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कृषि मंत्री ने प्राईस स्मार्ट व क्लाइमेट स्मार्ट खेती पर दिया बल
-सभी पहलुओं पर तैयार होगा विजन
-दो दिवसीय मंथनशाला में विशेषज्ञों ने किया चिंतन
गुरुग्राम, 14 जुलाई। हरियाणा का किसान समृद्ध हो, इसके लिये व्यापक स्तर पर काम किया जायेगा। अवशेष निपटान के लिए हरियाणा के किसानों को उपकरण दिए जाएंगे। इसके लिए सब्सिडी मेले लगाये जायेंगे ताकि किसान अवशेष जलाने के बजाय उससे आय प्राप्त कर सकें।
ये जानकारी कृषि मंत्री ओ पी धनखड़ ने दी। गुरुग्राम में हिपा में आयोजित दो दिवसीय मंथनशाला में एक्सपट्र्स के चिंतन के बाद 2027 का विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया जायेगा। कृषि मंत्री धनखड़ ने बताया कि किसान की समृद्धि के लिए उन्हें माइक्रो इर्रिगेशन सिस्टम पर ले जाना होगा। अगले दस साल में हरियाणा में इस लक्ष्य को प्राप्त किया जायेगा।
किसान को स्मार्ट खेती करनी होगी
दो दिवसीय मंथनशाला में कई विषयों पर चर्चा हुई जिन पर व्यापक स्तर पर काम करने का लक्ष्य रखा गया है। कृषि मंत्री ओ पी धनखड़ ने इस मंथनशाला में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। उन्होंने मंथन के बाद कहा कि किसान को स्मार्ट खेती करनी होगी, इसके लिए किसानों को विभाग पूरी मदद देगा। उन्होंने कहा कि आज पानी की कमी हो रही है, इसलिए किसान को माइक्रो इर्रिगेशन पर जाना होगा। इससे किसानों की फसल पर लागत भी कम होगी और पानी की बचत भी।
विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने को कहा
जलवायु आधारित खेती के मंथन के बाद धनखड़ ने कहा कि हमारे किसानों को स्मार्ट होना होगा। स्मार्ट क्लाइमेट खेती और प्राइस स्मार्ट जरूरी है। विषयवार बिंदुओं के साथ कृषि मंत्री ने एक्सपट्र्स की मंथन के बाद संक्षिप्त रिपोर्ट जानी और उस पर हॉउस में चर्चा कराई, जिसके बाद उन्होंने सभी विषयों के विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने को कहा। उन्होंने बताया कि पैरी अर्बन एग्रीकल्चर को विकसित करने के लिए एक विशेष कमेटी बनाई गई है, जो इस क्षेत्र में काम करने के लिये अवसरों को बढ़ाएगी। गांव के नजदीक के बड़े शहरो में ताजा उत्पाद गांव के ब्रांड के साथ बेचकर किसान की आय बढ़ाने में सहयोग किया जायेगा।
आर्गेनिक खेती करने पर बल
पेस्टिसाइड के शरीर में होने वाले दुष्प्रभावों से बचने के लिये आर्गेनिक खेती करने की एक योजना तैयार की गई, जिसके तहत 4 साल में प्रदेश के एक हजार गॉवों को इस क्षेत्र में लाया जाएगा। प्रत्येक गांव में कम से कम 50 एकड़ में यह खेती करनी होगी। धनखड़ ने बताया कि प्रदेश के सभी डी डी ए और डी एच ओ अपने अपने जिले के एक एक गांव से इसकी शुरुआत करेंगे।
अवशेष समस्या नहीं कमाई का साधन बनें
अवशेष समस्या के बजाय कमाई का साधन बनें, इसके लिए भी योजना बनाई गई। इथनॉल बनाने के लिए अवशेष से किसान की आय होगी। इसके अलावा किसानों की ऐसे उपकरण देने के लिए अगस्त से हर जिले में मेले लगाये जायेंगे। इन मेलों में आने वाले किसान उपकरण खरीद सकेंगे। बैंकों से मौके पर ही उन्हें ऋण दिलवाया जायेगा। मेले में आने वाले किसानों में से ही लक्की ड्रा के माध्यम से एक उपकरण मुफ्त दिया जाएगा। किसानों को इस साल ऐसे उपकरण खरीदने के लिए 75 करोड़ की सब्सिडी दी जायेगी।
मिटटी हेल्थ कार्ड एक नवंबर तक
कृषि मंत्री ने बताया कि प्रदेश के सभी किसानों को सॉइल हेल्थ कार्ड एक नवंबर तक पहुंचा दिए जाएंगे जिससे किसान को उसकी भूमि की उर्वरा शक्ति और अन्य जानकारियां मिल सकेंगी। प्रदेश की चार लाख हेक्टेयर भूमि, जो जलाक्र ांत या अन्य कारणों से खराब है, उसका उपचार अगले दस वर्ष में चरणबद्ध तरीके से किया जाएगा। इसके लिए व्यापक योजना के साथ पूरी टीम काम करेगी। इसमें से कुछ भूमि पर मछली पालन भी शामिल है। सीड एक्ट बिल लाये जाने की बात भी कृषि मंत्री ने कही। उन्होंने कहा कि आज यह समय की जरुरत है। देश में हम किसानी में आगे हैं, इसलिए ये पहल भी हरियाणा करेगा। उन्होंने कहा कि किसानी को रिस्क फ्री करने के प्रयास किए जाएंगे। जलवायु के अनुरूप खेती करके किसान अधिक लाभ कमा सकता है।
जोखिम फ्री गांव और जोखिम फ्री किसान के लिए बीमा
श्री धनखड़ ने जोखिम फ्री गांव और जोखिम फ्री किसान के लिए बीमा को जरूरत बताया और कहा कि प्रदेश को सीड सरप्लस स्टेट बनाएंगे। इसके लिए भी विचार किया गया है। धनखड़ ने बताया कि इस मंथनशाला में कुछ अन्य विषयों पर भी विचार किया गया। उन्होंने मौके पर ही विभाग के आलाधिकारियों के साथ सभी विषयों पर चर्चा की। इसी कड़ी में हर वर्ष 50 हज़ार एमटी यूरिया और केमिकल फर्टिलाइजर का उपयोग कम करने का लक्ष्य तय किया गया ताकि खेती को हैल्थ के लिए और अच्छा बनाया जाये।
इस अवसर पर किसान आयोग के चैयरमैन डॉ रमेश यादव, किसान मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष नेता संजय सिंह भाटी, कृषि विभाग हरियाणा के निदेशक डी के बेहेरा, बागवानी विभाग हरियाणा के निदेशक अर्जुन सैनी सहित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।