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जयपुर, 11 जुलाई। मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान में बरसाती जल के संरक्षण के लिए बने स्ट्रक्चर किस तरह ग्रामीणों के लिए प्रत्यक्ष रूप से फायदेमंद साबित हो रहे हैं, प्रतापगढ़ के धरियावद ब्लॉक की पंचायत बिलड़िया के गांव नाल में बनी एमपीटी इसका सटीक उदाहरण है।
जलग्रहण विभाग की ओर से नाल में केसरा रूपा के खेत के पास बनाई गई इस एमपीटी में बरसात का पानी भरा हुआ है। हालांकि अभी इलाके में बहुत अधिक बारिश नहीं हुई है, इसके बावजूद एमपीटी में काफी पानी आया है। यही नहीं, इस पानी के एकत्र होने से पास ही बनाए गए कुएं में भी अब भूजल स्तर बढता हुआ दिख रहा है। जमीन से रिसकर कुएं में आते पानी को साफ-साफ देखा जा सकता है।
एमपीटी में भरे पानी और कुए में बढ रहे जल स्तर से उत्साहित ग्रामीण भीमा रूपा ने बताया, एमपीटी में भरे पानी से आसपास के खेतों में रबी की फसल भी आराम से ली जा सकेगी। साथ ही मवेशियों के लिए भी पीने के पानी की समस्या खत्म हो गई है। वे बताते हैं कि खेती-बाड़ी और मवेशी ही उनके जीवन यापन का प्रमुख आधार हैं। ऎसे में यह एमपीटी उनके लिए वरदान साबित होगी। पास ही झोंपड़ी में बंधे मवेशियों की ओर इशारा करते हुए वे कहते हैं कि इन पशुओं के लिए पीने के पानी की हमेशा उन्हें चिंता रहती थी लेकिन अब लगता है कि उनकी यह चिंता भी दूर हो जाएगी। उम्मीद है कि अब सालभर कुए में पानी रहेगा।
जलग्रहण विभाग के एसई जी.एल. रोत के मुताबिक, महज एक लाख 80 हजार की लागत से बनी यह एमपीटी आसपास के ग्रामीणों के लिए उपयोगी साबित हो रही है। इस ग्राम पंचायत में जलग्रहण विभाग की ओर से पांच जल संरक्षण स्ट्रक्चर बनाए गए हैं। इसके अलावा वन विभाग एवं जल संसाधन विभाग की ओर से भी कई काम कराए जा रहे हैं।
जिला कलक्टर नेहा गिरि के मुताबिक, बरसाती पानी की बूंद-बूंद सहेजने की परिकल्पना के साथ शुरू किया गया यह अभियान प्रतापगढ जिले के लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है। विभिन्न प्रकार की जल संरक्षण संरचनाओं में पहली ही बारिश के बाद भरपूर पानी देखने को मिला और कुओं का भूजल स्तर भी काफी बढ रहा है। एमजेएसए प्रथम चरण में कराए गए कार्यों के बाद इस बार अनेक गांवों में टैंकरों से जलापूर्ति भी नहीं करनी पड़ी। कृषि और पशुपालन जैसी गतिविधियों में एमजेएसए बड़ा ही सहायक साबित हो रहा है।
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