खास खबर : डीसी के दावे के 15 दिन बाद भी मेवात ओडीएफ नहीं बन सका

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: डीसी के दावे के 15 दिन बाद भी मेवात ओडीएफ नहीं बन सका

: आज भी महिला और पुरूष हाथ में बोतल लेकर जंगल में शौच के लिये जाते हैं

: डेढ लाख रूपये महिना किराऐ पर नपा पुनहाना खरीदे 35 मोबाईल शैचालय

: लोगों में नाराजगी,  डीसी मेवात जबरदस्ती गरीब लोगों से शौचालय बनवा रहा है जबकि सरकार गरीबों को एक शौचालय के लिये 12 हजार रूपये देती है

यूनुस अलवी

 
खास खबर : डीसी के दावे के 15 दिन बाद भी मेवात ओडीएफ नहीं बन सका 2मेवात:   मेवात उपायुक्त मणिराम शर्मा ने मेवात जिला को खुले में शौचमुक्त करने के लिए 23 जून की डेटलाईन तैय की थी और 26 जून को शौचमुक्त ईद मनाने का ऐलान भी किया था। आज दो सप्ताह बीत जाने के बाद भी मेवात जिला तो दूर पुन्हाना नगर पालिका ही ओडीएफ नहीं बन सकी है। आज भी पुन्हाना कस्बे के पुरूष और महिलाऐं हाथ में पानी की बोतल लेकर जंगल में खुले में शौच करने के लिये जाती हैं। ऐसे में मेवात के डीसी मणिराम शर्मा के उन दावों की पोल खुलती नजर आ रही है जो उन्होने करीब 15 दिन पहले एक पत्रकारवार्ता में किये थे। मेवात को खुले में शौचमुक्त करने के लिऐ मेवात उपायुक्त मणि राम शर्मा अब तक 31 मार्च, 23 जून सहित कई डेटलाईन फिक्स कर चुके हैं। ओडीएफ मामले में प्रदेश के अन्य जिलों की श्रेणी में आने के लिये मेवात प्रशासन की आधी अधूरी तैयारी आडे आ रही है। जल्द बाजी में मेवात को ओडीएफ बनाने की नियत से मेवात के डीसी ने कई पंचायतों से ये कहकर प्रस्ताव ले लिऐ थे कि पहले ओडीएफ घोषित कर देते हैं और बाद में शौचालय बनते रहेगें। ऐसे कई गावों के खुलासे हमारा अखबार कर चुका है जिनको प्रशासन और पंचायत ने ओडीएफ घोषित कर दिया था लेकिन उन गावों में सैंकडों घरों शौचालय बने ही नहीं थे। जिनमें खासतौर से नूंह खंड के मरोडा सहित कई गांव शामिल हैं।
 
 

: पुन्हाना नगरपालिका ने किराऐ पर खरीदे मोबाईल शौचालय

: हर महिने डेढ लाख रूपये से अधिक अदा करना होगा किराया

 
 
    पुन्हाना नगर पालिका की चेयरमैन के ससुर और पूर्व नपा चेयरमेन शमशुदीन ने बताया कि उनकी नगर पालिका में कुल 15 वार्ड हैं। जिनमें से अभी तक 2, 12 और 13 वार्ड पूरी तरह खुले में शौचमुक्त हो चुके हैं। बाकी सभी वार्डो को 10 जुलाई तक ओडीएफ बना दिया जाऐगा। उन्होने बताया कि नगर पालिका ने पुन्हाना को ओडीएफ बनाने के मकसद से 35 मोबाईल शौचालय किराऐ पर मंगवाऐ हैं। प्रति शौचालय 4500 रूपये प्रति माह किराया तैय किया गया है। जिनका नगरपालिका को हर महिने करीब एक लाख 57 हजार 500 रूपये का किराया देना होगा।  
 

कैसे होगा रखरखाव ?

 
 पूर्व चेयरमेन शमशुदीन ने बताया कि जिस कंपनी से मोबाईल शौचालय किराए पर लिऐ हैं। उनको प्रति शौचालय 4500 रूपये नगर पालिका को अदा करना होगा लेकिन कंपनी की जिम्मेदारी होगी है कि वह सफाई, पानी आदि की खुद व्यवस्था करेगी। उन्होने बताया कि दो दिन के अंदर ये शौचालय काम करना शुरू कर देंगें।
 

कहां-कहां रखे जाऐगें शौचालय ?

 
 शमशुदीन ने बताया कि फिलहाल नगर पालिका के अंर्तगत आने वाले गांव पटाकपुर प्राईमरी स्कूल पर चार और आंगनवाडी केंद्र के नजदीक तीन, पुन्हाना की ईदगाह के पास जहां पर बर्मा के शरणार्थीयों के लिऐ। जमालगढ रोड पर पांच, पुन्हाना के प्राईमरी स्कूल के पास दो, शमशादघाट और अंबेडकर पार्क के बीच पांच, सूपी कैनाल रेस्टहाउस के नजदीक पांच, पुन्हाना बस अड्डा के नजीदी तीन सहित कुल 35 मोबाईल शौचालय रखे गऐ हैं। उन्होने बताया कि शौचलय दो, तीन, चार और पांच के बने हुऐ संट हैं। ये शौचालय महिला और पुरूष दोनो के लिये है पर महिला और पुरूष के अलग-अलग रखे गऐ हैं।
 

क्या कहते हैं समाजसेवी ? 

 
   समाजसेवी रमजान चौधरी ऐडवोकेट का कहना है कि मेवात के उपायुक्त नाम कमाने के मकसद से बहुत ही त्यादा जल्दबाजी करने पर लगे हुऐ हैं। शौचालय बनाने के लिये सरकार की ओर से 12 हजार रूपये की राशी दी जाती है लेकिन डीसी साहब जबरजस्ती बिना पैसे दिऐ घरों में शौचलय बनवाने पर अडे हुऐ हैं। उनका कहना है कि मेवात में बहुत से लोग इतने गरीब है कि उनके पास खाने का भी सही से गुजारा नहीं चलता है। उन्होने बताया कि जब सरकार गरीबों को पैसे देती है तो डीसी उन पैसों को गरीबों को क्यों नहीं देते। सरकार का काम होता है गरीबों की मदद करना ना की जबरजस्ती डंडा के बल पर कोई काम करवाना। उन्होने कहा कि आज भी मेवात के सैंकडों गावों में लोग खुले में शौच के लिये जाते हैं। बहुत से गावों में पीने का पानी तक मयस्सर नहीं हैं।
 
 

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