही हुआ। किलर को कोई देख नहीं पाता।
किलर का पहला वार
16 मार्च 2016 , टार्गेट- दारोगा भुवनेश्वर सिंह – इसी रोज दोपहर के वक्त अपराधियों ने दारोगा भुवनेश्वर सिंह को गोली मार दी थी। नालंदा के बिंद थाना इलाके में यह वारदात हुई। बाइक सवार दारोगा की जान बच गयी जबकि उनका पिस्टल अपराधियों ने लूट लिया था। भुवनेश्वर पटना के गांधी मैदान थाने से रिटायर हुए थे।
किलर का दूसरा वार
18 अप्रैल 2016 , टार्गेट – दारोगा सुरेश ठाकुर, बाढ़ अनुमंडल के गौरक्षिणी में अपराधियों ने बाइक सवार दारोगा सुरेश ठाकुर को गोलियों से भून डाला। उनका पिस्टल अपराधी साथ ले गए। सुरेश मरांची थाने में पोस्टेड थे।
किलर का तीसरा वार
24 सितंबर 2016, टार्गेट – एएसआई आरआर चौधरी – एएसआई चौधरी को अपराधियों ने फतुहा फोरलेन स्थित पुल पर मार दिया। वे भी बाइक पर सवार थे और उनका सरकारी पिस्टल भी अपराधी साथ ले गए।
तीन घटनाओं में समानता :
तीनों पुलिसवाले बाइक पर थे
तीनों पुलिसवालों से पिस्टल छीनी गयी
तीनों पुलिसवालों को गोली मारी गयी