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जयपुर, 11 जुलाई। राजस्थान किसान आयोग के अध्यक्ष प्रो. सांवर लाल जाट ने मंगलवार को पंत कृषि भवन में किसानों से जुडे़ 34 विभागों, अनुसंधान संस्थाओं एवं कृषि- पशुपालन विश्वविद्यालयों के अधिकारियों की बैठक ली।
प्रो. जाट ने कहा कि संबद्ध विभागों के अधिकारी एवं विशेषज्ञ अच्छा कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बैठक का मुख्य उददेश्य संबद्ध विभागों एवं संस्थाओं के अधिकारियों-विशेषज्ञों से किसानों की समस्याओं की जानकारी प्राप्त करना और समस्याओं के निराकरण हेतु सुझाव प्राप्त करना है, ताकि यह सुझाव आयोग के आगामी प्रतिवेदन में सम्मिलित किये जा सके एवं किसानों को वास्तविक लाभ मिल सके।
प्रो. जाट द्वारा विश्वविद्यालयों एवं अनुसंधान केन्द्रों द्वारा किये गये नवीन शोध कार्यों एवं स्थानीय आवश्यकताओं के अनुरूप विकसित किस्मों एवं यंत्रों की जानकारी प्राप्त की गई। उन्होंने राजस्थान के मसालों के लिये प्रोसेसिंग सुविधायें राजस्थान में ही विकसित करने, अधिकाधिक किसानों को सौर उर्जा आधारित पम्प सेट योजना के माध्यम से लाभान्वित करनेे, किसानों की उपज की समय पर खरीद करने, बाजरा बीज उत्पादन राजस्थान में करने और आवंला के लिए राज्य में पोस्ट हार्वेस्टिंग सुविधायें सृजित करने के लिए विभागों को निर्देश दिए गए।
आयोग अध्यक्ष द्वारा खराब बीज से फसल खराब होने के मामलों में फसल की पूरी लागत के बराबर मुआवजा दिलवाने एवं बीज उत्पादक पर पेनल्टी लगाने हेतु राजस्थान राज्य बीज निगम को निर्देशित किया गया। उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा वर्ष 2022 तक किसानों की आय दुगुनी करने का लक्ष्य रखा गया है, इस कार्य में सभी विभाग एवं अधिकारीगण अपनी-अपनी योजनायें बनाएं एवं यह बतायें कि किस प्रकार से किसानों की मौद्रिक आय दुगुनी की जा सकती है।
बैठक में राज्य में प्रमाणित बीज की मानसून पूर्व उपलब्धता, मांग एवं उत्पादन में अंतर, किसानों को बिजली आपूर्ति, लंबित कृषि कनेक्शनों की संख्या, डिग्गी निर्माण, सोलर पंप सेट की योजना के विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के माध्यम से क्रियान्वयन, मंडी व्यवस्था, मंडियों में न्यूनतम मूल्यों से कम मूल्य पर उपज की बिक्री, राजस्थान में उत्पादित मसालों के लिये प्रोसेसिंग यूनिट की आवश्यकता, नर्सरियों की खस्ता हालत, भामाशाह पशु बीमा योजना, पशुओं के लिये चिकित्सा सुविधाओं, मृत्यु, दुर्घटना की स्थिति में कृषकों के क्लेम में देरी आदि विषयों पर चर्चा हुई।
कृषि विभाग के आयुक्त एवं राजस्थान किसान आयोग के सदस्य सचिव विकास सीतारामजी भाले ने कहा कि राजस्थान किसान आयोग द्वारा निकट भविष्य में राज्य सरकार को प्रतिवेदन प्रस्तुत किया जाना है। प्रतिवेदन में किसानों-पशुपालकों एवं आमजन से प्राप्त समस्या-सुझावों के साथ-साथ, किसानों-पशुपालकों से जुड़े विभागों के अधिकारियों एवं विशेषज्ञों से किसान हित के सुझाव प्राप्त करने के लिए यह बैठक आयोजित की गई है।
बैठक में राष्ट्रीय बीज एवं मसाला अनुसंधान केन्द अजमेर, के निदेशक डॉ. गोपाल लाल एवं अतिरिक्त निदेशक उद्यान डा. शरद गोधा, राजस्थान राज्य बीज निगम लिमिटेड के महाप्रबंधक श्री यशपाल महावत, निदेशक प्रसार डॉ. एन. के. शर्मा, कृषि विश्वविद्यालय जोबनेर श्री कर्ण नरेन्द्र, अनुसंधान कृषि विश्वविद्यालय निदेशक जोधपुर डॉ. बी. आर. चौधरी, राजफेड महाप्रबंधक डा. राजेन्द्र शर्मा, कृषि विश्वविद्यालय कोटा के निदेशक प्रसार,डा. के. एम. गौतम, कृषि विपणन बोर्ड सचिव श्री एच एन यादव द्वारा भाग लिया गया।